देश में एआई मिशन के नेतृत्व करने हेतु तैयार है सीएसआईआर, सीरी की होगी महत्वपूर्ण भूमिका : प्रोफेसर शांतनु
वन वीक वन लैब कार्यक्रम के दौरान सीरी में आर्टिफीशियल इंटेलिजेन्स विषयक कार्यशाला
पिलानी। पिलानी स्थित सीएसआईआर-सीरी में चल रहे एक सप्ताह – एक प्रयोगशाला (वन वीक – वन लैब) कार्यक्रम के अंतर्गत आज सूक्ष्मतरंग प्रौद्योगिकियों पर वैज्ञानिक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में आईआईटी-जोधुपुर के निदेशक प्रोफेसर शांतनु चौधुरी तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ (श्रीमती) एन आनंदवल्ली, निदेशक, सीएसआईआर-एसईआरसी उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्थान के निदेशक डॉ पी सी पंचारिया ने की। कार्यशाला में संस्थान के वैज्ञानिकों, परियोजना कार्मिकों एवं शोधार्थियों के साथ ए आई एवं अन्य उद्योगों के प्रतिनिधियों ने भी प्रतिभागिता की।
कार्यशाला का शुभारंभ डॉ पी सी पंचारिया, निदेशक, सीएसआईआर-सीरी के स्वागत संबोधन के साथ हुआ। इस अवसर पर उन्होंने ए आई को देश की प्रौद्योगिकीय उन्नति का आधार बताते हुए अपने संस्मरण साझा किए। उन्होने कहा कि एक वैज्ञानिक के रूप में उन्होंने देश के चाय उद्योग के ऑटोमेशन तथा इलेक्ट्रॉनिक टंग (जिह्वा) में ए आई का उपयोग नब्बे के दशक में किया था। अपने स्वागत संबोधन में उन्होंने संस्थान के वन वीक वन लैब कार्यक्रम में प्रतिभागिता के लिए सभी अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया।
प्रोफेसर शांतनु चौधुरी ने मुख्य अतिथीय संबोधन में देश में आर्टिफीशियल इंटेलिजेन्स के महत्व पर प्रकाश डालते हुए हुए कहा कि वर्तमान में एआई सभी प्रौद्योगिकियों में उपयोग की जा रही है। उन्होंने कहा कि किसी भी टेक्नोलॉजी या विज्ञान को स्थापित होने और आकार लेने में समय लगता है। एआई के लिए उन्नत प्रोसेसर्स और वीएलएसआई की आवश्यकता बताते हुए उन्होने देश में चैट जी पी टी का उदाहरण दिया जो व्यापक पैमाने पर एआई का उपयोग कर रहा है। उन्होंने कहा कि सेमिकंडक्टर फैब्रिकेशन लैब की स्थापना से देश में क्रांतिकारी परिवर्तन होंगे। सीएसआईआर के एआई मिशन की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि सीएसआईआर देश में ए आई के क्षेत्र में मल्टी डिसीप्लिनरी और बहु-सांस्थानिक अनुसंधान एवं नवाचार का नेतृत्व करने के लिए पूरी तरह तैयार है जिसमें सीरी की निर्णायक एवं महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
विशिष्ट अतिथि डॉ (श्रीमती) एन आनंदवल्ली ने अपने संबोधन में स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग में एआई के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि अन्य क्षेत्रों के साथ-साथ स्ट्रक्चरल एवं सिविल इंजीनियरिंग में भी ए आई का अनुप्रयोग बढ़ रहा है।
कार्यशाला के तकनीकी सत्र की अध्यक्षता मुख्य अतिथि प्रोफेसर शांतनु चौधुरी ने की। तकनीकी सत्र से पूर्व उन्होंने कौजे़लिटी एंड मशीन लर्निग विषय पर अपना प्लेनेरी व्याख्यान दिया। इसके बाद एससीआरसी चेन्नै की निदेशक डॉ आनंदवल्ली ने कनेक्शन बिटवीन एआई एंड स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग विषय पर अपना आमंत्रित व्याख्यान दिया। अन्य तीन वक्ताओं ने भी तकनीकी सत्र में आमंत्रित व्याख्यान दिए। इसके बाद कार्यशाला के संयोजक डॉ संजय सिंह, प्रधान वैज्ञानिक सीएसआईआर-सीरी में चल रही एआई गतिविधियों का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया। कार्यशाला का संचालन सुश्री सोमशुक्ला माइति, वरिष्ठ वैज्ञानिक ने किया। मुख्य वैज्ञानिक डॉ अभिजीत कर्माकर ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
संस्थान द्वारा विकसित माइक्रोकंट्रोलर का परीक्षण के लिए औद्योगिक हस्तांतरण
कार्यशाला के दौरान संस्थान के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोलर को अगले चरण के परीक्षण के लिए मेसर्स अल्फासाइन प्रा. लि., लखनऊ को हस्तांतरित किया गया। यह इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोलर ई-ट्राइसाइकिल और ई-साइकिल में प्रयुक्त बीएलडीसी मोटर को चलाने के लिए उपयोग किया जाएगा। मेसर्स अल्फासाइन के पी आर अग्रवाल को इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोलर की पाँच यूनिट परीक्षण हेतु हस्तांतरित किए गए हैं। भारत सरकार के मेड इन इंडिया मिशन के अंतर्गत यह इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोलर संस्थान के वैज्ञानिकों की टीम द्वारा सीरी में तैयार किया गया है। इस टीम में संस्थान के वैज्ञानिक डॉ बीए बोत्रे, विजेन्द्र वर्मा एवं चिराग मिस्त्री तथा तकनीकी अधिकारी बिजेन्द्र कुमार शामिल हैं। ई-ट्राइक और ई-साइकिल के लिए परीक्षण की रिपोर्ट के उपरांत इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोलर को व्यावसायिक उत्पादन के लिए उद्योगों को हस्तांरित किया जाएगा।
लेदर इंडस्ट्री से एनडीए का आदान प्रदान
इस अवसर पर चेन्नै (तमिलनाडु) स्थित मेसर्स के एच एक्सपोर्ट्स इंडिया प्रा. लि. के साथ एआई एनेबल्ड टेक्नोलॉजीज़ एंड सिस्टम्स के विकास हेतु नॉन डिस्क्लोज़र एग्रीमेन्ट (एनडीए) का आदान प्रदान हुआ। एन डी ए पर संस्थान की ओर से टेक्नोलॉजी एंड बिजनेस डेवलपमेन्ट ग्रुप के प्रमुख डॉ मनीष मैथ्यु एवं के एच एक्सपोर्ट्स इंडिया के तनवीर ने हस्ताक्षर किए। गौरतलब है कि मेसर्स के एच एक्सपोर्ट्स इंडिया प्रा. लि. देश की सबसे बड़ी लेदर एक्सपोर्ट कंपनी है।