कारोबारी मंडी बंद, यज्ञ करते रहे फिर भी नहीं सुन रही सरकार, अब फिर बंद-3.0
बीकानेर। देश में पहले से ही चल रही आर्थिक मंदी और वर्तमान कोरोना संकट के चलते देशभर में लॉक डाउन ने किसानों व मंडी कारोबारियों की कमर तोड़ के रख दी है। इस पर कृषक कल्याण कोष के नाम पर 2% कृषि शुल्क ने कारोबारियों के हितों पर जबरदस्त कुठाराघात किया है। इस कृषि शुल्क को वापस लेने के लिए मंडी कारोबारी पिछले 12 दिनों से मंडी बंद, यज्ञ, पैदल मार्च जैसे अनेक तरीकों से अपनी बात सरकार तक पहुंचाने के प्रयास कर रहे हैं। इसके बावजूद भी सरकार का कोई भी जनप्रतिनिधि कारोबारियों की सुध नहीं ले रहा है। ऐसे में इन कारोबारियों ने मजबूरन 20 मई तक मंडी बंद रखने का फैसला लिया है। आज 2% कृषक कल्याण फीस की मार के विरोध में 12वें दिन भी अनाज मंडी बंद रही। मंडी के सभी व्यापारी किसान मजदूर पल्लेदार आदि बंद के समर्थन में रहे। इस कारण सभी पक्षों पर रोजी-रोटी आर्थिक संकट छाया रहा। इसके विरोध में आज रविवार को मंडी परिसर के समर्थन में दाल मिल, तेल मिल, आटा मिल अधिक का पूर्ण समर्थन रहा। श्री बीकानेर कच्ची आड़त व्यापार संघ के अध्यक्ष जगदीश प्रसाद पेड़ीवाल ने बताया कि 2% कृषक कल्याण कोष के विरोध में समर्थन व सहयोग के लिए केन्द्रीय अर्जुन राम मेघवाल, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला, उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी के साथ वीरेंद्र बेनीवाल, मंगलाराम गोदारा, गिरधारी लाल महिया, सिद्धि कुमारी गोविंद राम मेघवाल, गोपाल गहलोत, बद्री जाखड़ पाली, बिहारीलाल बिश्नोई, कन्हैयालाल झंवर आदि से सहयोग के लिए आग्रह किया। संघ के संरक्षक मोती लाल सेठिया ने बताया कि 2% कृषक कल्याण कोष लगने से यहां का किसान का माल कम भाव में नीचा बिकेगा जिसका आर्थिक नुकसान जमीदार को होगा और अंत में उसका भार उपभोक्ता पर महंगाई के रूप में पड़ेगा। इस कारण व्यापार में कालाबाजारी बढ़ेगी और सरकार को मंडी फीस, जीएसटी आयकर आदि का संग्रह कम होगा। क्योंकि हमारी उपज अन्य राज्यों में जाएगी अथवा सीधी खरीद के कारण चीनी मिलों में भी जा सकती है। जिसका खामियाजा किसान, व्यापारी, मजदूर, दलाल, मुनीम सभी पक्षों पर पड़ेगा। संघ के मंत्री नंदकिशोर राठी ने बताया कि आज मंडी परिसर में शांति सद्भाव यज्ञ रखा गया। इसमें ईश्वर के नाम की आहुतियां व्यापारियों द्वारा दी गई। ताकि मंडी परिसर में सुख शांति का वातावरण बना रहे। इसके साथ ही एक ज्ञापन बीकानेर जिला कलेक्टर को भी दिया गया इसमें शांतिपूर्वक व अनुशासनपूर्वक पैदल मार्च करके कारोबारियों की मांग राजस्थान सरकार तक पहुंचाने के लिए इजाजत मांगी गई। वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए आज निर्णय लिया गया कि 3 दिन यानी 20 मई तक मंडी बंद रखी जाएगी। इस दौरान किसी भी प्रकार की बोली व्यवस्था अथवा व्यापार नहीं किया जाएगा। देखें वीडियो
