कृषि नीति के तहत जिले में अधिक से अधिक लोगों को उधोग लगाने का मिले अवसर
– राजस्थान कृषि प्रसंस्करण नीति 2019 के तहत प्राप्त आवेदनों पर शीघ्रता से हो निर्णय- मेहता
– विस्तारीकरण प्रकरणों पर प्राथमिकता से निर्णय के निर्देश
बीकानेर। जिला कलेक्टर नमित मेहता ने कहा कि राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति 2019 के तहत प्राप्त आवेदनों पर शीघ्रता से विचार करते हुए नियमानुसार कार्यवाही की जाए। इस नीति के तहत जिले में अधिक से अधिक लोगों को उधोग लगाने का अवसर मिले और रोजगार के नए अवसर सृजित हो , इसे ध्यान में रखते हुए पात्रता पूरी होने की स्थिति में सकारात्मक निर्णय लिये जाएं। नीति के तहत पूंजी अनुदान के लिए प्राप्त आवेदनों पर विचार करने के लिए गठित जिला स्तरीय छानबीन एवं स्वीकृति समिति की बैठक में जिला कलेक्टर ने यह बात कही। मेहता ने कहा कि इस नीति के तहत जिले में जनवरी और दिसंबर माह में कुल 17 प्रकरण प्राप्त हुए हैं। राज्य स्तरीय समिति के लिए 10 तथा जिला स्तरीय समिति हेतु 7 प्रकरण प्राप्त हुए हैं। इनमें से राज्य स्तरीय समिति में पांच प्रकरण विस्तारीकरण के तथा जिला स्तरीय समिति में 2 प्रकरण विस्तारीकरण के शामिल हैं जिन पर जीएम डीआईसी अगले 1 सप्ताह में रिपोर्ट दें। जिससे आवश्यकतानुसार आगे की कार्रवाई के लिए इन्हें उच्च स्तर पर भिजवाया जा सके। विस्तारीकरण से जुड़े प्रकरण में देरी ना हो इसके लिए तुरंत रिपोर्ट भिजवाई जाए।मेहता ने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण योजना के तहत प्राप्त प्रकरणों पर विचार करते समय सब्सिडी बैंक द्वारा प्राप्त की गई अप्रेजल रिपोर्ट , लोन सेक्शन रिपोर्ट और पात्रता के आधार पर गणना करते हुए सब्सिडी की अनुशंसा करें। मेहता ने कहा कि सभी प्रकरणों में परिवादी का लेटेस्ट रिटर्न आवश्यक रूप से शामिल किया जाए।मेहता ने कहा कि ऐसे प्रकरण जो स्पष्ट रूप से एग्रो वेस्ट केटेगरी में शामिल नहीं है। इस पर राज्य सरकार के स्तर पर मार्गदर्शन प्राप्त करें । साथ ही प्राप्त आवेदनों में से जो पूरी तरह सभी पात्रताओं को कवर करते हैं उन पर सकारात्मक अनुशंसा भिजवाई जाए।
गलत वैल्यू आंकने पर वैल्यूअर को दें नोटिस
मेहता ने कहा कि प्रकरणों की जांच करते समय प्रकरण की वैल्यू यदि गलत आंकी गई है तो संबंधित वैल्यूअर को नोटिस भेजकर सही रिपोर्ट के लिए पाबंद करें। बैठक में संयुक्त निदेशक कृषि प्रसंस्करण शशिशेखर शर्मा सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।क्या है योजनाइस योजना के तहत प्रसंस्करण स्तर में वृद्धि करना, छीजत में कमी, मूल्य संवर्धन, किसानों की आय व निर्यात बढ़ाने के उद्देश्य से प्रारंभ की गई इस योजना के तहत नई इकाइयों की स्थापना व विस्तारीकरण के लिए आधुनिकीकरण का कार्य शामिल हैं। योजना में कृषक श्रेणी में आधुनिकीकरण, तकनीकी व सिविल कार्य पर 50 प्रतिशत व अन्य पात्र को 25ः तक अनुदान दिए जाने का प्रावधान है।