अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस: जिला स्तरीय पुरस्कार वितरण समारोह आयोजित
प्रतिभावान दिव्यांग जनों का सम्मान अनुकरणीय: विधायक व्यास
बीकानेर। अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस के उपलक्ष्य में जिला स्तरीय पुरस्कार वितरण समारोह मंगलवार को जिला उद्योग संघ सभागार में आयोजित हुआ। बीकानेर (पश्चिम) विधायक जेठानंद व्यास ने कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में दिव्यांगजनों के योगदान को सराहा। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजन समाज का अभिन्न अंग हैं और इनके विकास के लिए राज्य सरकार संवेदनशीलता के साथ कार्य कर रही है।
विधायक व्यास ने कहा, “राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही दिव्यांगजन कल्याण योजनाएं देशभर के लिए मिसाल हैं। विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाले दिव्यांगजनों का सम्मान अन्य लोगों को प्रेरित करता है।”
कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला उद्योग संघ के अध्यक्ष द्वारका प्रसाद पचीसिया ने की। उन्होंने दिव्यांगजनों की प्रबल इच्छाशक्ति की सराहना करते हुए कहा, “शारीरिक चुनौतियों के बावजूद अनेक दिव्यांग जन सफलता की ऊंचाइयों को छू रहे हैं। उनका सम्मान करना समाज को प्रेरणा देने का कार्य है।”
सम्मानित प्रतिभागी
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के संयुक्त निदेशक एलडी पवार ने बताया कि समारोह में अंतरराष्ट्रीय पैरा ओलंपिक खिलाड़ी श्यामसुंदर स्वामी, राष्ट्रीय रेप्लिका कलाकार कृष्णकांत व्यास, सौर ऊर्जा चेतना एवं विज्ञान शोध संस्थान, और सूचना सहायक अशोक कुमार शर्मा को प्रमाण पत्र और स्मृति चिह्न प्रदान कर सम्मानित किया गया।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों से सजी शाम
सेवा संस्थान और कीन महाविद्यालय (विशेष विद्यालय) के विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर कार्यक्रम को और भी मनोरम बना दिया।
विशिष्ट अतिथि
समारोह में सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के सहायक निदेशक श्री हरिशंकर आचार्य, जिला क्षय रोग निराकरण अधिकारी डॉ. चंद्रशेखर मोदी, और सहायक आचार्य सुनीता मोहित विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
आयोजन समिति
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक डॉ. अरविंद आचार्य ने कार्यक्रम का संचालन किया। दिव्यांग सेवा संस्थान बीकानेर के प्रबंधक जेठाराम, स्पेशल एजुकेटर अनिल, जिला समाज कल्याण अधिकारी नंदकिशोर राजपुरोहित, अनुराधा पारीक, लक्ष्मी रावत, और गुंजन तंवर सहित अन्य शिक्षकों ने आयोजन में योगदान दिया।
यह कार्यक्रम दिव्यांगजनों की प्रतिभा और योगदान को मान्यता देने की दिशा में एक अनुकरणीय कदम है।