प्लाज्मा थैरेपी की तैयारियां पूर्ण, आईसीएमआर से अनुमति के बाद होगा कोरोना का एनकाउन्टर
जयपुर। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने बताया कि कोरोना के इलाज के लिए प्रदेश में प्लाज्मा थैरेपी की तैयारिया पूर्ण कर ली गई है। चिकित्सकों की टीम इसके लिए पूरी तरह तैयार है और सरकार ने अनुमति के लिए आईसीएमआर को लिखा है, अनुमति मिलते ही प्रदेश में प्लाज्मा थैरेपी से इलाज शुरू हो सकेगा। डॉ. शर्मा ने बताया कि प्लाज्मा थैरेपी के जरिए इलाज के लिए चिकित्सकों की टीम ने पॉजीटिव से नेगेटिव हुए मरीजों का ब्लड सैंपल ले लिये है। उनका प्लाज्मा लेकर गंभीर या स्टेज-टू के मरीजों के इलाज किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आईसीएमआर की अनुमति के साथ सरकार इस थैरेपी से इलाज भी करना शुरू कर देगी। चिकित्सा मंत्री ने बताया कि शनिवार 2 बजे तक कोरोना पॉजीटिव की संख्या 2061 तक पहुंची। इनमें से 493 लोग पॉजीटिव से नगेटिव हो चुके हैं और 198 को तो डिस्चार्ज भी किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि देश में सर्वाधिक लगभग 79 हजार जांचें राजस्थान में हुई हैं ।
सरकार कर रही वैज्ञानिक तरीके से काम
चिकित्सा मंत्री ने बताया कि राज्य में जहां भी हॉट स्पॉट बने वहां सरकार ने वैज्ञानिक तरीके से काम करते हुए बढ़ते संक्रमण को रोकने की कोशिश की है। राज्य में पिछले 7 दिनों में संक्रमण का खतरा कम हुआ है। उन्होंने कहा कि हॉट स्पॉट कहीं भी बनना संभव है लेकिन उस पर नियंत्रण करना बड़ी बात है और इसमें सरकार कामयाब भी रही है। सरकार ने हर हॉट-स्पॉट की अलग से योजना बनाकर उस पर काम किया है। यही नहीं राजस्थान उन राज्यों में भी अग्रणी है, जहां सबसे कम मृत्यु दर है।
लॉकडाउन में चिकित्सा के आधारभूत ढांचे को किया मजबूत
उन्होंने कहा कि राजस्थान ने लॉकडाउन के दौर का सदुपयोग करते हुए चिकित्सा के आधारभूत ढांचे को मजबूत करने का काम किया है। राज्य में जब 2 मार्च को पहला कोरोना पॉजीटिव आया तब प्रदेश में कोई जांच की सुविधा नहीं थी, आज विभाग 5 हजार से ज्यादा जांचें कर पाने में समक्ष है। मुख्यमंत्री का लक्ष्य 10 हजार जांचें प्रतिदिन करने का है, इस ओर भी हम तेजी से आगे भी बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन कोरोना को स्थाई समाधान नहीं है। इसे चरणबद्ध तरीके से खोलने से जिंदगी दोबारा पटरी पर आ सकती है।
राज्य में हालात हैं पूरी तरह काबू में
डॉ. शर्मा ने बताया कि वर्तमन मे राज्य भर में 1137 कोरोना संक्रमित अस्पतालों में भर्ती हैं, इनमें से कुछ लोग ही आईसीयू में है। देश में मृत्यु दर 3.18 जबकि राज्य का औसत 1.43 फीसद है। सरकार के प्रयासों से मौत का आंकड़े पर नियंत्रण लगा है तो बढ़ते संक्रमण को भी रोका गया है। उन्होंने कहा कि 26 जिलों मंे कोरोना फैला था अब अधिकतर जिलो में संख्या रूकी हुई है। कुछ ही जिले हैं जहां 1-2 केसेज सामने आ रहे हैं। सरकार और चिकित्सा विभाग को विश्वास है कि कोरोना को हम जल्द हराने में कामयाब होंगे।
कोरोना वॉरियर्स की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोरोना वारियर्स की सुरक्षा के लिए सरकार पूरी तरह मुस्तैद है। उन्होंने कहा कि उन्हें दी जाने वाले हाइड्रोक्लोरोक्वीन टेबलेट की बात हो या पीपीई किट या अन्य चिकित्सकीय सामग्री की कहीं कोई कमी नहीं है। स्वास्थ्यकर्मी, पुलिसकर्मी या प्रशासन के लोगों के स्वास्थ्य की सुरक्षा में कोई समझौता नहीं किया जा रहा है। कोरोना वॉरियर्स स्वस्थ रहे तो ही प्रदेश स्वस्थ रह सकेगा। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति यदि इनके साथ दुर्व्यवहार करता है तो उसे भी सख्त से सख्त सजा मिलेगी।