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लाॅकडाउन अवधि में पानी संबंधित समस्याओं का हो रहा है त्वरित समाधान- कल्ला

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– मुख्यमंत्री के निर्देश पर जलदाय विभाग की विशेष पहल

अब गर्मियों में पेयजल प्रबंधन की आईवीआरएस से भी मॉनिटरिंग

आरओ , डीएफयू, हैंडपंप, नलकूप और योजनाओं का लिया जा रहा फीडबैक
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश पर प्रदेश में इस बार गर्मियों के सीजन में पेयजल व्यवस्था की मॉनिटरिंग के लिए जलदाय विभाग आईवीआरएस (इंटरेक्टिव वॉइस रिस्पांस सिस्टम) का इस्तेमाल कर रहा है। इसके तहत प्रदेश के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के मोबाइल पर सिस्टम जेनरेटेड ऑटोमेटिक कॉल के माध्यम से पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था, आरओ प्लांट एवं डी—फलोरिडेशन यूनिट्स के चालू होने तथा विभाग की सेवाओं के प्रति उपभोक्ताओं की संतुष्टि का फीडबैक संकलित किया जा रहा है।
सेवाओं के बारे में सीधा संवाद
यह जानकारी देते हुए जलदाय मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने बताया कि विभाग द्वारा कोरोना के कारण लॉकडाउन के पीरियड में जिला एवं राज्य स्तर पर 24 घंटे कार्यरत नियंत्रण कक्ष स्थापित कर जनता की समस्याओं और शिकायतों का त्वरित निस्तारण करने की व्यवस्था की गई है, इसके कारण लोगों को बड़ी राहत मिली है। अब तेज गर्मी को देखते हुए नियंत्रण कक्षों की व्यवस्था के साथ-साथ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पहल पर आईवीआरएस तकनीक का इस्तेमाल करते हुए सभी जिलों में विभाग द्वारा की जा रही पेयजल आपूर्ति व्यवस्था एवं अन्य सेवाओं के बारे में सीधे जनता से संवाद स्थापित किया जा रहा है। आईवीआर सिस्टम के माध्यम से प्राप्त होने वाली जानकारी विभाग के प्रमुख शासन सचिव के स्तर पर नियमित रूप से जाएगी।
सम्पर्क पोर्टल से लिया दो लाख का डाटा
डॉ. कल्ला ने बताया कि आईवीआरएस सिस्टम से कॉलिंग के लिए विभाग द्वारा गत दो वर्षों में सम्पर्क पोर्टल पर जलदाय विभाग से सम्बंधी अपने प्रकरण दर्ज कराने करीब 2 लाख लोगों का डाटा लिया गया है। इस डाटा की विभाग की विभिन्न सेवाओं के हिसाब से छंटनी करते हुए रैण्डम आधार पर आईवीआरएस के माध्यम से लोगों को कॉल करते हुए फीडबैक लिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आईवीआरएस के जरिए प्रथम चरण में आरओ प्लांट्स एवं डी—फ्लोरिडेशन संयत्र, दूसरे चरण में विभाग द्वारा संचालित योजनाएं तथा तीसरे चरण में हैंडपंप एवं नलकूपों के बारे में फीडबैक लिया जाएगा।
नियंत्रण कक्षों पर नियमित समाधान
जलदाय मंत्री ने बताया की वर्तमान में सभी जिलों तथा राज्य स्तर पर गत 24 मार्च से संचालित कंट्रोल रूम पर लो प्रेशर से पानी की सप्लाई, पानी नहीं आने, कम मात्रा में पानी आने, निर्धारित समय पर आपूर्ति नहीं होने, लीकेज, हैंड पंप की रिपेयर तथा टैंकर के माध्यम से जलापूर्ति की आवश्यकता जैसे प्रकरण प्राप्त हो रहे हैं जिनका त्वरित रूप से समाधान करते हुए लोगों को राहत प्रदान की जा रही है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में कोविड—19 के कारण उत्पन्न चुनौतीपूर्ण स्थितियों में जनता को राहत प्रदान करने के लिए इन नियंत्रण कक्षो में राज्य स्तर पर प्राप्त हुई 582 प्रकरणों में से 558 का निस्तारण किया जा चुका है। इसी प्रकार सभी जिलों में कार्यरत कंट्रोल रूम पर इस अवधि में 6115 प्रकरणों में से 6015 प्रकरण निस्तारित हो चुके है। इसके साथ ही नियंत्रण कक्षों पर प्राप्त प्रकरणों की सम्पर्क पोर्टल के माध्यम से रैण्डम जांच भी की जा रही है।

व्हाट्सएप और आनलाइन टूल से भी रिर्पोटिंग

उन्होंने बताया कि इसके अलावा जिला स्तर पर तैनात जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य अभियंता एवं अधीक्षण अभियंता स्तर के अधिकारी व्यक्तिगत रूप से प्रतिदिन व्हाट्सएप के माध्यम से अपने जिलों से संबंधित पेयजल प्रबंधन की दैनिक व्यवस्था के बारे में राज्य स्तर पर रोजाना रिपोर्ट प्रस्तुत करते हैं। साथ ही अतिरिक्त मुख्य अभियंता एवं अधीक्षण अभियंता आनलाइन टूल के माध्यम से अपनी दैनिक रिपोर्ट भेजते है, जिसमें उनके क्षेत्र में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल सप्लाई की स्थिति, पेयजल आपूर्ति के लिए बिजली सप्लाई सम्बंधी किसी प्रकार की दिक्कत, टैंकर के माध्यम से पानी की सप्लाई की स्थिति, नियंत्रण कक्षों पर प्रतिदिन प्राप्त शिकायतें, निस्तारण और लम्बित शिकायतों की जानकारी सहित अन्य बिन्दु शामिल होते हैं। इन रिपोर्ट्स की उच्च स्तर पर नियमित समीक्षा कर सभी जिलों के अधिकारियों को रोज आवश्यक निर्देश जारी किए जाते हैं।

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