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कृषि विधेयकों का विरोध कर कांग्रेस ने अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार ली है: डॉ. पूनियां

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– भाजपा का किसान कल्याण संपर्क अभियान सच को सच साबित करने का अभियान है: डॉ. पूनियां

जयपुर, 30 सितंबर। केन्द्र की मोदी सरकार के कृषि सुधार विधेयकों के बारे में किसानों को जागरूक करने को लेकर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां ने ‘किसान कल्याण संपर्क अभियान’ का फेसबुक लाइव के माध्यम से आगाज किया।
कांग्रेस पर निशाना साधते हुये डॉ. पूनियां ने कहा कि, 55 वर्षों तक लूट और झूठ के आधार पर राज करने वाली कांग्रेस को देश की जनता ने नीति, सिद्धांत एवं विचारों से नकार दिया है, जो साढ़े तीन राज्यों में सिमटकर रह गई है, ऐसी कांग्रेस पार्टी पर भारत की जनता ने ही हल्ला बोल दिया है। उन्होंने कहा कि, यह अतिशयोक्ति नहीं है कि जिस कांग्रेस मुक्त भारत की बात कही गयी हो, वह अपनी कारगुजारियों के कारण खुद ही मुक्त हो जायेगी। यकीकन किसान यही सोचता है कि किसानों के हित में जिन नीतियों का निर्माण होना चाहिये था, जो किसानों को न्याय मिलना चाहिये था, इसके उलट कांग्रेस की भूमिका रही।
उन्होंने कहा कि, मुझे ताज्जुब हुआ कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में किसानों के कल्याण के लिये लाये गये विधेयकों ने किसानों की तकदीर एवं तस्वीर बदलने की प्रतिबद्धता जाहिर की है, अफसोस हुआ कि कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी जी ने कांग्रेस शासित राज्यों को यह कहा है कि इन विधेयकों का विरोध करें, इसका मतलब सोनिया गांधी नहीं चाहती कि किसानों का कल्याण हो, उपज का अच्छे दाम मिले, उनका रकबा बढ़े, उनकी आय दोगुनी हो।
डॉ. पूनियां ने कहा कि, पिछले दिनों भाजपा ने कोरोनाकाल के तीन महीने के बिजली के बिलों की माफी को लेकर प्रदेश एक बड़ा व्यापक हल्ला बोल कार्यक्रम सोशल मीडिया एवं जमीन पर शुरू किया था, जिसे भरपूर समर्थन मिला, कोरोनाकाल में एडवाइजरी का पालन करते जन आंदोलन कैसे किया जाता है, इसको लेकर भाजपा ने देशभर में उत्कृष्ट उदाहरण पेश किया। कोरोना की एडवाइजरी का पालन करते हुये किसान के कल्याण जो विधेयक हैं, उनकी खूबियों को किसान एवं आमजन को बतायेंगे, इसको लेकर हम हल्ला भी बोलेंगे, कांग्रेस पार्टी की पोल भी खोलेंगे।
उन्होंने कहा कि, विधेयकों के बारे में कांग्रेस भ्रांति फैला रही है कि एमएसपी खत्म हो जायेगी, एमएसपी पर धान की खरीद शुरू हो गई है, ये विरोधियों के मुंह पर करारा तमाचा है, पिछले 48 घंटे में 10.53 करोड़ की धान की फसल खरीद हो चुकी है। केवल इतना नहीं कि अब राजस्थान सरकार प्रस्ताव भेज रही है कि समर्थन मूल्य पर मूंग, उड़द, सोयाबीन और मूंगफली की समर्थन मूल्य पर खरीद होनी चाहिये, भारत सरकार ने कहा कि समर्थन मूल्य पर खरीद होनी चाहिये। प्रधानमंत्री मोदी जी देश के किसानों को आश्वस्त कर कर चुके हैं कि समर्थन मूल्य पर खरीद थी, है और रहेगी।
किसान एवं खेती को लेकर डॉ. पूनियां ने कहा कि, वैदिक काल से खेती भारत की अर्थव्यवस्था का आधार रही है, किसी भी परिस्थिति में चाहे मुगलों का आक्रमण हो या अंग्रेजों का रहा हो, खेती ना टूटी ना झुकी, और भारत का स्वाभिमानी किसान, जिसने प्राकृतिक आपदाओं से लेकर तमाम आक्रमण झेले हैं, संघर्ष किया, मुकाबला किया। पण्डित जवाहरलाल नेहरू कहते थे कि हम बैलगाड़ी से तरक्की नहीं कर सकते, हमें अंतरिक्ष की यात्रा करनी है, मुझे लगता कि नेहरू जी की टिप्पणी दिवास्वप्न जैसी थी, क्योंकि उस समय भी किसान देश की रीढ़ था, अर्थव्यवस्था की ताकत था, कांग्रेस राज में हरित क्रांति, श्वेत क्रांति लालफीताशाही एवं भ्रष्टाचार की शिकार हो गईं, किसान के हक में कुछ नहीं हुआ।
