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बजट को लेकर प्रोफेशनल्स, कारोबारी क्या सोचते है, देखें प्रतिक्रया

बीकानेर। आज वित मंत्री निर्मला सीतारमण ने नये दशक का पहला आम बजट पेश किया। बजट को लेकर कंपनी सेक्रेट्री, कारोबारी, कलाकारों आदि ने अलग-अलग प्रतिक्रिया दी।

कंपनी सेक्रेट्री नितीश कुमार रंगा कहते हैं कि इस साल बजट आम आदमी के लिए फ़ायदेमंद रहा क्योंकि सरकार ने नया कोई भी कर नहीं जोड़ा है। साथ में ही प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की भागीदारी 49% से बढाकर 74% कर दी गई है जिससे विदेशी निवेश भारत में बढ़ेगा। जहाँ सभी लोग यह मंशा कर रहे थे कोविड-19 के कोहराम के चलते कर की दरो में बढ़ोतरी होगी वह नहीं हुआ ये बहुत बड़ी बात है । कुल मिलाकर यह बजट अच्छा है।

मोहता चौक व्यापार मण्डल के अध्यक्ष घनश्याम लखाणी कहते हैं कि इस डिजिटल बजट मे कोरोना महामारी, इन्फ्रास्ट्रक्चर, स्वस्थ भारत, मेक इन इंडिया, शिक्षा, रोज़गार, किसानों और महिलाओँ पर विशेष ज़ोर दिया। इस बजट से आम आदमी को फायदा होगा जिससे देश के विकास को नई गति मिलेगी।

  1. इलेक्ट्रॉनिक्स गुड्स, मोबाइल और अन्य उत्पादों पर ड्यूटी बढ़ाने से देश में मेक इन इंडिया को बढ़ावा मिलेगा।
  2. विभिन्न बजट प्रावधानों से देश मे इन्फ्रास्ट्रक्चर का आधुनिकीकरण होगा जिससे भारत के विकास को नई गति मिलेगी।
  3. बजट प्रस्तावों से राष्ट्र पहले, किसानों की आय दोगुनी करने, मजबूत अवसंरचना, स्वस्थ भारत, सुशासन, युवाओं के लिए अवसर, सभी के लिए शिक्षा, महिला सशक्तिकरण, समावेशी विकास, इत्यादि का संकल्प और मजबूत होगा।
  4. बजट में 75 वर्ष की आयु और उससे अधिक के वरिष्ठ नागरिकों को ज्यादा राहत प्रदान की गई है। ऐसे वरिष्ठ नागरिक जिन्हे पेंशन और ब्याज सहित आय प्राप्त होती है, उन्हे आयकर दाखिल करने से राहत प्रदान की गई है।
  5. छोटे करदाताओं के वाद और कम करने के लिए श्रीमती सीतारमण ने एक विवाद समाधान समिति स्थापित करने का प्रस्ताव किया है।
  6. मुख्य फोकस इंफ्रास्ट्रक्चर और हेल्थ सेक्टर के लिए अनेक घोषणाएँ व राहत प्रदान की है।
  7. ये बजट नए भारत के आत्मविश्वास को उजागर करने वाला बजट है।

युवा बेरोजगार कलाकार व साफा किंग किशन चन्द पुरोहित कहते हैं कि मध्यम वर्ग के लिए यह बजट अनुकरणीय नहीं है। यह बजट युवा वर्ग को नुकसानदायी साबित होगा,क्योंकी युवा वर्ग के साथ सरकार ने 4 करोड़ युवाओं की नौकरी छिनी है और अब सरकार जो की 21 वी सदी के युवा को स्किल्स डवलपमेंट का पाठ पढ़ा रही हैं आज के युवा को प्रौढ़ बनाने की कोशिश की जा रही है। ये बजट जनता को गुमराह कर रहे हैं। महंगाई को कम न करके जनता को जिंदगी भर के लिए कर्ज दार बनाने में लगी है। कुछ स्थानों पर चुनावी बजट साबित होगा। कला सस्कृति के लिए यहाँ बजट में कुछ भी नहीं हैं ।

कर्मचारी नेता रमेश तिवारी कहते हैं कि ये बजट कर्मचारियों के लिए एकदम नीरस रहा है । इनकम टैक्स में कोई छूट नही मिली ? कर्मचारी वर्ग वैसे ही त्राहि त्राहि कर रहा है अगर इनकम टैक्स में छूट मिल जाती तो कर्मचारी वर्ग को कुछ राहत मिल जाती । मेरे हिसाब से ये फ़ैल बजट है ।

नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एम्प्लॉइज यूनियन के जोनल अध्यक्ष कॉमरेड अनिल व्यास कहते हैं कि आज सरकार द्वारा जारी आम बजट पूरा निराशा जनक रहा। जैसा की ऑल इंडिया रेलवे मैन्स फाउंडेशन (AIRF) लगातार रेल के निजीकरण का विरोध कर रही है रेल कर्मचारियों मे इसका बड़ा रोष है पुनः सरकार ने रेल निजीकरण को बढ़ावा देने पर कदम बढ़ाया है। इसका कर्मचारियों मे भारी विरोध है कोविड 19 में देश जिस तरह इस आपदा में था देश के सभी पूंजीपतियों और व्यावसायिक घरानों ने सब कुछ बन्द कर दिया। देश के केंद्र और राज्य सरकार ने इस लड़ाई में सबसे पहले खड़े होकर इस बीमारी से लड़ा है ।देश में किसी भी आपदा में लड़ने के लिए सभी सरकारी कर्मचारी हमेशा तैयार रहते हैं, परन्तु इसके विपरित सरकार निजीकरण को बढ़ावा दे रही है। ये निजीकरण देश के शिक्षित और कुशल क्षमता के युवाओं को अपने कुशलता के अनुरूप परिश्रम नहीं मिलेगा। पूंजीपतियों के अधीन ही गुलामी करनी होगी।
पिछले बजट में रेल बजट को आम बजट में शामिल करने से रेल को पूरी तरह खत्म कर निजीकरण को बढ़ावा देने की मंशा सरकार की झलक गई थी। सरकार ने सभी केंद्र और राज्य कर्मचारियों के लिए इस बजट में कुछ नही दिया जिसके लिए कर्मचारियों में रोष है।
पेट्रोल और डीजल के टैक्स को बढ़ाने से सीधे आम जनता पर बोझ बढ़ेगा। दिन प्रतिदिन पेट्रोल और डीजल का मूल्य वैसे ही बड़ा रहा है । युवाओं के लिए भी ये बजट निराशाजनक रहा ।
इस बजट मे कर्मचारी वर्ग और श्रमिक वर्ग के लिए ना ही कोई राहत दी गई है और ना ही कोई सुविधा की घोषणा की गई है इससे श्रमिक वर्ग में काफी नाराज़गी का माहौल है
1-1-2004 के बाद जो भर्ती हुए है उन लोगो में काफी उम्मीद थी, लेकिन सरकार द्वारा उस पर भी किसी तरह की घोषणा नहीं की गई है। DA जो कर्मचारियो का रुका हुआ है इस पर भी सरकार द्वारा कोई घोषणा नहीं की। इस बजट के अंतर्गत रेलवे को प्राइवेट की ओर ले जाने का मन साफ तौर से केंद्र सरकार का दिखाई दे रहा है जो सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योग है उन्हें भी ख़त्म करने की बात कही गई है। बीमा क्षेत्र में 74 फीसदी विदेशी पूंजी निवेश करने की बात कही है जिससे एलआईसी को भी खतरा होगा। यह आम बजट पूरा निराशाजनक है।

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