कल्ला ने वेदशाला के लिए दस लाख रुपए देने की घोषणा की
– महाकवि माघ महोत्सव में कवि सम्मेलन और सम्मान समारोह का आयोजन
बीकानेर। वेटरनरी कॉलेज ऑडिटोरियम में रविवार की शाम अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में देशभर से आए कवियों ने रामकथा से जुड़े एक से एक चरित्र को शब्दों से जोरदार तरीके से बयां किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कला मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला ने वर्चुयली उपस्थित रहकर संबोधित किया और बीकानेर शहर में स्थित वेदशाला के लिए दस लाख रुपए देने की घोषणा की। इस दौरान विशिष्ट अतिथि बीकानेर फाउंडेशन के सचिव कमल कल्ला ने कहा कि सनातन धर्म हमें पूर्ण मानव बनाने की ओर अग्रसर करता है लेकिन किसी दूसरे धर्म पर टिप्पणी करने का अधिकार नहीं देता। गुरुजनों ने कहा है कि दूसरे धर्म के प्रति दुष्प्रेरणा रखना ही अधर्म है।
इस मौके पर विशिष्ट अतिथि बीकानेर जिला उद्योग संघ के अध्यक्ष डीपी पच्चीसिया ने कहा कि सनातन धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए संस्कृत को बढ़ावा देना बहुत जरूरी है और इस तरह के आयोजन निश्चित रूप से संस्कृत और संस्कृति को बढ़ावा देने में मील का पत्थर साबित होंगे।
इस दौरान जयपुर के कवि उमेश उत्साही, इटावा के कवि कमलेश शर्मा, मथुरा की पूनम वर्मा और गाजियाबाद के डॉ. वागिश दिनकर ने एक से बढ़कर एक काव्य पाठ किया। कवि सम्मेलन का संचालन अलवर के विनीत चौहान ने किया। सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए साहित्यकार श्रीलाल मोहता ने कहा कि गीता रामायण आधारित कवि सम्मेलन एक नई संकल्पना है। जिसे बीकानेर के लोगों ने बहुत शालीनता के साथ इसे सफल कर दिया। कार्यक्रम संयोजक बनवारी शर्मा ने बताया कि राजस्थान संस्कृत अकादमी के सहयोग से आयोजित यह कवि सम्मेलन महाकवि माघ महोत्सव का हिस्सा था। शर्मा ने बताया कि भविष्य में ऐसे आयोजनों की नियमितता बनी रहेगी। कार्यक्रम में समाजसेवी राजेश चूरा, साहित्यकार मालचंद तिवाड़ी संस्कृत कॉलेज प्राचार्य महावीर सारस्वत सुप्रीम फाउंडेशन के हेमंत शर्मा सहित गणमान्य लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन अरविन्द व्यास ने किया।
कार्यक्रम के दौरान कोरोना वाॅरियर्स वेदपाठ संस्कृति को बढ़ावा देने में कार्य कर रही संस्थाओं के अलावा विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े लोगों को सम्मानित किया गया।