योग एवं फिजियोथेरेपी वर्कशॉप का भव्य शुभारंभ
बीकानेर। महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय के योग विभाग द्वारा आयोजित “योग एवं फिजियोथेरेपी वर्कशॉप” का शुभारंभ उत्साह और उल्लास के साथ हुआ। इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य मनोज दीक्षित, अतिरिक्त रजिस्ट्रार डॉ. बिठ्ठल बिस्सा, एवं विशिष्ट अतिथि श्री शिव कुमार शर्मा उपस्थित रहे। कार्यक्रम का आयोजन डॉ. धर्मेश हरवानी एवं डॉ. सीमा शर्मा के मार्गदर्शन में किया गया।
दीप प्रज्वलन व योग प्रदर्शन से हुआ शुभारंभ
कार्यक्रम की शुरुआत माँ सरस्वती की वंदना, माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन से हुई। कुलपति आचार्य मनोज दीक्षित, डॉ. बिठ्ठल बिस्सा एवं शिव कुमार शर्मा ने दीप प्रज्वलित कर इस ज्ञान और योग कार्यशाला का औपचारिक शुभारंभ किया। इसके बाद योग विभाग के छात्र-छात्राओं द्वारा भव्य योग प्रदर्शन किया गया, जिसने योग की वैज्ञानिकता और आध्यात्मिकता को दर्शकों के समक्ष प्रस्तुत किया।
योग के वैज्ञानिक और आध्यात्मिक पहलुओं पर चर्चा
कार्यक्रम में डॉ. बिठ्ठल बिस्सा ने योग के वैज्ञानिक व चिकित्सीय पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि “योग केवल शारीरिक व्यायाम नहीं, बल्कि मानसिक एवं आत्मिक विकास का सशक्त माध्यम है।”
वहीं, श्री शिव कुमार शर्मा ने गायत्री मंत्र और कुंडलिनी योग पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि मंत्रों के नियमित उच्चारण से मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है, जबकि कुंडलिनी योग से सुप्त ऊर्जा जाग्रत होकर आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त होता है।
योग को जीवन का अभिन्न अंग बनाने पर बल
आयोजन समिति के समन्वयक डॉ. धर्मेश हरवानी ने योग के आधुनिक संदर्भों पर जोर देते हुए इसे जीवन का अभिन्न अंग बनाने की अपील की।
योग विभाग की प्रभारी डॉ. सीमा शर्मा ने प्रथम दिन के समापन पर कहा कि “योग केवल शारीरिक स्वास्थ्य का साधन नहीं, बल्कि मानसिक शांति और आत्म-विकास का भी माध्यम है।” उन्होंने सभी अतिथियों एवं प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया।
योग विशेषज्ञों और छात्रों का योगदान
योग विभाग के अतिथि संकाय सदस्यों डॉ. हितेंद्र मारू, सपना बेरवाल, प्रियंका तथा यशोवर्धिनी पुरोहित ने भी अपने विचार साझा किए। यशोवर्धिनी पुरोहित ने मंच संचालन किया और डॉ. हितेंद्र मारू ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।
छात्र-छात्राओं में गायत्री, उमेश, ईशा शर्मा, कविता, मोनिका, मनीषा, वर्षा अरोरा, अभिलाषा, अजय आदि का योगदान सराहनीय रहा।
प्रेरणादायक और ज्ञानवर्धक रहा पहला दिन
पहले दिन का सत्र ज्ञानवर्धक और प्रेरणादायक रहा, जिसमें गायत्री मंत्र और कुंडलिनी योग के महत्व पर विशेष जोर दिया गया। आगामी सत्रों में भी विशेषज्ञों के व्याख्यान एवं योग सत्रों का आयोजन किया जाएगा, जिससे प्रतिभागियों को योग और फिजियोथेरेपी के विभिन्न आयामों को गहराई से समझने का अवसर मिलेगा।

