गुरु का अपनी शत्रु राशि वृष में प्रवेश, किस पर क्या पड़ेगा प्रभाव, पढ़े खबर
बीकानेर। ज्योतिषाचार्य पंडित गिरवर प्रसाद बिस्सा के अनुसार 1 मई 2024 से 14 मई 2025 तक गुरु वृष में विचरण करेगे। देवगुरु बृहस्पति 1 मई बुधवार श्रवण नक्षत्र मकर के चंद्र में दोपहर 1 बजकर 5 मिनट पर अपनी शत्रु राशि वृष में प्रवेश करेगे । 7 मई से 31 मई तक अस्त भी रहेंगे । शुक्र भी 28 अप्रैल से 5 जुलाई तक अस्त रहेगा ।सो इस अवधि में मांगलिक कार्य सम्पन्न नहीं होंगे। इस दौरान राजनीति ,समाजिक ,धार्मिक ,आर्थिक और बाजार की परिस्थितियों में ऊहापोह की स्थितियां पैदा होगी । प्राकृतिक संतुलन पर भी विशेष प्रभाव पड़ेगा।
मिथुन ,तुला ,धनु और कुम्भ राशिवालों के लिए शारीरिक, मानसिक ,आर्थिक और पारिवारिक समस्याओं से जूंझना पड़ेगा। मांगलिक कार्यो में बाधाएं तथा परिवार में आकस्मिक दुर्घटनाओं का योग। शेष राशि वालों के लिए बहुत ही शुभदायी रहेगा । घर में मांगलिक कार्य सम्पन्न होंगे । धार्मिक यात्राओं का योग । कार्य क्षेत्र में सफलता। मुकदमे आदि में विजय। अप्रत्याशित धन लाभ होगा । सन्तान की उन्नति । घर में बीमार व्यक्तियों के स्वास्थ्य में सुधार होगा । शुभ समाचार मिलेंगे ।
जिनके गोचर में गुरु अशुभ है। जिनके गुरु की दशा चल रही है और जन्म कालिक गुरु अशुभ है वे ये उपाय करें 👇
एक जग पानी में एक चम्मच हल्दी मिलाकर सुबह के समय पीपल सींचना चाहिए । 5 हल्दी के गाँठिये पीले वस्त्र में सिलकर अपनी जेब में रखे। सात गुरुवार को एक किलो चना दाल ,एक किलो नमक ,100 ग्राम घी शिव मंदिर में दान करे।. हाथ मे पीली डोरी गूंथकर धारण करें। गुरुवार के दिन पूरे साल तक दो केले गाय को दे या 100 ग्राम चना दाल भिगोकर गाय को डालें।