BikanerExclusive

भविष्य के लिए वर्षा जल संचय करना आज की आवश्यता- डाॅ.कल्ला

0
(0)

डाॅ कल्ला ने किया महानंद तलाई में नए ट्यूबवैल का शिलान्यास
बीकानेर, 26 फरवरी। जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी मंत्री डॉ बी डी कल्ला ने कहा कि वर्तमान में पानी का संरक्षण ही भविष्य को सुरक्षित बना सकता है। इसलिए पानी की एक-एक बूंद का सदुपयोग करें। वर्षा जल का संरक्षण करने से ही भू-जल का स्तर बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि भूगर्भ जल स्तर ऊपर आए, इसके लिए आवश्यक है कि वर्षा जल को संचित करना होगा तथा ऐसे स्थान जहां आसपास में पानी के कुएं और तालाब है, उस परिक्षेत्र में वर्षा जल के संचय पर विशेष ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि बीकानेर के लिए यह गौरव की बात है कि यहां मानव निर्मित विश्व की सबसे बड़ी नहर का पानी उपलब्ध है, जिसके माध्यम से 16 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में खेती हो रही है। उन्होंने कहा कि बीकानेर में अगले 10 दिन में एक और ट्यूबवैल कार्य करना प्रारंभ कर देगा, जिससे एक बड़ी आबादी को पीने का पानी और अधिक मात्रा में मिल सकेगा।
डॉ कल्ला शुक्रवार को महानंद तलाई स्थित नए ट्यूबवैल के शिलान्यास समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। इस टयूबवैल पर 25 लाख से अधिक रुपए खर्च होंगे तथा महानंद तलाई के आसपास रहने वाले 20 हजार से अधिक व्यक्तियों को गुणवत्ता युक्त पेयजल उपलब्ध हो सकेगा। डॉ कल्ला ने कहा कि 30 साल पहले तक शहर में खुले कुओं के माध्यम से पेयजल आपूर्ति की जाती थी ये कुएं वर्तमान में काम में नहीं लिए जा रहे हैं । अब नहर बंदी के दौरान पेयजल आपूर्ति की समस्या से निपटने के लिए खुले कुओं के स्थान पर नलकूप बनाए जा रहे हैं जिससे नहर बंदी के दौरान भी आमजन को निर्बाध रूप से पेयजल आपूर्ति की जा सके। उन्होंने कहा कि वर्तमान में बीकानेर में 13 नए ट्यूबवेल स्वीकृत किए गए हैं।
डाॅ. कल्ला ने जल संचयन की उपयोगिता पर बल दिया और कहा कि हमें घर की छतों, स्थानीय कार्यालयों की छतों या फिर विशेष रूप से बनाए गए क्षेत्र से वर्षा का जल एकत्रित करना चाहिए। घरों की छत से जमा किए गए पानी को तुरंत ही प्रयोग में लाया जा सकता है। शहरी क्षेत्रों में वर्षा के जल को संचित करने के लिए बहुत सी संरचनाओं का प्रयोग किया जा सकता है। ग्रामीण क्षेत्र में वर्षा जल का संचयन वाटर शेड को एक इकाई के रूप लेकर करते हैं। उन्होंने कहा कि आमतौर पर सतही फैलाव तकनीक अपनाई जाती है क्योंकि ऐसी प्रणाली के लिए जगह प्रचुरता में उपलब्ध होती है तथा पुनर्भरित जल की मात्रा भी अधिक होती है। ग्रामीण क्षेत्रों में छत से प्राप्त वर्षाजल से उत्पन्न अप्रवाह संचित करने के लिए भी बहुत सी संरचनाओं का प्रयोग किया जा सकता है। उन्हांेने कहा कि शहरी क्षेत्रों में इमारतों की छत, पक्के व कच्चे क्षेत्रों से प्राप्त वर्षा जल व्यर्थ चला जाता है। यह जल जलभृतों में पुनर्भरित किया जा सकता है व जरूरत के समय लाभकारी ढंग से प्रयोग में लाया जा सकता है।
डाॅ. कल्ला ने कहा कि पीने के पानी कि प्रदेश भर में कहीं कमी नहीं रहने दी जाएगी। सभी जिलों में पीने के पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य चल रहा है। उन्होंने कहा कि जल्द ही बीकाजी की टेकरी के पास, रघुनाथ मंदिर परिसर के पास एक और ट्यूबवेल का निर्माण करवाया जाएगा। इसके लिए आवश्यक धनराशि और तकनीकी स्वीकृति शीघ्र ही जारी कर दी जाएगी।
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री ने कहा कि बीकानेर के जितने भी पुराने ट्यूब वैल हैं उन्हें ठीक करने और नए ट्यूबवेल बनाने का कार्य तेज गति से जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बीकानेर की जनता के साथ-साथ पूरे प्रदेश की जनता को चाहिए कि पानी के दुरुपयोग को रोके। पानी की बचत करनी चाहिए और यह भी देखें कि कहीं पानी का अपव्यय तो नहीं हो रहा है। डाॅ कल्ला ने कहा कि अगर हम सब यह संकल्प लेे कि पानी को व्यर्थ नहीं बहने देंगे तो वह दिन दूर नहीं होगा, जब हमारे सभी ट्यूबवेल और जल स्त्रोत पानी से लबालब भरे रहेंगे।