उन्होंने कहा कि, किसान के हक एवं हित में पहली बार अटल बिहारी वाजपेयी जी की सरकार ने लोककल्याणकारी कार्य किये, किसान क्रेडिट योजना की सौगात दी, जिसे मोदी सरकार ने मजबूती के साथ विस्तार दिया है, अटल जी के कार्यकाल में फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना इत्यादि क्रांतिकारी पहल शुरू हुईं। हमारे देश में ये चर्चा हमेशा रही कि किसान की लागत कम हो, फसल के अच्छे दाम मिले, जोखिम कम हो, इसको लेकर अटल जी कई योजनाएं लेकर आये थे।
मोदी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को लेकर डॉ. पूनियां ने कहा कि, 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का आगाज हुआ, उनकी शुरुआत से किसानों के कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता थी कि फसल का रकबा बढ़े, उत्पादन बढ़े और उपार्जन बढ़े। मोदी सरकार द्वारा किसानों के कल्याण के लिये लाये विधेयकों को लेकर कांग्रेस किसानों को गुमराह करने का षड़यंत्र कर रही, स्वयं द्वारा किये गये वादों से यू-टर्न लेती है, इतना झूठ बोलती है कि झूठ को सच साबित करने की कोशिश करती है।
उन्होंने कहा कि, भाजपा का किसान कल्याण संपर्क अभियान कृषि विधेयकों की खूबियों के सच को सच साबित करने का अभियान है। मोदी सरकार का पहल विधेयक, कृषि उपज व्यापार, वाणिज्य, संवर्धन एवं सरलीकरण विधेयक-2020, इसके माध्यम से किसान अपनी उपज को मंडी के बाहर भी बेच सकता है, स्वयं द्वारा तय कीमत पर कहीं भी बेच सकता है, इससे पहले मंडी के कानूनों के मर्यादा में बंधे थे।
कांग्रेस को कठघरे में खड़ा करते हुये डॉ. पूनियां ने कहा कि, कांग्रेस यह भ्रम फैला रही है कि, मंडियां खत्म हो जायेंगी, लेकिन सच यह है कि मंडिया पहले की तरह चलती रहेंगी, व्यापारी अपना व्यापार और बढ़िया कर सकेंगे, किसान अपनी फसल, सब्जी, फल, फूल को कहीं भी कभी भी बेच सकेंगे, इससे गांवों में युवाओं एवं महिलाओं के लिये रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। व्यापारी एवं किसान के रिश्ते और बढ़िया होंगे, प्रतिस्पर्द्धा बढ़ने से किसान को उपज के बढ़िया दाम मिलेंगे। व्यापारियों की संख्या भी बढ़ेगी।
दूसरा विधेयक, कृषक सशक्तिकरण, संरक्षण, कीमत आश्वासन, कृषि सेवा पर करार-2020, इसमें किसानों को प्रसंस्करण यूनिटों, मंडियों से किसानों को जोड़ने का प्रावधान है। संविदा खेती यानि कांट्रैक्ट फॉर्मिंग किसान की शर्तों पर होगी, जिसमें फसल आधारित कॉन्ट्रैक्ट होगा, जमीन से कोई-लेना नहीं रहेगा, बुवाई से पहले ही फसल की कीमत तय हो जायेगी, उसके बाद यदि बाजार में आने के बाद फसल, फल, सब्जी की कीमत बढ़ती है तो व्यापारी उसी अनुसार किसान को उचित कीमत देने को बाध्य होगा। तीन दिन में भुगतान करना होगा। वेयर हाउस, कोल्ड स्टोरेज, प्रोसेसिंग, डिलेवरी इत्यादि सुविधायें से किसान जुड़ सकेंगे।
डॉ. पूनियां ने कहा कि, 2009 में यूपीए की मनमोहन सिंह सरकार के समय खेती का बजट 12 हजार करोड़ था, आज मोदी सरकार में खेती का बजट 1 लाख 34 हजार करोड़ रुपये है, इस जमीन आसमान के अंतर को आप विचार एवं व्यवहार से तुलना कर सकते हैं। पिछले एक साल में भारत सरकार के खजाने से 75 हजार करोड़ रुपया किसानों के खातों में पहुंचा है, जो देश में पहली बार हुआ है, आज तक के आंकड़ों के अनुसार 92 हजार करोड़ रुपये सीधा किसानों के खातों में पहुंच चुका है। कांग्रेस के समय में केन्द्र से एक रुपया जाता था तो आम आदमी के पास 15 पैसा पहुंचता था, 85 पैसा कहां जाता था, कोई पता नहीं, लेकिन मोदी सरकार में पूरा एक रुपये यानि जितनी राशि भेजी जाती है, उतनी ही राशि आमजन एवं किसान के पास पहुंचती है। यह देश ही नहीं दुनिया का बड़ा उदाहरण है।
