भामाशाह एवं सरकार एक दूसरे के पूरक के रूप में सहयोगी रहने से ही सरकारी विद्यालयों एवं विद्यार्थियों का विकास पूर्ण रूपेण हो सकेगा- पचीसिया
बीकानेर। बालक की अन्तनिर्हित प्रतिभा व क्षमता को पहचान कर उसे उद्घाटित करने का सराहनीय कार्य शिक्षक व समाज को करना होता है। यह विचार समग्र शिक्षा बीकानेर के मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी राजकुमार शर्मा ने शुक्रवार को राजकीय माध्यमिक विद्यालय पवनपुरी दक्षिण विस्तार बीकानेर परिसर में आयोजित वार्षिक उत्सव पूर्व छात्र स्नेह मिलन एवं भामाशाह सम्मान कार्यक्रम के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किए। मुख्य अतिथि शर्मा ने विद्यालय विकास में योगदान देने वाले भामाशाहों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार के साथ साथ भामाशाहों से मिलने वाले आर्थिक सहयोग के कारण ही सरकारी विद्यालयों में अध्ययनरत बच्चे लाभान्वित हो रहे है और नामांकन भी निरन्तर बढ़ रहा है । इससे पूर्व कार्यक्रम में बच्चो ने सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुतियाँ दी। वहीं कोरोना काल में ऑनलाइन शिक्षण कार्य में सहयोग करने वाले शिक्षकों का स्मृति चिन्ह देकर सम्मान किया गया। भामाशाहों द्वारा विद्यालयों में किए योगदान पर माल्यार्पण के साथ स्वागत अभिनन्दन करते हुए यादगार स्मृति चिन्ह दिए गए । इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए बीकानेर जिला उद्योग संघ के अध्यक्ष डीपी पच्चीसिया ने कहा कि बालक के सर्वागीण विकास में शिक्षकों के योगदान का भुलाया नहीं जा सकता । उन्होंने कहा कि भामाशाह एवं सरकार एक दूसरे के पूरक के रूप में सहयोगी रहने से ही सरकारी विद्यालयो एवं अध्ययनरत विद्यार्थियो का विकास पूर्ण रूपेण हो सकेगा । उन्होने कहा कि सरकार योजना के साथ साथ जनसहभागिता भी आवश्यक है ताकि सरकारी विद्यालयों में संसाधनों के माध्यम से अध्ययनरत बालक बालिकाओं के विकास को आगे बढाया जा सके । डाइट व्याख्याता सन्तोष टाटिया ने कहा कि हमारा बालक आत्मबल व विश्वास से लबरेज होना चाहिए। इसके लिए सभी को सामूहिक प्रयास करने पर जोर दिया । विशिष्ट अतिथि पार्षद पुनीत कुमार शर्मा ने कहा कि शिक्षा के नवाचारों से शिक्षा में गुणवता बढ़ेगी इसलिए समय समय पर शिक्षक नवाचारों से जुड़े रहे तथा क्रियात्मक रूप से प्रयोग करने से विद्यार्थी भी शिक्षा से जुड़ेगा । उन्होंने कहा कि शिक्षा क्षेत्र में कोई भी बालक सुविधाओं के अभाव में विद्यालय न छोड़े। इस और समाज एवं विद्यालय परिवार को जागरूक रहना होगा । विशिष्ठ अतिथि पार्षद जामनलाल गजरा ने कहा उच्चाकांक्षी बालक ही अपनी जिन्दगी में अपने वांछित लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है । उन्होंने कहा कि बालक की विद्यालय में नियमित उपस्थिति रहे। इस और भी शिक्षकों के साथ साथ अभिभावकों को भी ध्यान देना चाहिए । अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी सुनील बोड़ा ने कहा कि शिक्षा के माध्यम से ही बालको को आगे बढ़ाया जा सकता है । उन्होंने बालकों के सर्वागीण विकास के लिए शिक्षक अभिभावक, समाज को सामूहिक मिल कर कार्य करने का आव्हान किया । उन्होंने कहा कि सरकारी विद्यालयों के निर्माण एवं विकास में सदा ही भामाशाहों का योगदान रहा है । सामाजिक सरोकारों से जुड़े रहे विशिष्ट अतिथि चन्द्रप्रकाश ओझा ने कहा कि बालक को अच्छा नागरिक बनाने के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है । सामूहिक प्रयास से ही श्रेष्ठ भारत का निर्माण सम्भव है । उन्होंने कहा कि सरकारी विद्यालयों के विकास में सरकार के साथ साथ शिक्षक भामाशाह , अभिभावक की महत्वपूर्ण भूमिका है जिसे समझने की आवश्यकता जताई। साथ ही उन्होंने आह्वान किया कि सरकारी नौकरी में लगे कार्मिक निजी विद्यालयों में अपने बच्चों को अध्ययन करवाने का मोह छोड़ दे तो सरकारी विद्यालयों की कायाकल्प होने में समय नही लगेगा । संस्था प्रधान रचना गुप्ता ने कहा कि वर्तमान समय में सरकारी विद्यालयों के आवश्यकता की पूर्ति करने में भामाशाहों के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता । उन्होंने विद्यालय विकास में अग्रणी योगदान देने वाले सभी भामाशाहों का स्वागत किया । कार्यक्रम में अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी राजेश जोशी , एसीबीईओ कान्ता छाबा , सहायक निदेशक ओमप्रकाश गोदारा , कार्यक्रम अधिकारी पृथ्वीराज लेघा , डाइट व्याख्याता सन्तोष टाटिया , सीबीओ कार्यालय समन्वयक दिनेश उतरेजा , सामाजिक कार्यकर्ता चन्द्रप्रकाश ओझा.पूर्णमल राखेचा , गौरीशंकर , पवनपुरी दक्षिण विस्तार विकास समिति अध्यक्ष विनोद जोशी , बीकानेर व्यापार उद्योग मण्डल सचिव वीरेन्द्र किराडू , भामाशाह नरेन्द्र जैन , रितेश जोशी , राजेन्द्र अग्रवाल , शंकरलाल मोदी , कन्हैयालाल सोनी , शशि चुग , सुमन भाटिया , एसएमसी पूर्व अध्यक्ष मोहनलाल चौधरी , एसएमसी अध्यक्ष भावना , रवि आचार्य , देवेन्द्र जाखड , सन्तोष पुनिया , सुमन कुमारी , मौ रमजान , विमला मीणा , विजयसिंह , सविता राव , किरण कॅवर , मंजू खत्री , नीलम शर्मा , विजय व्यास आदि सम्मिलित रहे । कार्यक्रम संचालन रवि आचार्य ने किया तथा आभार देवेन्द्र जाखड ने व्यक्त किया।
