कोविड_19 : एक अभिभावक की चिंता खूब वायरल हो रही है
अब एक नया #नाटक आरंभ होने जा रहा है
इस बार बलि के बकरे आपके हमारे बच्चे होंगे


बीकानेर। कोरोना वायरस का खौफ इतना है कि अभी तक तो स्कूल खुले ही नहीं और अभिभावकों को अभी से अपने बच्चों की चिंता सताने लगी है। कोविड 19 के खतरों पर अनेक सवाल उठाती एक चिंतित अभिभावक की यह पोस्ट सोशियल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है।
यह है पोस्ट 👇
हर प्रदेश में स्कूल खोलने की बात की जा रही है
अब #स्कूल खोलने पर क्या होगा कितने भयावह परिणाम आपके और हमारे सामने आने वाले हैं ये कल्पना से परे है
कौन सा स्कूल इन बच्चों की जान की #सुरक्षा की जिम्मेदारी लेगा??
कौन सा स्कूल इन बच्चों को #मास्क (वह भी ठीक से) पहनाकर रखेगा?? साबुन सैनिटाइजर का उपयोग बार बार करवाऐगा??
और #फिजिकलडिस्टेंसिंग की तो बात करना ही नहीं चाहिए, कौन ध्यान रखेगा इनका? अपने बच्चों को अभी तो स्कूल भेजना उचित ही नहीं है, ये लोग एक्सपेरिमेंट बेसिस पर स्कूल खोलेंगे, #फीस लेंगे और कोरोना के #केसेस बढ़ने पर स्कूल सबसे पहले बंद करेंगे। दुर्भाग्यवश अगर कोई बच्चा कोरोना की चपेट में आ गया तो यह स्कूल वाले खबर लेने की कोशिश भी नहीं करेंगे। क्या ये बच्चों की #जानकी_गारंटी लेंगे ?
इतनी हड़बड़ी में, खासकर जब हम इस समय कोरोना इन्फेक्शन के पीक की प्रतीक्षा कर रहे हैं, हमारे नौनिहालों हमारे बच्चों को कोरोना का चारा बनाकर तमाशा देखना कहाँ की बुद्धिमानी है?
यह तो स्पष्ट समझा जा सकता है कि यह मामला केवल फीस की रकम के अरबों की हेराफेरी से ही संबंधित है,वरना बच्चे यदि 4-6 महीने बाद स्कूल जायेंगे तो क्या अंतर पड़ना है।यह तो तय है कि कोरोना इस साल जाने वाला नहीं है।
ये वायरस पहले स्कूली बच्चों में एक से दूसरे में फैलेगा,फिर बच्चा घर आकर घर के दूसरे बच्चों, माता पिता, फिर बुजुर्गों में #इन्फेक्शन फैलाऐगा। और इस तरह से यह वायरस पूरे घर को अपने आगोश में ले लेगा।
यह सच्चाई है,अगर हमने अपने बच्चों को बतौर #Experiment स्कूल भेज दिया तो बहुत जल्दी अब हमें इस जानलेवा मुसीबत का भी सामना करना है।
ये सच है कि हर माता पिता अपने बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित रहते हैं, लेकिन बच्चों का भविष्य तो हम सब तब देखेंगे जब वे सुरक्षित रहेगें
यदि आप अभी भी अपने बच्चों को जल्दी स्कूल भेजना चाहते हैं तो स्वयं से कुछ प्रश्नों के उत्तर देने का प्रयास करें:
क्या आपको लग रहा है कि कोरोना वायरस का संक्रमण कम हो रहा है?
क्या आप ये मानते हैं कि कोरोना बच्चों पर रहम कर देगा ?
क्या ऑटो, टेंपो पर लटकते हुए बच्चों में फिजिकल डिस्टेंसिंग रह पायेगी?
क्या स्कूल बस कोरोना संक्रमण से अछूती रह सकती है?
क्या स्कूल के टीचर, आया बाई, चपरासी, बस ड्राइवर, कंडक्टर, गार्ड सभी कोरोना टेस्ट में नेगेटिव साबित होने के बाद ही बच्चों के सामने लाए जायेंगे?
एक एक कक्षा में जहां 40-50-60 बच्चे होते हैं वहां क्या 1-1 मीटर की दूरी बनाए रखी जाएगी?
क्या बच्चे इस दूरी का 8-9 घंटे पालन कर पाऐंगे??
क्या पहले से काम के बोझ में दबा शिक्षक/शिक्षिका या स्कूल प्रबंधन आपके पैसे से कोई नया कोरोना सुपरवाइजर नियुक्त करेगा?
क्या बच्चों में कोरोना मॉरटालिटि कम होना आपके हिसाब से काफी है???
क्या बच्चे के इन्फेक्शन होने की अवस्था में स्कूल या शासन कोई जिम्मेदारी लेगा
आपसे अनुरोध है कि एक जागरूक जनता और जिम्मेदार माता पिता बने और अपने बच्चों को कोरोना का ग्रास बनने न भेजें। तब तक जब तक कि स्थितियां पूरी तरह सामान्य ना हो जाऐं।
आप किसी भी धर्म को मानने वाले हों या किसी भी राजनीतिक पार्टी के समर्थक हों, इतनी जल्दी स्कूल खोलने का विरोध करें।
बच्चे हमारी सम्पदा से बढ़कर हैं, उन्हें हम दॉव पर नहीं लगा सकते हैं। जिन्हें पैसे कमाने हैं उन्हें कमाने दीजिए, परन्तु इसके लिए हमारे बच्चे गोटियां नहीं बनेंगे।
आइए कोशिश करें कि स्कूल अभी न खोलें जाएं, हम सब मिलकर विरोध करेंगे तभी बात बनेगी।
यदि आपको इस पोस्ट में कुछ सही लगता है तो इसे दूसरे पैरेंट्स को ज़रूर फारवर्ड करें।
मैंने तो निर्णय ले लिया है कि जब तक कोरोना वायरस पूरी तरह से खत्म नहीं हो जाता तब तक बच्चों को स्कूल नहीं भेजूंगा।
अभिभावक
जय भारत, वंदेमातरम।