उन्होंने कहा कि, देश के किसानों को पहले 8 लाख करोड़ कर्जा मिलता था, अब उसे मोदी सरकार ने उसे बढ़ाकर 15 लाख करोड़ कर दिया है, एक लाख करोड़ का बजट खेती से संबंधित इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिये, बुनियादी सुविधाओं के लिये दिया है। किसानों के कल्याण के लिये इन बिलों में मोदी सरकार ने स्वामीनाथन आयोग की भी सिफारिशों को लागू किया है। 2015-16 में धान की एमएसपी 1410 रुपये थी, 2019-20 में 1815 रुपये है, गेहूं की 1525 रुपये थी, आज 1925 रुपये है, मूंगफली की 4030 रुपये थी, आज 5090 रुपये है, सोयाबीन की 2600 रुपये थी, आज 3710 रुपये है, चने की 3500 रुपये थी, आज 4875रुपये है। इसी तरह से मोदी सरकार किसानों के कल्याण एवं उन्नति के लिये विभिन्न योजनाओं संचालित कर रही है।
डॉ. पूनियां ने कहा कि, तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह 9 अप्रैल 2005 को उस एग्रीकल्चर समिट थे, जिसमें देश में सभी फसलों के लिये एक मार्केट, स्थानीय मार्केट, जिसमें सेवाओं को एकीकृत करने के लिये उन्होंने प्रतिबद्धता जताई थी। ताज्जुब की बात की इन बिलों पर कांग्रेस पार्टी विरोध कर रही है, प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद डोटासरा 2019 के कांग्रेस के घोषणापत्र को तो पढ़ लेते, या तो सोनिया गांधी झूठी हैं, या उनका घोषणापत्र झूठा है,या मुख्यमंत्री या डोटासरा झूठे हैं, इनके घोषणापत्र के पेज नंबर 17 पर बिन्दु 11 एवं 21 में कहा गया कि हमारी सरकार आयेगी तो हम इन बिलों को लेकर आयेंगे। फिर यू-टर्न की जरूरत कहां से आई।
उन्होंने कहा कि, नेशनल कमीशन ऑफ फॉर्मर्स की 2006 की जो सिफारिशें थीं, उनमें यह शामिल था, 2007 में यूपीए की सरकार थी उसने एपीएमसी मॉडल को लेकर राज्यों को सुझाव दिया था, 2011, 2012, 2014, कांग्रेस शासित राज्य कर्नाटक, असम, हिमाचल, मेघालय, हरियाणा में संविदा खेती की शुरुआत की गई, लेकिन कांग्रेसी भूल क्यों जाते हैं?
डॉ. पूनियां ने कहा कि, मुझे लगता है कि कांग्रेस पार्टी सत्ता से बाहर रहने की आदि नहीं है, एक परिवार के प्रति प्रतिबद्ध है, 1885 की पार्टी जो देश पर राज करती थी, आज जो दशा हुई है, इस पार्टी पर मान्यता खत्म होने का खतरा हमेशा मंडराता है, नेतृत्व की दिशाहीनता खत्म हो गई, मुद्दे विहीन हो गई है, कांग्रेस ने एक वंश के लिये अपनी नीतियों का नकार दिया, दिशा को नकार दिया, नेतृत्व नहीं उभरा, ऐसी कांग्रेस पार्टी देश का भला नहीं कर सकती जो 55 सालों तक लूट और झूठ का खेल खेलती रही।
उन्होंने कहा कि, सोनिया गांधी ने कांग्रेस शासित राज्यों की सरकारों को मोदी सरकार के कृषि विधेयकों के विरोध के लिये जो निर्देश दिया है, क्या सोनिया गांधी नहीं चाहती कि किसान की आय दोगुनी हो,क्या देश का किसान अपनी शर्त पर कहीं भी कभी भी फसल बेच सके, क्या किसान को अच्छी कीमत नहीं मिलनी चाहिये, क्या फसल का उत्पादन ना बढ़े, क्या उनका जोखिम तय ना हो। इस तरीके से कांग्रेस किसानों का भ्रमित करके, अराजकता फैलाकर वो मुंगेरीलाल के हसीन सपने देख रहे हैं कि अपने पाप कर्मों पर पर्दा डालने के लिये फिर से सत्ता में आ जायें।
