Rajasthan

राजस्थान विवि के लिए बीसलपुर जल आपूर्ति योजना का शिलान्यास

0
(0)

बेहतर जल प्रबंधन से कहीं पानी की कमी नहीं आने दी: जलदाय मंत्री

जयपुर। जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में राज्य सरकार ने बीते दो साल में बेहतर प्रबंधन से प्रदेश के हर गांव-ढाणी की पेयजल आवश्यकताओं को पूरा किया है। इस दौरान हमने कहीं भी पानी की कमी नहीं आने दी। उन्होंने कहा कि विषम भौगोलिक परिस्थितियों और आर्थिक चुनौतियों के बावजूद सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं के विकास में प्रदेश ने उल्लेखनीय प्रगति की है।

जलदाय मंत्री शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से राजस्थान विश्वविद्यालय परिसर एवं संबद्ध महाविद्यालयों में बीसलपुर जल आपूर्ति योजना के शिलान्यास समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि 15.60 करोड़ रुपये की लागत से पूरी होने वाली इस योजना से राजस्थान विश्वविद्यालय और इससे जुड़े कॉलेजों को प्रतिदिन 27 लाख लीटर शुद्ध पेयजल की आपूर्ति होगी।
डॉ. कल्ला ने कहा कि राजस्थान विश्वविद्यालय और इससे संबद्ध महाराजा एवं महारानी कॉलेज, कॉमर्स कॉलेज, राजस्थान कॉलेज एवं पोद्दार प्रबंधन संस्थान में अभी टयूबवैल से आपूर्ति की जा रही है। गिरते भू-जल स्तर एवं पानी की गुणवत्ता को लेकर विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों और विद्यार्थियों ने इस योजना के लिए मांग की थी। मुख्यमंत्री ने उनकी मांग को मानते हुए आज यह सौगात दी है। इस योजना के तहत विश्वविद्यालय परिसर और महारानी कॉलेज में एक-एक स्वच्छ जलाशय और एक-एक उच्च जलाशय का निर्माण किया जायेगा। साथ ही द्वितीय चरण में 10 लाख लीटर क्षमता का सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट भी स्थापित किए जाने की योजना है, जिसके उपचारित जल से बागवानी, सफाई और अन्य कार्य हो सकेंगे।
जलदाय मंत्री ने कहा कि गिरते भू-जल स्तर तथा वर्षा की अनिश्चितता के कारण जल संरक्षण महत्वपूर्ण है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि राजस्थान विष्वविद्यालय जल संरक्षण की मुहिम में योगदान देने के साथ ही लोगों को प्रेरित करने में भी सकारात्मक भूमिका निभाए। उन्होंने कहा कि ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट, हरियाणा से यमुना नदी के जल बंटवारे, जल जीवन मिशन सहित पानी से जुड़े राजस्थान के हितोें पर मुख्यमंत्री लगातार प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के समक्ष पुरजोर तरीके से मांग रख रहे हैं। 
डॉ. कल्ला ने कहा कि राज्य सरकार ने 13 जिलों को सतही स्रोत से पेयजल पहुंचाने के लिए 37 हजार 200 करोड़ रुपये की ईस्टर्न कैनाल परियोजना मंजूरी के लिए केन्द्र सरकार को भेज रखीं है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 2018 में स्वयं राजस्थान की भूमि पर इस बात की घोषणा की थी कि राज्य की इस परियोजना को केन्द्रीय परियोजना का दर्जा दिया जाएगा। मगर प्रदेश सरकार की ओर से इस बारे में बार-बार स्मरण कराए जाने के बाद भी इस दिशा में अभी तक कोई प्रगति नहीं हो पाई है। 
जलदाय मंत्री ने कहा कि प्रदेश में जल जीवन मिशन की क्रियान्विति में केन्द्र सरकार की हिस्सेदारी को 90 प्रतिशत तक बढ़ाने के बारे में भी राज्य सरकार द्वारा लगातार ध्यान आकर्षित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा 2013 से पहले जल परियोजनाओं के लिए 90 प्रतिशत की सहायता दी जाती थी। एक अनुमान के अनुसार प्रदेश में जल जीवन मिशन के तहत 2024 तक घर-घर नल से जल पहुंचाने के लिए करीब एक लाख 50 हजार करोड़ रुपये की राशि की आवश्यकता है। इसमें मौजूदा अनुपात के हिसाब से राजस्थान को 50 प्रतिशत हिस्सेदारी के हिसाब से 75 हजार करोड़ का भार वहन करना होगा, जो कोविड-19 और इसके बाद आर्थिक स्थितियों में राज्य के लिए सम्भव नहीं है। यदि केन्द्र सरकार द्वारा 2013 के पहले की स्थिति को बहाल करते हुए अपनी 90 प्रतिशत हिस्सेदारी बहाल कर दी जाती है तो राज्य को 10 प्रतिशत शेयर के हिसाब से 15 हजार करोड़ का ही वहन करना होगा। 
डॉ. कल्ला ने कहा कि विगत 2 वर्षों में प्रदेश में बेहतर जल प्रबंधन के लिए 4 लाख 63 हजार हैण्डपम्पों की मरम्मत की गई है। साथ ही 11 हजार से अधिक नए हैण्डपम्प एवं करीब 5 हजार नए नलकूप स्थापित किए गए हैं। बिना किसी राजनैतिक भेदभाव के सभी विधानसभा क्षेत्रों में पानी से जुड़े कार्याें के लिए 25-25 लाख रूपये स्वीकृत किए गए। कंटीजेंसी प्लान के तहत सभी जिला कलेक्टरों को 50-50 लाख रूपये उपलब्ध करवाए।उच्च शिक्षा मंत्री श्री भंवर सिंह भाटी ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में प्रदेश में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित हुए हैं। बीते 2 साल में प्रदेश में 88 नए राजकीय महाविद्यालय खोले गए हैं। जिला एवं ब्लॉक स्तर पर खोले गए इंग्लिश मीडियम विद्यालयों से सरकारी विद्यालयों में पढ़ रहे बच्चों को अंग्रेजी माध्यम से शिक्षा ग्रहण करने का अवसर मिला है।
श्री भाटी ने कहा कि राज्य सरकार ने कोरोना का बेहतर प्रबंधन किया। उच्च शिक्षा से जुड़े शिक्षकों के साथ-साथ एनएनएस, एनसीसी तथा स्कॉउट एवं गाइड के विद्यार्थियों ने कोरोना के विरूद्ध जनजागरण अभियान में बढ़-चढ़कर योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि बीसलपुर परियोजना से जल आपूर्ति होने से राजस्थान विश्वविद्यालय और इससे जुड़े कॉलेजों की जल समस्या का स्थायी समाधान होगा।
राजस्थान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजीव जैन ने कहा कि विश्वविद्यालय परिवार के करीब 28 हजार विद्यार्थियों, शिक्षकों एवं अन्य कार्मिकों की अरसे से चली आ रही मांग पूरी होगी। उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।
जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री सुधांश पंत ने कहा कि विभाग इस योजना सहित प्रदेश की अन्य सभी पेयजल परियोजनाओं को पूरा करने के लिए मिशन के रूप में कार्य करेगा। इस अवसर पर विषिष्ट शासन सचिव उर्मिला राजोरिया, सूचना एवं जनसम्पर्क आयुक्त श्री महेन्द्र सोनी, मुख्य अभियंता (शहरी) श्री सीएम चौहान सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। 

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Average rating 0 / 5. Vote count: 0

No votes so far! Be the first to rate this post.

As you found this post useful...

Follow us on social media!

Leave a Reply