इन्होंने गौशालाओं के लिए दान कर दी सैकड़ों बीघा भूमि, फिर मिला सम्मान
*15 वां गौशाला संचालक सम्मेलन व अभिनंदन समारोह गौशालाओं का प्रशिक्षण व संवाद*
संभलें अन्यथा धीरे-धीरे देशी गोवंश समाप्ति के कगार पर पहुंच रहा है – राजाराम धारणिया
बीकानेर। बीकानेर गौशाला संघ, पशुपालन विभाग बीकानेर, वेटरनरी यूनिवर्सिटी बीकानेर के संयुक्त तत्वावधान में प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी 26 अगस्त शनिवार को स्थानीय वेटरनरी ऑडिटोरियम वेटरनरी कॉलेज परिसर में गौशाला संचालकों के प्रशिक्षण व अभिनंदन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। संघ के अध्यक्ष सूरजमालसिंह नीमराना में बताया कि इस महति आयोजन में संतों के पावन सानिध्य में अतिथियों ने गौ माता व सरस्वती माता के समक्ष दीप प्रस्तुत कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
नीमराना ने बताया कि सबसे बड़ा दान भूदान होता है। गौशाला हेतु भूमि का दान करने वाले विभूतियों का सम्मान किया गया श्री गंगा गौशाला को 200 बीघा भूमि दान करने वाले स्वर्गीय सुखराम बिश्नोई , 111 बीघा जमीन गोपाल गौशाला डूंगरगढ़ को दान करने वाले परशुराम स्वामी गोसाई सर, केसर देसर गौशाला को 67 बीघा जमीन दान करने वाले प्रयागराज चांडक, श्री करणी गौशाला देशनोक को 58 बीघा जमीन दान करने वाली बिरजू देवी बिश्नोई बनिया, इसी प्रकार 22 भूमि दानदाताओं का सम्मान किया गया जिन्होंने लगभग 15 करोड़ की भूमि गौशालाओं को दान में दी।
नीमराना ने बताया कि गौशाला संचालक क्षेत्र में सबसे अधिक उम्र के और सबसे युवा गोसेवी का सम्मान करने की परंपरा का प्रारंभ किया। हमने गौ शाला संचालन करने वाले वयोवृद्ध फुसराज स्वामी बाबा रामदेव गौशाला बादनु, युवा गौशाला संचालक सुनील व्यास शिव गोरख गौशाला शोभासर का अभिनंदन किया। इससे युवाओं को प्रेरणा मिले और वह गौ सेवा क्षेत्र में आगे बढ़े। आयोजन में लंपी में सेवा देने वाले गौ भक्त, गोचर संरक्षण करने वाले गौ भक्त, पंचायत समिति स्तर पर नंदी शाला का संचालन करने वाले गौशाला संचालक, बीकानेर शहर में चिकित्सा सुविधा व पशु एंबुलेंस से घायल गोवंश को सेवा और चिकित्सा करने वाले गो भक्तों का सम्मान किया गया ।
कार्यक्रम में अपनी बात रखते हुए जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने कहा कि ऐसी ही सेवा से गोवंश को बचाया जा सकता है। हम सब एक होकर गोवंश के निमित्त कार्य करेंगे तभी भारतीय नस्ल भारतीय गौवंश बच पाएगा। आज गोचर संरक्षण करने वाले, चिकित्सा सेवा देने वाले और भूमि दान करने वाले गो भक्त तो वास्तव में सेवा का प्रतिरूप है। उन्होंने कहा की गौशाला संचालन की प्रथम कड़ी भूमि है और भूमि दान करने वाला सबसे बड़ा गौ माता का सेवक है, जब आपके पास में भूमि होगी तभी आप गौशाला संचालन कर पाएंगे। उस पर बड़े-बड़े भवन व आश्रय बना पाएंगे। सभी दानदाता बीकानेर जिले की समस्त गौशालाओं के लिए भूमि दान में देवें ताकि गौशालाओं का सुचारू संचालन हो सके। उन्होंने राज्य सरकार की गौशाला संचालन, पशु शाला संचालन, नंदी शाला संचालन की योजनाओं के विषय में भी बताया और कहा कि अधिक से अधिक गौशालाओं को संस्थाओं को आगे आकर इन योजनाओं का संचालन करना चाहिए ।
इस अवसर पर डॉ राजेंद्र स्वामी ने कहा कि राज्य सरकार की ग्राम पंचायत स्तरीय पशु शाला गौशाला, पंचायत समिति स्तरीय गौशाला का संचालन के लिए संस्थाएं आगे आए और सरकार की महति योजना का लाभ गोवंश के हितार्थ उठाएं । उन्होंने पंचायत समिति स्तर पर नंदी शाला का संचालन करने के लिए आगे आने वाली संस्थाओं का धन्यवाद किया और ग्राम पंचायत स्तर पर खुलने वाली गौशालाओं के लिए भी संस्थाओ को आगे आने का आह्वान किया।
राजस्थान पशु संवर्धन बोर्ड के कार्यकारी अधिकारी डॉक्टर नरेंद्र मोहन सिंह ने कहा कि राज्य सरकार गोवंश के प्रति बहुत संवेदनशील है। राज्य सरकार की योजना है कि सेक्स सीमन द्वारा बछड़ियां अधिक पैदा हो। इस प्रकार गौशालाएं उस सेक्स सीमन का उपयोग करें और प्रत्येक गोपालक भी उसका उपयोग करें ताकि नर गोवंश की समस्या का कुछ हद तक समाधान हो सके ।
