कोरोना से बचाएगी ईसीबी के छात्र आशीष नागर की बनाई ऑटोमैटिक सेनेटाइजर मशीन
बीकानेर। वैश्विक महामारी कोरोना से निपटने के लिए हर कोई अपना सकारात्मक योगदान देने को आतुर हैं। इस सामाजिक जिम्मेदारी को निभाने के लिए संसाधनों की कमी भी रोक नहीं सकती। ऐसी ही अपनी सामाजिक जिम्मेदारी का निर्वाह किया है अभियांत्रिकी महाविद्यालय बीकानेर के विद्युत अभियांत्रिकी विभाग के तीसरे वर्ष में अध्यनरत छात्र आशीष नागर ने।
आशीष ने स्वचालित सेनेटाइजर मशीन ईजाद की है। इस स्वचालित मशीन को बनाने के लिए आशीष ने अपने शिक्षक सहायक आचार्य डाॅ महेन्द्र भादू से तकनीकी मार्गदर्शन व दिशा निर्देश प्राप्त किया। यह तकनीक बहुत कम लागत लगभग 300 रुपए में विकसित कर डाली। लाॅकडाउन के चलते इस तकनीक को विकसित करने और संसाधनों को जुटाने में आशीष को काफी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ा।
महज पांच दिन में तैयार कर दी
आशीष की मंजिल आसान नहीं थी। गांव में जरूरी सामान की अनुपलब्धता भी एक चैलेंज था। इसके बावजूद आशीष ने कुछ घरेलू तो कुछ बाजार से जरूरी संसाधनों को जुटाया और महज पांच दिन में ही तैयार कर दीे स्पर्श रहित सेनेटाइजर मशीन। आशीष ने बताया कि इस मशीन के आगे हाथ ले जाने पर यह खुद ही बगैर छुए सेनेटाइजर को रिलीज कर देती हैं।
प्रोजेक्ट को सहायता का आश्वासन
विद्युत विभाग के मुख्य डाॅ विकास शर्मा एवं ईसीबी प्राचार्य डॉ. जयप्रकाश भामू ने आशीष को प्रोत्साहित करते हुए निकट भविष्य में इस प्रोजेक्ट को बड़े पैमाने पर विकसित करने के लिए महाविद्यालय की तरफ़ से आर्थिक सहायता देने का आश्वासन भी दिया। जनसंपर्क अधिकारी डाॅ नवीन शर्मा ने बताया कि यह तकनीक पूर्णतया स्वचालित रूप से कार्य करने की वजह से संक्रमण के ख़तरे को नगण्य कर देती हैं। इस तकनीक का उपयोग सभी सरकारी एवं गैर सरकारी कार्यालयों में किया जा सकता हैं।
ऐसे काम करती है यह मशीन
इस मशीन को बनाने में अल्ट्रासोनिक सेंसर, एडप्टर और सर्वो मोटर जैसी डिवाइस का प्रयोग किया गया हैं। यह टचलेस (touch less) सेनेटाइजर मशीन अल्ट्रासोनिक सेंसर के सिद्धांत पर कार्य करती है जिसमें कोई भी ऑब्जेक्ट सेंसर की रेंज में आता है तो सर्वो मोटर काम करने लगती है जिससे बोतल में भरा सेनेटाइजर ऑब्जेक्ट को सेनेटाइज कर देता है और ऑब्जेक्ट के हटने पर मोटर का स्विच ऑटोमैटिक ऑफ हो जाता है।