“तभी आएगा देश के मानचित्र पर बीकानेर” — उद्यमियों ने कानून मंत्री को भेजा मांग-पत्र

बीकानेर।
बीकानेर के उद्यमियों ने जिले के औद्योगिक और व्यापारिक विकास को गति देने के लिए केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल को एक महत्वपूर्ण पत्र भेजा है। इस पत्र में बीकानेर में ड्राईपोर्ट की शीघ्र स्थापना, हवाई सेवाओं के विस्तार तथा सिरेमिक उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए ठोस पहल की मांग की गई है।
बीकानेर जिला उद्योग संघ अध्यक्ष द्वारकाप्रसाद पचीसिया, बीकानेर व्यापार उद्योग मंडल के पूर्व अध्यक्ष मनमोहन कल्याणी, श्याम सुंदर सोनी, नरेश मित्तल एवं वीरेंद्र किराडू द्वारा संयुक्त रूप से भेजे गए पत्र में बताया गया कि बीकानेर में ड्राईपोर्ट की घोषणा पहले ही बजट में की जा चुकी है, लेकिन बीकानेर विकास प्राधिकरण द्वारा प्रस्तावित भूमि के बदले भारी राशि की मांग की जा रही है। इससे एक बार फिर ड्राईपोर्ट स्थापना की राह अवरुद्ध हो रही है। उद्योगपतियों ने मांग की है कि राज्य सरकार उक्त भूमि निशुल्क उपलब्ध करवाए ताकि इस बहुप्रतीक्षित प्रोजेक्ट को अमलीजामा पहनाया जा सके।
पत्र में यह भी उल्लेख किया गया कि बीकानेर जिले में हर वर्ष लगभग 31 लाख टन क्ले (मिट्टी) का खनन होता है, जिसमें से 98 प्रतिशत कच्चा माल अन्य राज्यों को भेजा जाता है। क्ले, क्वार्ट्ज व फ्ल्सपार जैसे खनिजों की प्रचुरता के बावजूद बीकानेर में सिरेमिक उद्योग विकसित नहीं हो पाया है, जबकि गुजरात के मोरबी में ऐसे खनिजों पर आधारित लगभग 600 इकाइयां कार्यरत हैं।
मोरबी की कई इकाइयां बीकानेर में निवेश की इच्छुक हैं, लेकिन रिको द्वारा भूखंडों की कीमतें अत्यधिक निर्धारित करने के कारण निवेशक पीछे हट रहे हैं। उद्यमियों ने मांग की है कि रिको को औद्योगिक विकास की मूल भावना के अनुरूप काम करते हुए भूखंडों की दरें कम करनी चाहिए, और बड़े भूखंड भी सुलभ करवाए जाएं ताकि सिरेमिक उद्योग को बीकानेर में मजबूती से खड़ा किया जा सके।
इसके साथ ही पत्र में यह भी उल्लेख किया गया कि बीकानेर से कोलकाता, गुवाहाटी, बेंगलुरू और मुंबई जैसे महानगरों के लिए हवाई सेवाएं नितांत आवश्यक हैं। बीकानेर संभाग के व्यापारी व उद्योगपति नियमित रूप से इन महानगरों की यात्राएं करते हैं, लेकिन सीधी हवाई सेवा के अभाव में उन्हें जयपुर या जोधपुर जाना पड़ता है, जिससे समय और धन दोनों की हानि होती है।
उद्योगपतियों ने आशा जताई है कि अर्जुनराम मेघवाल इन सभी आवश्यकताओं को केंद्र व राज्य सरकार के समक्ष मजबूती से रखेंगे, ताकि बीकानेर आने वाले समय में औद्योगिक नक्शे पर एक सशक्त उपस्थिति दर्ज करा सके।