एसकेआरएयूः आसान हुई सोलर पावर स्टेशन की राह, कुलपति प्रो. सिंह ने जानी प्रगति
दो कंपनियों ने विश्वविद्यालय को सौंपे ‘साइट प्लान’

बीकानेर। स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के विभिन्न कार्यालयों में सोलर पावर स्टेशन की स्थापना के लिए दो कंपनियों के साइट प्लान प्राप्त हो चुके हैं। विश्वविद्यालय द्वारा शीघ्र ही इनकी समीक्षा की जाएगी तथा प्रोजेक्ट को स्वीकृति के लिए सोलर एनर्जी काॅर्पोरेशन आॅफ इंडिया को भिजवाया जाएगा।
कुलपति प्रो. आर. पी. सिंह ने बुधवार को सोलर संयंत्र स्थापना की अब तक की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि लाॅकडाउन के बाद अब इस कार्य को गति दी जाए, जिससे जल्दी ही सोलर पावर स्टेशन स्थापित हो जाएं और विश्वविद्यालय को सालाना पचास लाख रुपये की बचत शुरू हो सके। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा सभी कार्यालयों, कृषि महाविद्यालय, कृषि अनुसंधान केन्द्र, केन्द्रीय कार्यशाला के अलावा श्रीगंगानगर के कृषि अनुसंधान केन्द्र एवं श्रीगंगानगर और झुंझुनूं केवीके में सोलर पावर स्टेशन स्थापित किए जाने हैं। इसके लिए भारत सरकार द्वारा अधिकृत चार कंपनियों को कार्यों के लिए सहमति पत्र दिए गए। इनमें से दो ने साइट प्लान भी उपलब्ध करवा दिए हैं। शेष दो कंपनियों को शीघ्र ही साइट प्लान देने के लिए निर्देशित किया गया है।
कुलपति ने बताया कि विश्वविद्यालय के प्रशासनिक कार्यालय भवन, प्रसार एवं अनुसंधान निदेशालय, छात्र कल्याण निदेशालय, अधिष्ठाता स्नातकोतर शिक्षा कार्यालय, राष्ट्रीय बीज परियोजना कार्यालय, गृह विज्ञान महाविद्यालय, सिमका, आइएबीएम, डीएचआरडी कैम्पस, बायोटैक्नोलाॅजी विभाग, किसान घर, अतिथि गृह तथा कुलपति आवास के लिए सोलर पावर स्टेशन स्थापित करने का कार्य हीरो रूफटाॅप एनर्जी लिमिटेड द्वारा किया जाएगा।
इसी प्रकार कृषि महाविद्यालय, कृषि अनुसंधान केन्द्र और केन्द्रीय कार्यशाला में यह कार्य इनसोलर एनर्जी प्रा.लि. करेगी। दोनों ही कंपनियों ने विश्वविद्यालय को अपने-अपने साइट प्लान उपलब्ध करवा दिए हैं। साइट प्लान को विश्वविद्यालय स्तर पर शीघ्र ही एप्रूव्ड किया जाएगा। इसके बाद संबंधित कंपनियों द्वारा सोलर प्लांट की स्थापना के लिए पत्रावली सोलर एनर्जी काॅर्पोरेशन आॅफ इंडिया को भेजी जाएगी। जहां से अनुमति के बाद सोलर संयंत्र का काम चालू हो जाएगा।
सिमका प्रभारी इंजी. विपिन लढ्ढा ने बताया कि सोलर संयंत्र स्थापित करने के लिए विश्वविद्यालय द्वारा कंपनियों को केवल स्थान उपलब्ध करवाया जाएगा। संयंत्र स्थापना से संबंधित सभी आवश्यक इक्यूपमेंट और इनका इंस्टाॅलेशन कंपनी द्वारा निःशुल्क किया जाएगा। इसके अलावा इन संयंत्रों की अगले 25 वर्षों तक निःशुल्क देखरेख भी कंपनी द्वारा ही की जाएगी।