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‘कृषि प्रसंस्करण हब’ बना बीकानेर

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*कृषि प्रसंस्करण योजना के तहत अब तक 230 उद्योग स्थापित*
*प्रदेश में जिला दूसरे स्थान पर पहुंचा जिला*

बीकानेर, 26 मई। राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन योजना 2019 के तहत जिले में उल्लेखनीय कार्य हो रहा है।
जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने बताया कि योजना के पूंजीगत अनुदान घटक में अब तक 230 प्रकरण प्राप्त हुए हैं। जिनमें से 143 प्रकरणों पर 5162.065 लाख रुपए अनुदान स्वीकृत किया गया है। इनमें ग्राम सेवा सहकारी समितियों के 9 तथा किसानों से 5 प्रकरण प्राप्त हुए हैं। शेष प्रकरण दलहन, तिलहन और अनाज प्रसंस्करण, ऊन मीलें, बायो फ्यूल, दुग्ध और कपास प्रसंस्करण इकाइयां, मिठाई, नमकीन, पापड़, भुजिया व भण्डारगृह आदि सम्मिलित हैं।

उन्होंने बताया कि इस प्रकार कुल स्वीकृत प्रकरणों पर 2840.53 लाख रुपए पूंजीगत अनुदान के रूप में वितरित भी किया जा चुका है। इससे प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 3900 लोगों का रोजगार का सृजित हुआ है और उद्यमियों, किसानों एवं निर्यातकों लाभ मिला है।
उन्होंने बताया कि भाड़ा अनुदान के तहत अब तक 89 में से 55 प्रकरणों पर 34.78 लाख रुपए अनुदान स्वीकृत करके भाड़ा अनुदान के रूप में वितरित किए जा चुका है।

गत डेढ़ साल में पकड़ी गति*
जिला कलक्टर ने बताया कि गत डेढ़ साल में योजना ने गति पकड़ी है। इसके पूंजीगत अनुदान घटक के तहत अब तक कुल 230 प्रकरण प्राप्त हुए हैं। जिनमें 143 प्रकरणों पर 51,62,065 लाख रुपए अनुदान स्वीकृत किया गया है। इससे पहले तीन वर्षों में कुल 54 प्रकरण स्वीकृत हुए। इन पर 1721.925 लाख रुपए अनुदान स्वीकृत हुआ। उन्होंने बताया कि नियमित बैठकों के आयोजन से गत एक साल में ही कुल 89 प्रकरणों पर 3440.14 लाख रुपए की स्वीकृति जारी की जा चुकी है। इससे कृषकों व उद्यमियों में योजना के प्रति रुझान बढ़ा है।

कृषि उपज मण्डी समिति (फल-सब्जी) बीकानेर के सचिव सी.एल. स्वामी ने बताया कि जिला कलेक्टर के नेतृत्व और मार्गदर्शन की बदौलत भौतिक एवं वित्तीय प्रगति में जोधपुर के बाद बीकानेर प्रदेश में दूसरे नम्बर पर है। उल्लेखनीय है कि कृषक हितों का ध्यान रखते हुए मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत द्वारा बजट घोषणा वर्ष 2023-24 में अनुदान सीमा को बढ़ाया गया है। इससे कृषकों, कृषक संगठनों, अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति आवेदकों को 5 करोड़ रु. तक की परियोजना लागत पर लागत का 75 प्रतिशत अनुदान अधिकतम अनुदान 1.50 करोड़ रु. व अन्य समस्त उद्यमियों हेतु लागत की 50 प्रतिशत अधिकतम 1.50 करोड़ रु. अनुदान सीमा तक अनुदान दिये जाने की घोषणा की। राज्य सरकार द्वारा इसकी अधिसूचना जारी की जा चुकी है। इससे जिलों में नये आयाम स्थापित करने में गति आएगी।

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