उद्यमियों ने राजस्थान मिशन 2030 हेतु विद्युत विभाग को सौंपे सुझाव
… नहीं तो प्रतिस्पर्द्धा में पिछड़ जाएंगे राजस्थान के उद्योग
बीकानेर । राजस्थान प्रदेश को देश का विकसित राज्य बनाने की दिशा में राजस्थान सरकार द्वारा चलाए जा रहे राजस्थान मिशन 2030 हेतु बीकानेर जिला उद्योग संघ अध्यक्ष द्वारकाप्रसाद पचीसिया, बीकानेर व्यापार उद्योग मंडल अध्यक्ष मनमोहन कल्याणी, बीकानेर व्यापार उद्योग मंडल संरक्षक परिषद अध्यक्ष अनंतवीर जैन, नापासर उद्योग संघ अध्यक्ष किशनलाल मोहता एवं वीरेंद्र किराडू ने मुख्य अभियंता भूपेंद्र भारद्वाज की अध्यक्षता में हुई विद्युत विभाग की मीटिंग में सुझाव सौंपे।
सुझावों में बताया गया कि राजस्थान प्रदेश में बिजली की दरें अन्य पड़ौसी राज्यों की तुलना में अधिक है और बिजली खर्च ज्यादा आने से तैयार माल की लागत भी बढ़ जाती है। इससे राजस्थान के उद्योग अन्य राज्यों की प्रतिस्पर्द्धा में टिक नहीं पाते हैं और धीरे धीरे राजस्थान के उद्योग अन्य पड़ौसी राज्यों की ओर पलायन करने लगे हैं। होटल उद्योग को इंडस्ट्री माना गया है। होटल व्यवसाइयों से पानी के बिल का भुगतान औद्योगिक दर से लिया जाता है जबकि बिजली बिल का भुगतान वाणिज्यिक दर से लिया जाता है इस असमानता को दूर किया जाए।
प्रदेश में उद्योगों को सोलर सिस्टम पर सब्सिडी मिले ताकि उद्योगों को सस्ती बिजली मिल सके और उद्योगों द्वारा उपयोग लिए जाने के बाद शेष जमा बिजली यूनिट भी उद्योगों के आगामी बिलों में समायोजित किये जाने चाहिए । राजस्थान सरकार द्वारा घरेलू एवं कृषि विद्युत कनेक्शनों में 200 से 2000 यूनिट तक की छूट की जाती है साथ ही फ्यूल सरचार्ज आदि भी माफ़ कर दिए जाते हैं, लेकिन औद्योगिक एवं व्यापारिक क्षेत्र में भी इस प्रकार की छूट की घोषणा की जानी चाहिए। ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित औद्योगिक क्षेत्रों के बिजली के फीडर कृषि कनेक्शनों से अलग रखे जाए ताकि औद्योगिक इकाइयों को पूरी बिजली मिल सके और इकाइयां अनवरत अपना उत्पादन कर सके। सभी औद्योगिक क्षेत्रों में पावर कट पूर्णतया ब्लेक आउट ना करके सिंगल फेस की व्यवस्था की जानी चाहिए।