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संस्कृत शिक्षा विभाग में प्रशासनिक अधिकारी – स्तर पर व्याप्त विसंगतियों को किया जाए दूर

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बीकानेर। राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ लोकतान्त्रिक के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष बनवारी शर्मा ने संस्कृत शिक्षा मंत्री सुभाष गर्ग को 3 सूत्री मांग पत्र भेज कर संस्कृत शिक्षा विभाग में प्रशासनिक अधिकारी – स्तर पर व्याप्त विसंगतियों को दूर करने की मांग की ।

  1. सामान्य शिक्षा विभाग में उच्च माध्यमिक विद्यालय का प्रधानाचार्य पद का वेतनमान 6600 ग्रेड पे L-16 के अंतर्गत किया हुआ है जबकि संस्कृत शिक्षा विभाग में उसके समकक्ष समान योग्यता एवं समान कार्य होते हुए व भी वरिष्ठ उपाध्याय प्रधानाचार्य के पद का वेतनमान अभी तक 6000 ग्रेड पे L-15 पर है जबकि दोनों ही पद राजस्थान सरकार के, आरपीएससी, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा निर्धारित योग्यताओं की समान पूर्ति करते हैं। फील्ड में भी दोनों का कार्यक्षेत्र, कार्यप्रणाली व कर्तव्य- अधिकार समान है किंतु उसके बावजूद भी संस्कृत शिक्षा विभाग का प्रधानाचार्य वरिष्ठ उपाध्याय अभी तक 6000 की ग्रेड पे में वही काम कर रहा है जहां सामान्य शिक्षा विभाग का प्रधानाचार्य 6600 ग्रेड पे में करता है। अतः हमारा आग्रह है कृपया इस समान पद की वेतन विसंगति को दूर करवा कर प्रधानाचार्य वरिष्ठ उपाध्याय का वेतनमान भी 6600 ग्रेड पे L-16 करवाने का श्रम करावें।
    2- संस्कृत शिक्षा विभाग का ढांचा भी सामान्य शिक्षा की तरह गांव – गांव एवं ढाणी तक फैला हुआ है। अतः संस्कृत शिक्षा विभाग में भी सामान्य शिक्षा विभाग की तरह ही ब्लॉक स्तर एवं जिला स्तर पर भी कुछ प्रशासनिक पदों के कार्यालय का सृजन किया जाए जिससे ब्लॉक एवं जिला स्तर के किसी भी शिक्षक को अपने छोटे से कार्य के लिए भी सैकड़ों किलोमीटर दूर संभागीय कार्यालय अथवा निदेशालय नहीं जाना पड़े क्योंकि बहुत सारे कार्य जिला स्तर के ही होते हैं उनका समाधान यदि जिला स्तर पर ही कर दिया जाता है तो इससे संस्कृत शिक्षा विभाग में काम करने वाले प्रत्येक कार्मिक को तत्काल समाधान होने होने से पैसा एवं श्रम बचेगा एवं समय पर ही कार्य होने से कार्मिकों का मनोबल बढेगा जो विभाग हित में होगा।अतः सामान्य शिक्षा विभाग की तरह ही संस्कृत शिक्षा विभाग में भी जिला स्तर पर संस्कृत जिला शिक्षा अधिकारी का पद एवं कार्यालय का सर्जन किया जाए तथा इस पद का वेतनमान भी सामान्य शिक्षा की भांति L-17 के अंतर्गत 6800 ग्रेड पे में रखा जाए।
    3- सामान्य शिक्षा में उपनिदेशक 3 जिलों तक ही अपने अधिकार एवं कर्तव्यों का पालन करता है जबकि संस्कृत शिक्षा विभाग में संभागीय संस्कृत शिक्षा अधिकारी चार से छह जिलों में कार्य को देखते हैं किंतु फिर भी सामान्य शिक्षा में उपनिदेशक का वेतनमान एल- 18 के अंतर्गत 7200 ग्रेड पे का है एवं संस्कृत शिक्षा के संभागीय संस्कृत शिक्षा अधिकारी जिनका कार्यक्षेत्र उपनिदेशक की अपेक्षा बहुत ज्यादा है उसे अभी एल 16 के अंतर्गत ₹6600 ग्रेड पे ही रखा हुआ है यह भी बहुत बड़ी विसंगति संस्कृत शिक्षा विभाग के प्रशासनिक स्तर पर है इन विसंगतियों चलते संस्कृत शिक्षा विभागीय अधिकारियों में कुण्ठा व्याप्त होती जा रही है ।
    महासंघ, संस्कृत शिक्षा विभाग की प्रमुख समस्याओं को आपके समक्ष रखता रहा है एवं आप द्वारा सहजता से ही उनका समाधान भी किया गया है। संस्कृत शिक्षा की सर्वतोमुखी उन्नति हेतु आपकी तत्परता सजगता निश्चित ही मुख्यमंत्री के संस्कृत का विकास हमारी प्राथमिकता है के उद्घोष की सार्थकता सिद्ध करती है। अतः राजस्थान संस्कृत जगत् के प्रहरी के रूप में महासंघ आपसे अपेक्षा ही नही पूरा विश्वास करता है कि आपके संरक्षण में राजस्थान में संस्कृत शिक्षा का मस्तक हमेशा उन्नत होगा जैसा कि आपने विभिन्न प्रकार की विभागीय समस्याओं- नवीन विद्यालय खोलने, विद्यालय क्रमोन्नति, दो वर्षीय वेतन स्थिरीकरण, विभिन्न श्रेणियों के कार्मिकों का स्थायीकरण आदि कार्यों के क्रियान्वयन द्वारा अपनी प्रतिबद्धता दर्शाई भी है। अतः संस्कृत शिक्षा विभागीय अधिकारियों की एक वाजिब मांग वेतनमान विसंगतियों को दूर करते हुए संस्कृत शिक्षा के प्रशासनिक ढांचे का विस्तार जिला स्तर पर कार्यालयों का सृजन अवश्य कराएंगे।

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