यह बॉलीवुड अभिनेता 18 को एन्ग्रामर्स इंस्टिट्यूट में युवाओं से मिलेंगे
सभी बीकानेर के युवाओं – छात्रों को निमंत्रण
बीकानेर। बीकानेर हमेशा से ही प्रतिभाओं की नगरी रहा है यहाँ कला से लेकर व्यवसाय जगत के दिग्गजों ने जन्म लेकर पूरे भरत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में अपनी छाप छोड़ी है। बीकाजी, हल्दीराम और जाने कितने ही बड़े बिज़नस यहाँ से निकले हैं वहीं बॉलीवुड में अपनी धाक ज़माने वाले कई कलाकारों ने बीकानेर में ही जन्म लिया है इन्ही में से एक कड़ी है जिनका नाम है अनुराग व्यास।
अनुराग व्यास पिछले 8 वर्षों से बॉलीवुड में काम कर रहे हैं और वहां टीवी एवं एडवरटाइजिंग उद्योग में अपना एक अलग मुकाम रखते हैं।
अभिनेता अनुराग व्यास ने बातचीत के दौरान बताया कि वो बालाजी टेलेफिल्म्स के नागिन में काम करने का अनुभव काफी शानदार रहा वहीँ सोनी टेलेफिल्म्स के गणेशा में उन्हें “पुंडलिक” नाम का किरदार मिला जिसे निभाना काफी चुनौतीपूर्ण था। उन्हें असली पहचान वेब सीरीज “आशिकाना” के किरदार श्याम से मिली जिसने पूरी सीरीज में आतंक मचाया था हलाकि वो एक नेगेटिव किरदार था लेकिन दर्शकों के दिलों पर छाप छोड़ने में कामयाब हुआ।
लगभग 8 धारावाहिकों में अहम् किरदार निभाने वाले अनुराग व्यास इन दिनों कलर्स टीवी पर धारावाहिक “डोरी” में राष्ट्रिय पुरस्कार सम्मानित एवं बॉलीवुड की प्रसिद्द अभिनेत्री सुधा चंद्रन के साथ दिखाई दे रहे हैं।
हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय कार ब्रांड स्कोडा के लिए एड में दिखे अनुराग व्यास ने बताया कि जीवन में कोई भी काम मुश्किल नहीं है अगर उसे तन-मन-धन से किया जाए। बीकानेर की तंग गलियों में पले बढ़े अनुराग व्यास एक बहुत ही पारंपरिक परिवार से आते हैं जहाँ जीवन के हर फैसले पर समाज एवं परिवार का हस्तक्षेप होता है, लेकिन उन्होंने अपनी राह बॉलीवुड को चुना।
अनुराग ने बताया कि जीवन में कोई भी काम करें शुरूआती चुनौतियां सब में आती है लेकिन अगर आप वाकई उस काम को दिल से प्यार करते हैं तो वो चुनौतियां आपके लिए खेल बन जाती है और एक दिन वो काम आपके जीवन का मुख्य हिस्सा बन जाता है।
अनुराग कहते हैं कि मेरे जीवन का ये मिशन है की मैं युवाओं में एक हिम्मत और ताकत जगाऊं ताकि वो अपने सपनों को छुएं और एक सफल जीवन जिए, धरती का हर इंसान सफल हो सकता है अगर उसे बेहतर मार्गदर्शन मिले और इस दिशा में एन्ग्रामर्स बहुत ही शानदार काम कर रहा है।
अनुराग ने अपील कि है कि बीकानेर के युवा आयें, अपने प्रश्नों को पूछे और लक्ष्य को स्पष्ट कर उसे पाने में जुट जाएँ। यह बातचीत बीकानेर के युवाओं की दिशा बदल सकती है।