सीएसआईआर-सीरी और समीर, मुंबई के बीच हुआ समझौता ज्ञापन
वैक्यूम इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज़ और कॉम्पोनेंट्स के स्वदेशी विकास के लिए होगा मील का पत्थर

पिलानी। सीएसआईआर – केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिकी अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर-सीरी) और सोसाइटी फॉर एप्लाइड माइक्रोवेव इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग एंड रिसर्च (समीर) ने वैक्यूम इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज़ और कॉम्पोनेंट्स के स्वदेशी विकास को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। दो महत्वपूर्ण शोध संस्थानों के बीच यह रणनीतिक सहयोग एक महत्वपूर्ण कदम है।
दोनों शीर्ष शोध संगठनों ने संयुक्त रूप से पल्स्ड और संचार तरंग (सीडब्ल्यू) मैग्नेट्रॉन, पल्स्ड और सीडब्ल्यू मल्टी-कैविटी क्लाइस्ट्रॉन, डायोड प्रकार के इलेक्ट्रॉन गन के डिस्पेंसर कैथोड, हाई-पावर ट्रैवलिंग वेव ट्यूब (टीडब्ल्यूटी), थायरेट्रॉन्स और अन्य माइक्रोवेव डिवाइसेस के विकास के लिए इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।
एमोयू में सीएसआईआर-सीरी के निदेशक डॉ. पी. सी. पंचारिया और ‘समीर’ के महानिदेशक डॉ. पी. हनुमंत राव ने हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर डॉ पंचारिया के अतिरिक्त सीधी पिलानी के डॉ संजय घोष, डॉ अनिर्बन बेरा, डॉ अयन बंदोपाध्याय और उनकी टीम के सदस्य भी उपस्थित थे। माइक्रोवेव डिवाइसेज दोनों संस्थानों ने वैक्यूम इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और घटकों के स्वदेशी विकास के लिए अपनी संयुक्त विशेषज्ञता, संसाधन, और बुनियादी संरचना का लाभ उठाने के लिए सहमति जताई है।
यह ऐतिहासिक सहयोग महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की यात्रा में मील का पत्थर सिद्ध होगा क्योंकि वैक्यूम इलेक्ट्रॉनिक्स प्रौद्योगिकी में मेडिकल लाइनैक सिस्टम और उच्च शक्ति ट्रांसीवर जैसे अनुप्रयोगों के लिए व्यापक संभावनाएं हैं। सीरी के पीएमई प्रमुख प्रमोद तंवर, प्रधान वैज्ञानिक ने बताया कि यह समझौता ज्ञापन जहां एक ओर स्वदेशी वैक्यूम इलेक्ट्रॉनिक्स में भारत की प्रौद्योगिकीय संप्रभुता को मजबूत करेगा वहीं दूसरी ओर प्रौद्योगिकियों के आयात की आवश्यकता को भी कम करेगा।
गौरतलब है कि सीएसआईआर-सीरी, वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद के तहत इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग के क्षेत्र में एक प्रमुख राष्ट्रीय अनुसंधान प्रयोगशाला है, जिसका इस क्षेत्र में दशकों का अनुभव और नवाचार का मजबूत ट्रैक रिकॉर्ड है। इसी प्रकार मुंबई स्थित ‘समीर’ इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) के अंतर्गत एक स्वायत्त अनुसंधान और विकास संस्थान है जो माइक्रोवेव प्रौद्योगिकियों में उत्कृष्टता और स्वदेशी अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रसिद्ध है।