अब कर्फ्यू बिगाड़ रहा है मिठाई कारोबार का जायका
बीकानेर। कोरोना वायरस के चलते पहले लाॅकडाउन ने और अब कर्फ्यू ने बीकानेर के मिठाई कारोबार का जायका बिगाड़ कर रख दिया है। अनलाॅक के बाद मिठाई व नमकीन का कारोबार कुछ पटरी पर लोटने ही लगा था कि अचानक कर्फ्यू की घोषणा ने मिठाई कारोबारियों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। यहां कारोबारियों का कहना है कि अनलाॅक के बाद मिठाई कारोबार धीरे-धीरे पटरी पर आने ही लगा था कि प्रदेशभर में रात 8 बजे से 6 बजे तक कर्फ्यू की घोषणा ने ग्राहकी बुरी तरह से प्रभावित किया है। उनका कहना है कि असली ग्राहकी शाम को ही शुरू होती है और उसी दौरान पुलिस की गाड़ियां बंद के लिए गश्त लगाना शुरू हो जाती है। हालात यह है कि 75 प्रतिशत उत्पादन कम करना पड़ रहा है। कारोबारियों ने बताया कि लाॅकडाउन के बाद, शादियों व पार्टियों में 50 से 100 व्यक्तियों की लिमिटेशन, कर्फ्यू के साथ पेट्रोल, डीजल व गैस के दामों में बढ़ोतरी मिठाई कारोबार को उभरने ही नहीं दे रहे हैं। ऐसे में सरकार की ओर से किसी भी प्रकार की कुछ भी राहत मिले तो फिर से यह व्यवसाय बाजार में सरवाइव कर पाएगा। वरना अभी खर्च निकालने में समस्या आ रही है।
क्या कहते हैं मिठाई कारोबारी
रानीबाजार औद्योगिक क्षेत्र स्थित प्रेम मिष्ठान भंडार के प्रेम अग्रवाल कहते है कि लाॅकडाउन के बाद 50 से 60 फीसदी सुधार आया है। मिठाई कारोबार को लाॅकडाउन से पहले की स्थिति में आने में होली तक का समय लग जाएगा। पहले लोग शादियों में 2 क्विंटल मिठाई की खरीद करते थें, लेकिन अब पाबंदियों के चलते 30 किलो भी मुश्किल से खरीद रहे हैं।
जस्सूसर गेट के बाहर स्थित रूपचंद मोहनलाल एंड कम्पनी के राजेन्द्र अग्रवाल कहते है कि शाम सात बजे से दुकानें बंद करने के आदेश से पूरा नुकसान हो रहा है अन्यथा यह कारोबार पटरी पर लौट आता। मिठाई की ग्राहकी शाम को ही परवान चढ़ती है तब तक बंद करने का समय हो जाता है। कोरोना की नई लहर से लोगों में फिर से भय व्याप्त होने से भी ग्राहकी टूटी है। सरकार को बाजार रात दस बजे तक खोलने की अनुमति देनी चाहिए। सरकार टैक्स आदि में छूट देकर लाॅकडाउन में हुए नुकसान की भरपाई कर दें तो बेहतर रहेगा।
दाऊजी रोड स्थित किशन स्वीट्स के मोहित सिंगोदिया कहते हैं कि मिठाई कारोबार कुछ ट्रेक पर आया है, लेकिन लाॅकडाउन से पहले वाली स्थिति नहीं है। शाम 7 बजे बंद करने की पाबंदी से मिठाईयों व नमकीन की 75 फीसदी क्वांटिटी कम हो गई है। लाॅकडाउन के बाद सरकार ने व्यापारी वर्ग को कोई रिलिफ नहीं दी। लाॅन माॅरेटियन का भी फायदा नहीं हुआ। बिजली बिल में भी राहत नहीं दी। मध्यम वर्गीय व्यापारी हर ओर से वंचित ही रहा है।