डॉ. पूनियां ने कहा कि, देश के 86 प्रतिशत किसान छोटी जोत वाले हैं, वे आधुनिक तरीके से खेती कर अपनी उपज बढ़ाकर अच्छी आय प्राप्त कर सकेंगे। महिलाओं एवं युवाओं को गावों में अब रोजगार के लिये अवसर बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि इन विधेयकों का विरोध कर कांग्रेस ने अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार ली है, किसानों के हक पर डाका मारने की कोशिश की। यह कहावत कांग्रेस पर सटीक बैठती है कि, नौ सौ चूहे खाकर बिल्ली चली हज को। किसान को, मजदूरों को, झूठे आश्वासन देने का अलावा कांग्रेस ने कुछ नहीं किया। मोदी जी ने कहा कि वो किसान एवं आमजन के कल्याण के लिये पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं, कोरोना जैसी महामारी के दौरान भी जब आर्थिक गतिविधियों पर विपरीत असर हुआ, ऐसे में भी कृषि क्षेत्र ने बेहतरीन तरक्की की।
उन्होंने कहा कि, नीति आयोग की सिफारिशों एवं स्वामीनाथ आयोग की सिफारिशों पर 2015 से 2020 तक चर्चाएं हुईं, ऐसे में कहां थी कांग्रेस। मोदी सरकार ने पिछले दिनों 50 प्रतिशत मुनाफा जोड़कर विभिन्न फसलों की एमएसपी में लगभग डेढ़ गुना बढ़ोतरी की है। देश में अनाज का उत्पादन भी बढ़ा है, पीएम सम्मान किसान निधि के अंतर्गत 10 करोड़ किसानों को 93 हजार करोड़ का भुगतान हुआ। पशुपालकों एवं मछली पालकों को भी केसीसी का लाभ मिल रहा है, देशभर में 1.29 करोड़ नये केसीसी कार्ड जारी किये गये, इसमें एक लाख 12 हजार करोड़ की लिमिट कृषकों को दी गई है। ई-नाम मंडियों का भी विस्तार हो रहा है, 585 से बढ़कर संख्या एक हजार हो गईं और एक लाख करोड़ का किसानों ने कारोबार किया।
डॉ. पूनियां ने कहा कि, कृषि सुधार की दिशा में एक और क्रांतिकारी शुरुआत होने जा रही है, किसानों की फसल को सुरक्षित रखने, भविष्य में बेचने के लिये, फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स से जुड़ने के लिये देशभर में 10 हजार कृषि उत्पादक संगठनों (एफपीओ) का निर्माण होगा, जिसके लिये 6850 करोड़ रुपये खर्च होंगे, इससे गांव का छोटा किसान भी जुड़कर अपनी आय को दोगुनी कर सकेगा, तरक्की कर सकेगा।
उन्होंने कहा कि, फसल बीमा के लिये पिछले 4 वर्षों में 17500 करोड़ रुपये प्रीमियम के जमा किये गये, 77 हजार करोड़ के दावों का भुगतान किया गया, फसल बीमा स्वैच्छिक हुई, सॉयल हेल्थ कार्ड, नीम कोटेड यूरिया, पीएम सम्मान किसान निधि इत्यादि किसान कल्याणकारी योजनाएं केन्द्र की मोदी सरकार द्वावा संचालित हैं।
डॉ. पूनियां ने कहा कि, किसान भाईयों से मेरा निवेदन है कि कांग्रेस पार्टी के किसी भी बहकावे में ना आयें, यह क्रांतिकारी विधेयक किसानों के कल्याण के लिये है, किसान की तरक्की, आय दोगुनी करने, उनको सुरक्षा देने के लिये है, रोजगार देने के लिये है।
उन्होंने कहा कि, कोरोना की एडवाइजरी का पालन करते हुये हमारी पार्टी के सांसद, विधायक, पदाधिकारी प्रदेश के गांव-ढ़ाणियों में जाकर किसान विधेयक के बारे में किसान चौपाल कर किसानों को जागरूक करेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र तोमर जी का बहुत आभार एवं अभिनंदन कि देश के किसानों के कल्याण के लिय यह ऐतिहासिक एवं क्रांतिकारी बिल लेकर आये। पार्टी कार्यकर्ताओं से अपील है कि इस बिल को जरूरत पढ़ें, और किसान एवं आमजन को जागरूक करें। इन बिलों के बारे में बताने के लिये प्रदेशभर में हम घर तक जायेंगे, हर दर तक जायेंगे।
प्रदेश के आमजन से अपील करते हुये कहा कि कोरोना से घबरायें नहीं, बचाव इसका उपाय है, मास्क एवं सैनेटाइजर्स का उपयोग जरूर करें।

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