पॉलिथीन मुक्त बीकानेर अभियान को मिला नया आयाम
नंदी और पर्यावरण संरक्षण बना केंद्रबिंदु
बीकानेर।
मानव चेतना जागृति प्रन्यास के तत्वावधान में बीकानेर को पॉलिथीन मुक्त और पर्यावरण के प्रति संवेदनशील शहर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। नगर निगम आयुक्त मयंक मनीष एवं वरिष्ठ समाजसेवी यशपाल आहूजा के सान्निध्य में हुई इस सृजनात्मक बैठक में निर्णय लिया गया कि बीकानेर को न केवल प्लास्टिक मुक्त बनाना है, बल्कि उसे विश्व के सुंदरतम, श्रेष्ठतम और जीव-जंतुओं के प्रति संवेदनशील शहर के रूप में स्थापित करना है।



अभियान का मूल उद्देश्य विशेष रूप से नंदी (धर्म स्वरूप, शिव वाहन) और गौमाता की रक्षा, सम्मान और उन्हें उपयुक्त वातावरण उपलब्ध कराना है। बैठक में तय किया गया कि पालकों द्वारा छोड़े गए निराश्रित नंदियों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए निगम विशेष कदम उठाएगा। नंदियों को अधिक खुले स्थानों पर स्थानांतरित कर टहलने और स्वच्छ जीवन जीने का अधिकार दिलाया जाएगा। आचार्य राजेंद्र जोशी ने कहा कि ब्रह्मांड प्रति-ध्वनि के नियम पर आधारित है, और नंदी जैसे धर्मस्वरूप प्राणियों का बंधन में रहना पूरे समाज पर नकारात्मक असर डाल सकता है।
इस अवसर पर #Bikaner_NoToPlastic अभियान पोस्टर का विमोचन नगर निगम आयुक्त मयंक मनीष और यशपाल आहूजा के कर कमलों से किया गया। आयुक्त ने कहा कि इस अभियान में सभी को बिना किसी भेदभाव के सहभागी बनना होगा। यशपाल आहूजा ने कहा कि बीकानेर यदि ठान ले, तो यह लक्ष्य निश्चित रूप से प्राप्त किया जा सकता है, क्योंकि बीकानेर की सांस्कृतिक विरासत अनुपम है।
बाद में शिवबाड़ी मंदिर के महंत 108 स्वामी विमर्शानंद गिरि के कर कमलों से भी अभियान का पोस्टर विमोचन हुआ। उन्होंने कहा कि इस अभियान को घर-घर तक पहुंचाना बीकानेरवासियों की नैतिक जिम्मेदारी है। यह न केवल नंदी की सुरक्षा है, बल्कि गोचर भूमि और समग्र पर्यावरण की रक्षा का प्रयास भी है।
ज्ञात हो कि इस अभियान का शुभारंभ पिछले सप्ताह महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति मनोज दीक्षित द्वारा किया गया था। निगम द्वारा नौतपा के मद्देनज़र नंदियों के लिए कूलर की व्यवस्था भी की गई है।
इस कार्यक्रम में वीना नृत्य अकादमी की कथक गुरु बिना जोशी, समाजसेवी अनिल किराडू, शिक्षा विभाग से कमल आचार्य, नवरत्न जोशी, युवा कार्यकर्ता तेजस एवं कृष्ण कुमार उपस्थित रहे। युवाओं ने सोशल मीडिया के माध्यम से अभियान को गति देने का संकल्प लिया।
सम्पूर्ण बीकानेर अब एकजुट होकर न केवल नंदी की सुरक्षा बल्कि प्लास्टिक मुक्त पर्यावरण की दिशा में एक नई मिसाल कायम करने को अग्रसर है।