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एनआरसीसी में चार दिवसीय एक्यूप्रेशर स्वास्थ्य शिविर प्रारम्भ

बीकानेर 18 जुलाई । भाकृअनुप-राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसन्धान केन्द्र (एनआरसीसी) में आज मंगलवार से एक्यूप्रेशर पद्धति से उपचार संबंधी स्वास्थ्य शिविर प्रारम्भ किया गया। एनआरसीसी के अतिथि गृह में आयोजित किए जा रहे इस शिविर में एक्यूप्रेशर रिसर्च एंड ट्रीटमेंट इंस्टिट्यूट, जोधपुर की टीम द्वारा एक्यूप्रेशर पद्धति से विभिन्न बीमारियों यथा- मधुमेह, पाईल्स, माइग्रेन, मोटापा, उच्च रक्तचाप, जोड़ों का दर्द, ऑंख, नाक, कान आदि का उपचार किया जाएगा।

केन्‍द्र निदेशक डॉ.आर्तबन्धु साहू ने कहा कि एनआरसीसी एवं बीकानेर स्थित परिषद के संस्थानों/केन्द्रों के सभी स्टाफ के कल्याणार्थ, एक्युप्रेशर चिकित्सा पद्धति से उन्हें स्वास्थ्य लाभ प्रदान करवाने हेतु यह शिविर रखा गया है। डॉ.साहू ने कहा कि आज के दौर में एक्यूप्रेशर पद्धति की मांग बढ़ने लगी है, मानवीय जीवन शैली में आए बदलाव से नित नए रोग पनप रहे हैं, ऐसे में दवाइयों के बोझ को कम करने के लिए यह थेरेपी लाभदायक साबित हो सकती है।

उन्होंने सभी को इस स्वास्थ्य शिविर का भरपूर लाभ उठाने हेतु प्रोत्साहित किया।
शिविर के शुभारम्भ के अवसर पर डॉ.सुधीर कुमार, प्रभागाध्यक्ष, भाकृअनुप-भारतीय दलहन अनुसन्धान संस्थान, क्षेत्रीय केन्द्र, बीकानेर एवं डॉ.एस.सी.मेहता, प्रभागाध्यक्ष, भाकृअनुप-राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केन्द्र, बीकानेर ने भी शिरकत कीं ।

डॉ. नरपत सिंह, एक्यूप्रेशर रिसर्च एंड ट्रीटमेंट इंस्टिट्यूट, जोधपुर ने कहा कि एक्यूप्रेशर (एक प्रकार की थेरेपी) द्वारा प्राचीनकाल से विभिन्न बीमारियों का इलाज, शरीर में विद्यमान विशेष बिंदुओं को दबाते हुए किया जाता है, इससे स्ट्रेस हार्मोन व अन्य जरूरी हार्मोन को नियंत्रित किया जा सकता है, साथ ही थकावट व दर्द में भी रोगी को आराम मिलता है और रक्त संचार में भी बेहतर सुधार होता है।

केन्द्र के डॉ. वेद प्रकाश, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रभारी, स्टाफ वेलफेयर क्लब ने जानकारी दी कि एनआरसीसी केन्द्र के अतिथि गृह में 18 से 21 जुलाई (सुबह 9.00 बजे से दोपहर 12.00 बजे तक व दोपहर 3.00 बजे से सायं 6.00 बजे तक) के दौरान दो सत्रों में यह 4 दिवसीय शिविर चलाया गया है।

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