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कृषि उपज में विविधता अपना कर उद्यमी बन सकते हैं किसान : डॉ पी के त्रिवेदी

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औषधीय और खुशबू वाले पौधों की फसलें भी राजस्‍थान की जलवायु के लिए अनुकूल

वन वीक वन लैब कार्यक्रम का हुआ समापन, किसानों से किया संवाद

पिलानी। सीएसआईआर-सीरी में चल रहे वन वीक वन लैब कार्यक्रम के दौरान आज किसान मेला आयोजित किया गया। मेले में बड़ी संख्‍या में स्‍थानीय किसानों ने प्रतिभागिता की। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में सीएसआईआर की लखनऊ स्थित राष्‍ट्रीय अनुसंधान प्रयोगशाला सीएसआईआर-सीमैप के निदेशक एवं प्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिक डॉ प्रमोद कुमार त्रिवेदी मुख्‍य अतिथि थे। संस्‍थान के मुख्‍य सभागार में आयोजित कार्यक्रम में उन्‍होंने अपने संबोधन में कहा कि भारत सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए कृतसंकल्‍प है और हम इसी दिशा में कार्य कर रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि हमारा प्रयास रहता है कि हम अपने शोधकार्यों को कागज से धरती पर उतारें। किसानों के सहयोग की सराहना करते हुए उन्‍होंने कहा कि अब किसानों में भी तेजी से जागरूकता बढ़ रही है। उन्‍होंने कहा कि आय बढ़ाने के लिए कृषि उपज में भी विविधता बहुत जरूरी है। उन्‍होंने किसानों से परंपरागत फसलों के स्‍थान पर औषधीय और खुशबू वाले पौधों की खेती की शुरुआत करने का आह्वान किया। विशिष्‍ट अतिथि श्री महेन्‍द्र कुमार गुप्‍ता, संयुक्‍त सचिव, सीएसआईआर ने इस कार्यक्रम को किसान मेला के साथ संपन्‍न करने के विचार और इसे मूर्त रूप देने के लिए डॉ पंचारिया को बधाई दी। उन्‍होंने कहा कि किसान हमारी अर्थव्‍यवस्‍था की रीढ़ हैं और उन्‍हें किसान मेले के माध्‍यम से अनुभवी और विशेषज्ञ व्‍याख्‍यानों से लाभान्वित करने के लिए आयोजक मंडल को साधुवाद दिया।

इस अवसर पर सीएसआईआर-सीमैप, लखनऊ के वरिष्‍ठ प्रधान वैज्ञानिक डॉ संजय कुमार ने अपने रोचक और ज्ञानवर्धक प्रस्‍तुतीकरण के माध्‍यम से सभी किसानों को परंपरागत खेती और फसल के स्‍थान पर अन्‍य लाभदायक औषधीय और खुशबू वाले पौधों की खेती और उसके लाभों से अवगत कराया। उपस्थित किसानों ने भी कार्यक्रम में सक्रिय प्रतिभागिता की और संवाद सत्र के दौरान प्रश्‍न पूछे। डॉ संजय कुमार ने प्रश्‍नों का उत्‍तर देकर उनकी जिज्ञासा शांत की।

इससे पूर्व संस्‍थान के निदेशक डॉ पी सी पंचारिया ने अपने स्‍वागत एवं अध्‍यक्षीय संबोधन में अतिथियों एवं उपस्थित किसानों को संस्‍थान द्वारा किसानों के लाभ के लिए किए जा रहे प्रयासों से अवगत कराया। किसान मेले में आए किसानों और कृषि छात्र-छात्राओं को संस्‍थान द्वारा विकसित किए जा रहे प्रीसीजन कृषि अनुसंधान स्‍टेशन का भ्रमण कराया गया। डॉ त्रिवेदी और किसानों ने संस्‍थान के प्रयासों की सराहना की। किसानों को प्रयोग स्‍वरूप जरूरी एवं जलवायु के अनुरूप फसलों के कुछ बीज भी वितरित किए गए। डॉ पंचारिया ने किसान मेले के आयोजन में सहयोग के लिए किसानों के संगठन चिड़ावा फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी से जुड़े श्री मुकेश मांजू और डॉ जयपाल सिंह के प्रति आभार व्‍यक्‍त किया।

किसानों की जानकारी के लिए माइक्रो इरिगेशन, ड्रिप इरिगेशन, पशुओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की जड़ी बूटी और पौधों की नर्सरी और देसी बीज के कुछ स्‍टॉल भी लगाए गए थे। कार्यक्रम का संचालन संस्‍थान के मीडिया एवं जनसंपर्क अधिकारी रमेश बौरा ने किया। अंत में प्रशासन नियंत्रक श्री जयशंकर शरण ने धन्‍यवाद ज्ञापित किया।

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