कार्यक्रम में अपनी बात रखते हुए अतिरिक्त संभाग्य निदेशक डा.वीरेंद्र नेतरा ने कहा कि राज्य सरकार की सभी योजनाओं का सफल संचालन करना गौशालाओं, स्वयंसेवी संस्थाओं व विभाग का संयुक्त दायित्व है । हम सबको मिलकर गोवंश के लिए इन योजनाओं का संचालन करना चाहिए ताकि अधिक से अधिक भारतीय गौवंश को लाभ पहुंचाया जा सके ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए गौ ग्राम सेवा संघ राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष ललित दाधीच ने कहा कि वर्तमान में राज्य सरकार ने गोवंश हेतु सुंदर योजनाएं बनाई है, उन योजनाओं का अधिक लाभ लिया जा सके इसके लिए हम संस्थाओं को आगे आना होगा और भारतीय गौवंश को बचाने के लिए हमें नस्ल संवर्धन, नस्ल संरक्षण, गौ चिकित्सा क्षेत्र में कार्य करना होगा। राज्य सरकार की योजनाएं और दानदाता दोनों मिलकर गोवंश के लिए बड़ा कार्य कर सकते हैं। अतः हम सबको संयुक्त रूप से कार्य कर नल संवर्धन वह नर गौवशं संरक्षण करना होगा ।
इस अवसर पर राजाराम धारणिया ने कहा कि गौवशं को, गौशाला, पिंजरापोल में व सरकार की योजनाओं से बचाने का प्रयास हो सकता है, परंतु वास्तव में गाय किसान के खूंटे पर ही बच पाएगी। सभी गोपालकों से, किसानों से निवेदन है कि भारतीय देसी गौवंश को बचाने के लिए अपने-अपने घर में गोवंश पाले तभी हम आने वाली पीढ़ी को भारतीय देसी गौवंश दिखा सकते हैं अन्यथा धीरे-धीरे देशी गोवंश समाप्ति के कगार पर पहुंच रहा है । संगठन के कार्यकारी अध्यक्ष सुरेश कुमार जोशी ने बताया कि इस सम्मान व अभिनंदन समारोह में जिन गोशालाओ को दानदाताओं ने पांच बीघा या उससे अधिक भूमि दान देने वाले दानदाताओं का सम्मान किया गया। ताकि इससे प्रेरणा लेकर भूमि देने की प्रवृत्ति दानदाता में बढे़ और गौशालाएं स्वयं की भूमि पर संचालित हो।
संघ के महामंत्री निरंजन सोनी ने बताया कि संघ प्रतिवर्ष गौशाला संचालकों का सम्मेलन, संवाद, प्रशिक्षण व अभिनंदन समारोह का आयोजन करता है । यह हमारा 15 वां आयोजन है, इसके अंतर्गत हमने गौशालाओं को प्रशिक्षण दिया, वह गौशालाओं के द्वारा कुछ नया करने वालों का सम्मान भी किया। इस कार्यक्रम में बीकानेर जिले में नंदी शाला संचालन करने वाली गौशालाओं का सम्मान किया। कार्यक्रम में बीकानेर संभाग की गौशालाओं के साथ नागौर जिले की गौशाला संगठन के तहसील व जिला पदाधिकारियों ने भाग लिया।
कार्यक्रम में डॉक्टर नरेंद्र मोहन सिंह, डॉक्टर वीरेंद्र नेत्रा का नागरिक अभिनंदन किया गया। वह गोपाल सिंह नाथावत, डॉ राजेंद्र स्वामी का गौशालाओं का विभागीय सहयोग के लिए सम्मान किया गया। लंपी के दौरान विजय कोचर, श्रेयांश वेद, नानूराम महाजन की टीम जिन्होंने लंपी में गोवंश को बचाया, सेवा, चिकित्सा की। बीकानेर शहर में नित्य गौ चिकित्सा व घायल, बीमार गोवंश के लिए एंबुलेंस उपलब्ध करवाने वाले धर्मेंद्र शारसवत, गोपी किशन अग्रवाल तथा गोचर में पानी की सेवा देने वाले अविनाश व्यास का गौ सेवा सम्मान किया गया।
गोचर में अभिनव कार्य करने वाले बंसीलाल तंवर, राजेंद्र सिंह का सम्मान किया गया। बीकानेर जिले की पंचायत समिति स्तरीय नंदी शाला संचालन के लिए प्रयाग चांडक केसर देसर, हरिकिशन पांचू, सुरेश जोशी मोमासर, चांद वीर सिंह बज्जू ,रामकुमार तेतरवाल 1 पीएच एम, हनुमानगढ़ की नंदी शालाओं संचालन करने वालों का सम्मान किया गया।
स्वागत भाषण बलदेव दास ने दिया। धन्यवाद जगदीश सिंह राजपुरोहित ने दिया। कार्यक्रम में बीकानेर जिले की गौशालाओं सहित नागौर, हनुमानगढ़, गंगानगर, चूरू की गौशाला संघ के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
इस अवसर पर महेंद्र सिंह लखासर, प्रेम सिंह घुमांदा, रणवीर सिंह रावतसर, पार्षद अनूप गहलोत, सत्यनारायण राठी, सत्यनारायण स्वामी, जगदीश स्वामी, भैराराम नाई, प्रेम कुमार गोदारा, भैराराम रोज, रामेश्वर लाल गोदारा, रुपाराम सुथार, मालाराम बापेउ, हनुमान तर्ड झाड़ेली, शंकर लाल पारीक खाजूवाला, शंकर लाल पारीक अकसर ,लक्ष्मी नारायण ओझा अर्जुनसर, जुगल किशोर पारीक नोखा, राजूराम उपाध्याय, विक्रम सिंह कालू सिंह, जय सिंह, जसराम जी लालासर आदि ने भाग लिया। मंच संचालन गोपाल सिंह नाथावत, अगर सिंह कोटासर, निरंजन सोनी व जलज सिंह ने किया।