स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को 6/7 माह से नहीं मिल रहा है भुगतान, ब्याज भरने को विवश हो रही हैं महिलाएं
बीकानेर। एक ओर राजस्थान सरकार निजी संस्थाओं व कंपनियों के कर्मचारियों को वेतन देने की बात कर रही है वहीं स्वयं अपने पर आश्रित कार्मिकों को वेतन देने से बचती नजर आ रही है। सरकार के इस दोहरे चरित्र से आमजन में रोष व्याप्त हो रहा है । राजस्थान राज्य कर्मचारी महासंघ (लोकतांत्रिक ) शाखा महिला एवं बाल विकास की जिलाध्यक्ष बसंती सुथार ने परियोजना अधिकारी बीकानेर ग्रामीण शक्ति सिंह कच्छावा के मार्फत शासन सचिव के. के. पाठक व महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश को ज्ञापन मेल किया। जब से स्वयं सहायता समूह से आँगनबाड़ी केन्द्रों में पोषाहार वितरण बन्द करके नेफेड कम्पनी को दिया है । पोषाहार में भारी अनियमितताएं हुई है । अभी जुलाई माह पूरा हो गया फिर भी बीकानेर ग्रामीण व श्री डूंगरगढ़ आदि परियोजनाओं में चना दाल पहुंची ही नहीं। गेहूँ अभी तीन महीनों से आँगनबाड़ी केन्द्रों को प्राप्त नहीं हुआ। बार बार अवगत कराए जाने के बाद भी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को पिछला 6/7महीने का भुगतान नहीं किया जा रहा है। इससे समूह की महिलाएं ब्याज भरने को मजबूर है। जबकि ये अभी बेरोजगार भी झेल रही है। नेफेड कम्पनी व राशन डीलरों की त्रुटी व अनियमितताओं से आँगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व विभाग के प्रति लोगों मे अविश्वास व्याप्त हो गया है। साथ ही क्षेत्र में छवि भी खराब हो रही है जिसके कारण कार्यकर्ताओं में रोष व्याप्त हो रहा है। जिलाध्यक्ष बसंती सुथार ने शासन सचिव व मंत्री से इस मुद्दे पर शीघ्र ही संज्ञान लेकर निदान करने का आग्रह किया है।