डाॅ. कल्ला ने कहा कि राजस्थान की जनसंख्या पूरे देश की जनसंख्या का लगभग 10.6 प्रतिशत है और उसकी तुलना में हमारे पास पानी 0.1 प्रतिशत है। ऐसी परिस्थिति में हम सब लोगों को चाहिए कि हम पानी के अपव्यय को रोकंे और यह संकल्प भी लेना होगा कि जब भी कहीं नया मकान बने तो वहां वर्षा जल संचय के लिए आवश्यक रूप से एक कुंड बनाया जाए। उन्होंने कहा कि वाटर बॉडी बना कर जल संरक्षण का कार्य होने से जहां हमें शुद्ध पेयजल मिलेगा, वही ताल तलैया में वर्षा जल संरक्षण करने से पानी का जलस्तर भी बढ़ेगा।
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री ने कहा कि आने वाले दिनों में इंदिरा गांधी नहर परियोजना में 70 दिन के लिए पानी की आपूर्ति बंद रहेगी। इसकी मुख्य वजह 122 किलोमीटर नहर की मरम्मत का कार्य होना है। उन्होंने कहा कि मरम्मत का कार्य हो जाने के बाद राजस्थान को आवश्यक मात्रा में नहरी जल निर्बाध रूप से मिल सकेगा। डाॅ कल्ला ने आमजन से अपील करते हुए कहा कि नहर बंदी के दौरान पानी का इस्तेमाल सोच समझ कर करें और दूसरों को समझाइश करते हुए राज्य सरकार का सहयोग करें।
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री ने विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि महानंद जी तलाई में ट्यूबवैल का निर्माण 4 दिन पूरा करते हुए अगले 10 दिनों में पानी की आपूर्ति इस ट्यूबवेल के माध्यम से प्रारंभ हो जानी चाहिए। उन्होंने बताया कि इस ट्यूबवेल 25 लाख 80 हजार रुपए विभाग द्वारा खर्च किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि शहर में जल्द ही सीवरेज के पानी को रिसाइकिल करके उपयोग में लेने के लिए भी बेहतर तकनीकी प्लांट कार्य करना प्रारंभ कर देंगे, जिससे कि रिसाइकिल पानी को पेड़ पौधों में देने के लिए उपयोग में लिया जा सके।
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अतिरिक्त मुख्य अभियंता दिलीप गौड तथा भूजल वैज्ञानिक शंकर लाल सोनी ने ट्यूबवेल के तकनीकी पहलुओं के बारे में बताया। इस अवसर पर महानंद ट्रस्ट के अध्यक्ष घेवर चंद आचार्य, सचिव महेश आचार्य, बंशीलाल आचार्य, सागरमल आचार्य, नंदकिशोर आचार्य, रामनाथ आचार्य तथा मनोज कुमार व्यास ने विचार रखें। कार्यक्रम का संचालन हरि शंकर आचार्य ने किया।
इससे पूर्व ऊर्जा व जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री डॉ बी डी कल्ला ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों के लिए जो तीन कृषि कानून लेकर आई हैै। ये तीनों कानून आम आदमी और गरीब किसानों के लिए घातक हैं । ये काले कानून हैं। इस कानून से मंडिया खत्म हो जाएगी साथ ही लाखों लोग बेरोजगार हो जाएंगेे। उन्होंने कहा कि इस कानून से एमएसपी खत्म हो जाएगी। स्टॉक की कोई लिमिट लागू नहीं होने से सब्जियों, अनाज और दाल के भाव 100 प्रतिशत तक बढ़ जाएंगे । डॉ कल्ला ने कहा कि सरकार ने किसानों से बिना संवाद किए जबरदस्ती और जल्दबाजी में उद्योगपतियों के हित में यह कानून थोपे हैं। उन्होंने कहा कि किसानों को ये सब बातें बताने और इस कानून की खामियां उजागर करने के लिए ही शनिवार को श्रीडूंगरगढ़ तहसील की ग्राम पंचायत धनेरू की ढाणी पिलानिया में ऐतिहासिक सभा रखी गई है।

ऊर्जा मंत्री डा.कल्ला ने सुने अभाव-अभियोग
बीकानेर,26 फरवरी। ऊर्जा, जन स्वास्थ्य एवं अभियान्त्रिकी, भूजल, कला, संस्कृति एवं पुरातत्व मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने शुक्रवार को अपने आवास पर जनसुनवाई की। आमजन ने पानी, बिजली, सडक निर्माण आदि समस्या के निराकरण के लिए उन्हें परिवेदनाएं दी। कुछ लोग अपनी निजी समस्याओं का हल करवाने की परिवेदनाएं दी।इस दौरान डाॅ. कल्ला ने एक-एक व्यक्ति के अभाव अभियोग को धैर्य से सुना और दूरभाष पर संबंधित अधिकारी को समस्या समाधान के निराकरण के निर्देश दिए।

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Average rating 0 / 5. Vote count: 0

No votes so far! Be the first to rate this post.

As you found this post useful...

Follow us on social media!

Leave a Reply