साजी पर प्रतिबंध से कारोबारी बेराजी, केन्द्रीय मंत्री को लगाई गुहार
बीकानेर। बीकानेर जिला उद्योग संघ के अध्यक्ष द्वारकाप्रसाद पचीसिया, बीकानेर पापड़ भुजिया मेन्युफेक्चर एसोसिएशन के अध्यक्ष घेवरचंद मुसरफ, विवाद एवं शिकायत निवारण तन्त्र सदस्य रमेश अग्रवाल, बीकानेर पापड़ भुजिया मैन्युफेक्चर एसोसिएशन के उपाध्यक्ष रोहित कच्छावा, गंगाशहर भीनासर पापड़ भुजिया व्यापार मंडल अध्यक्ष पानमल डागा ने साजी खार/ पापड़ खार पर खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2006 के अंतर्गत लगाएप गए प्रतिबंध को हटाने के सम्बंध में केन्द्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को ई मेल द्वारा पत्र भिजवाया है। पत्र में बताया गया कि साजी खार/ पापड़ खार पर आयात के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया है। जैसा कि विदित ही है कि साजी खार पापड़ बनाने के लिए उपयोग में आता है। हजारों की संख्या में पापड़ के कारखाने बीकानेर, जोधपुर, चूरू, पाली, सुमेरपुर आदि जिलों में लगे हुए हैं जिससे लाखों की संख्या में रोजगार उत्पन्न हो रहा है। जिसमें महिलाएं अपने घर से ही पापड़ बटाई का कार्य करके अपनी आजीविका का निर्वहन करती है और अकेले बीकानेर में सबसे ज्यादा पापड़ के कारखाने संचालित हो रहे हैं। वर्तमान में कोरोना महामारी के कारण लगभग सभी उद्योग अपनी आजीविका एवं अस्तित्व को बचाने के लिए प्रयासरत है और इस प्रतिबंध के कारण साजी के भाव आकाश छूने लगेंगे और जल्द ही इस मंदी में साजी के बढ़े भाव कोढ़ में खाज का काम करने लगेंगे और पापड़ की व्यवसाय बंद होने के कगार पर आ जाएगा और इस कुटीर उद्योग से अपनी आजीविका चलाने वाली महिलाएं व श्रमिक बेरोजगार हो जायेंगे। साजी का प्रयोग लगभग 60 से 65 वर्षों से पापड़ में प्रयोग हो रहा है जिससे मनुष्य को कोई नुकसान नहीं है बल्कि इसमें कई प्रकार के खनिज जैसे सोडियम पोटेशियम आदि पाए जाते हैं जो मानव शरीर के लिए लाभदायक है। साजी पापड़ के अलावा फार्मा व कई अन्य उत्पादों के निर्माण में उपयोग में ली जाती है। इन संगठनों ने जल्द ही साजी के संबंध में निर्णय कर कारोबारियों को राहत पहुंचाने की मांग की है।