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कश्मीर घाटी में लहराया तिरंगा, डल झील में निकाली शिकारा रैली

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बीकानेर। सैल्यूट तिरंगा भारत संगठन के तत्वावधान में तिरंगा यात्रा का उद्घाटन समारोह श्रीनगर में डल झील पर शिकारा रैली के साथ हुआ। सबसे पहले सभी शिकारों को तिरंगे से सजाया गया, दो दर्जन शिकारों को लेकर डल झील के घाट से रवाना होकर रैली संतूर होटल पहुंची तथा वहां से चार चिनार तक की एक शिकारा रैली का आयोजन विधिवत रूप से जम्मू कश्मीर के प्रदेश अध्यक्ष डॉ साहिल मुजफ्फर हुसैन कलाल के नेतृत्व में किया गया । जिसमे राष्ट्रीय टीम से राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश झा, राष्ट्रीय महामंत्री संजय सर्राफ शामिल हुए ।

स्थानीय लोगों में दिखा भारी उत्साह
जैसे ही डल झील पर शिकारा तिरंगे से सजने लगे वैसे ही आसपास के स्थानीय और राहगीर शिकारों को देखकर रुकने लगे और लहराते तिरंगे को देखकर सभी रोमांचित हो रहे थे इस पर ये भी देखने को मिला कि हर कोई स्थानीय कश्मीरी तिरंगे से कितना प्यार करता है लोग अपनी फोटो तिरंगे के साथ ले रहे थे कुछ लोग वहीं से शिकारा रैली में जुड़ने की इच्छा जताने लगे । सभी ने बताया कि धारा 370 हटने के बाद ये पहली बार हो रहा है जब खुलकर लोग तिरंगे की आन बान और शान के लिए एक मंच पर आए हो, ये वहां के लोगो और प्रदेश के लिए किसी त्योहार से कम नही था।

शिकारा चालक हुए भावुक
शिकारा रैली के बाद शिकारा रेस का आयोजन हुआ जिसमें करीबन दो दर्जन प्रतिभागी शामिल हुए, विजेता, उपविजेता और एक रनर अप को मुख्यत रूप से इनाम से सम्मानित किया गया इसके साथ ही बाकी प्रतिभागियों को भी पारितोषिक वितरण किए गए, इस दौरान ये देखने को मिला की शिकारा चालक अपनी आम समस्याओं को लेकर भावुक हो गए, हम सबकी तरफ एक आशा की नजर से देख रहे थे एक शिकारा चालक ने तो इतना तक बताया कि धारा 370 हटने से पहले तीन समय का भोजन एक समय में करके जीवन यापन कर रहे थे पर अब स्थिति सामान्य है अब टूरिस्ट भी आने लगे है लोगो धरती के स्वर्ग कश्मीर में घूमने के लिए आना शुरू हो गए है जिसके कारण डल झील और अन्य पर्यटन स्थलों पर रौनक रहने लगी है बाजारों में भी रौनक रहने लगी है

स्थानीय लोग चाहते है रोजगार
तिरंगा यात्रा के दौरान सैंकड़ों युवा भी इस मुहिम में जुड़ने के लिए आगे आए और अमूमन सभी युवाओं की एक ही अपील रही कि शिक्षा तो उन्होंने प्राप्त कर ली पर अब रोजगार के लिए कोई अवसर नहीं हैं सरकारी से लेकर निजी संस्थानों में भी कुछ खास भर्तियां नही हो पाती, निजी संस्थान भी ज्यादा नहीं है अच्छे खासे पढ़े लिखे युवा मजबूरन टैक्सी चालक या फिर चाय नाश्ते की दुकान खोलने को मजबूर है अब इस तिरंगा यात्रा में युवा जुड़े और युवा चाहते है कि उनकी आवाज केंद्र तक जाए और यहां रोजगार के अवसर खुले जिससे भविष्य में युवा कार्य में निपुण होकर आगे बढ़े।

तिरंगा यात्रा का मकसद समाजवाद और राष्ट्रवाद
तिरंगा यात्रा के संयोजक और जम्मू कश्मीर प्रभारी सम्पत सारस्वत बामनवाली ने बताया कि इस तिरंगा यात्रा में पूरे प्रदेश से लाखों लोग जुड़ रहे है सभी तरफ उत्साह देखने को मिल रहा है हम बिना किसी राजनीतिक दलों को साथ लेकर केवल और केवल जम्मू कश्मीर में राष्ट्रवाद को कायम करने तथा समाजवाद के तहत सामाजिक सुरक्षा पर कार्य करने का संदेश देना चाहते है जिसमे आगामी दिनों में रोजगार के अवसर युवाओं के लिए खड़े किए जाए, कॉरपोरेट घरानों को भी जम्मू कश्मीर की तरफ अपने यूनिट को स्थापित करने के लिए मनाना पड़ेगा जिससे जम्मू कश्मीर की विरासत को संजोकर रखा जा सके।

तिरंगा यात्रा को एक उत्सव के नजरिए से देखा जा रहा है जिसमे एक त्योहार की तरफ सभी शामिल हो रहे है युवा प्रदेश अध्यक्ष डॉ बिलाल और प्रदेश अध्यक्ष डॉ साहिल मुजफ्फर हुसैन कलाल के नेतृत्व में ये तिरंगा यात्रा पूरे प्रदेश में भव्य रूप से चल रही है जिसके दूरगामी परिणाम बहुत सुगम होंगे, आज केंद्र सरकार से लेकर सभी वर्गों की इस तिरंगा यात्रा पर नजर है जो इस यात्रा के मायने निकाल रहे है इस तिरंगा यात्रा की सफलता आने वाले समय में जम्मू कश्मीर के निवासियों के विकास के नए द्वार खोलेगी।

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