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कोरोना काल में लगाया गया 1 प्रतिशत कृषक कल्याण शुल्क वापस लें सरकार

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श्री बीकानेर कच्ची आड़त व्यापार संघ ने सीएम को भेजा ज्ञापन

लोकसभा चुनाव की आचार संहिता से पहले पूरी तरह से हटाया जाए कर

गुजरात में अनाज मंडियों में है महज 0.50 पैसा मंडी शुल्क

बीकानेर । श्री बीकानेर कच्ची आड़त व्यापार संघ का एक प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नाम से कोरोना काल से लागू कृषक कल्याण फीस 0.50 पैसा को पूर्ण रुप हटाने अथवा पिछले चार वर्षों से लगातार दी जा रही छूट जो 31 मार्च 2024 को समाप्त हो रही है। इस छूट को 31 मार्च 2025 तक बढ़ाने को लेकर एक ज्ञापन जिला कलक्टर के मार्फत दिया।

ज्ञापन में बताया कि कोरोना काल के समय में पिछली काँग्रेस सरकार ने प्रदेश की समस्त अनाज मंडियों पर अंग्रेजों के लगान की तरह 1 प्रतिशत कृषक कल्याण फीस लगा दी गई। उसके विरोध में प्रदेश की समस्त अनाज मंडियां बंद रखी गई लेकिन कोरोना काल में आवश्यक वस्तुओं की पूर्ति हेतु व्यापरियों ने सरकार के साथ समझौता करते हुए 31 मार्च 2024 तक इसमें 0.50 पैसा की छूट प्रदान की गई। वहीं 01 अप्रेल 2024 से ये तानाशाही ‘कर‘ एक प्रतिशत हो जाएगा और छूट समाप्त हो जाएगी । इस तरह की तानाशाही का खामियाजा समय आने पर पूर्व सरकार को भुगतना पड़ा है। इस कृषक कल्याण फीस के नाम से लगाई गई लगान को तुरन्त प्रभाव से वापस लेकर समाप्त कर दिया जाए।

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र भाई मोदी को एक बार पुनः प्रधानमंत्री बनाकर विश्व में देश का नाम रोशन रखना है। राजस्थान लोकसभा चुनाव में टारगेट 25 सीट में 25 सीट का देना है। हमारी पुर जोर माँग है कि हमारे पड़ौसी राज्य गुजरात में भारतीय जनता पार्टी डबल इंजन की सरकार पिछले पच्चीस वर्षों से लगातार कार्य कर रही है वहां पर अनाज मंडियों में केवल मात्र 0.50 पैसा मंडी शुल्क है उसके अतिरिक्त किसी भी तरह का उपकर इत्यादि नहीं है। गौरतलब है कि अनाज मंडियों में टैक्स प्रतिशत जितना कम होगा करवंचना उतनी कम होगी । जबकि हमारे प्रदेश में मंडी शुल्क तीन स्लेब 1.60, 1 प्रतिशत 0.50 पैसा प्रति सैंकड़ा है इस पर कृषक कल्याण फीस के नाम पर 1 प्रतिशत अतिरिक्त ‘कर‘ है इसको तो तुन्त प्रभाव से आचार संहिता लगने से पहले हटाना बहुत जरुरी है ताकि पूरे प्रदेश में वास्तविकता में धरातल पर काम करने की सरकार की स्पष्ट मंशा व्यक्त हो।

इस कृषक कल्याण फीस को हटाने व मंडी टैक्स कम करने का सीधा फायदा प्रदेश के किसानों को मिलेगा उनकी उपज का दाम मंडियों में दो प्रतिशत तक ज्यादा मिलेगा। कोई भी एग्रो बेस इण्डस्ट्रीज या ट्रेडर व्यापारी का माल, तेल, दाल इत्यादि क्या भाव बिकेगा। मंडियों में खरीद करने से पूर्व वह उसकी जानकारी रखता है फिर नीलामी में समस्त खर्चा व टैक्स घटाकर ही किसान के उपज के नीलामी में भाव देता है तो टैक्स कम होने पर निश्चत रुप से किसानों को उपज के भाव ज्यादा मिलेंगे और आय बढ़ेगी।

संघ के अध्यक्ष जय दयाल ने बताया कि संघ ने बीते 4 मार्च को मुख्यमंत्री शर्मा के बीकानेर आगमन पर भी इस मांग का ज्ञापन कृषि मंडी के सामने दिया गया। इस कृषक कल्याण फीस को हटाने के लिए संघ के प्रतिनिधि मंडल ने बीकानेर सांसद व केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल को भी ज्ञापन दिया गया। लूणकरणसर विधायक व खाद्य आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा, श्रीडूंगरगढ़ विधायक ताराचन्द सारस्वत, श्रीकोलायत विधायक अंशुमान सिंह भाटी, खाजुवाला विधायक डॉ. विश्वनाथ मेघवाल, बीकानेर पश्चिम विधायक जेठानन्द व्यास से मिलकर सभी को ज्ञापन दिया गया। इस संबन्ध में राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ, जयपुर द्वारा भी मुख्यमंत्री से इस आशय के लिए आग्रह किया गया है।

इस प्रतिनिधि मंडल में मोतीलाल सेठिया संरक्षक व पूर्व अध्यक्ष, संघ के अध्यक्ष जयदयाल डूडी, संघ के उपाध्यक्ष नन्दकिशोर राठी, मनोहरलाल सियाग, कार्यालय सचिव रामलाल बेनीवाल आदि शामिल हुए ।

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