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होली: कलर से गुलाल में शिफ्ट हो रहा है कस्टमर

बदल रहा है रंग गुलाल खेलने का ट्रेंड

बाजार में आया गुलाल का गुब्बार छोड़ने वाला सिलेंडर

बीकानेर (द इंडियन डेली ) । भारत में पौराणिक काल से होली खेली जा रही है। पहले पुष्पों से होली खेली जाती थीं। फिर गुलाल और कलर का प्रचलन बढ़ा, इसमें भी नब्बे के दशक तक गहरे कलर, चमकीले ग्रीस वाले कलर के प्रति होली रसिकों का अच्छा क्रेज था। फिर धीरे धीरे इसमें बदलाव आना शुरू हो गया। पिछले पांच साल से इस ट्रेंड में तेजी से बदलाव देखा जा रहा है। अब लोगों का कलर के प्रति मोह भंग हो रहा है और वे अब रंग बिरंगी भीनी भीनी महक वाली गुलाल में शिफ्ट होने लगे हैं। कारोबारियों का कहना है कि इस बार गुलाल की अच्छी बिक्री हो रही है। गुलाल और कलर की बिक्री में 80 और 20 का रेसियो बैठ रहा है। यानि कलर की पांच साल पहले की बिक्री की चौथाई सेल रह गई है। कारोबारियों का कहना है कि अधिकांश कस्टमर कलर से एलर्जी महसूस करने लगे हैं। कलर में पानी अधिक लगता है। फिर सफाई में भी दिक्कत आती है। इसलिए गुलाल के प्रति दीवानापन बढ़ रहा है। इतना ही नहीं होली के खिलौने बनाने वाली कंपनियां भी गुलाल बेस्ड खिलोनों पर ज्यादा फोकस कर रही हैं। यही वजह है कि बाजार में पिचकारी की जगह है अब गुलाल वाले खिलौने लेने लगे हैं।

दीवाली की तरह महंगी होने लगी है होली

कारोबारियों का कहना है कि पहले दीपावली पर महंगे महंगे पटाखे छोड़ने का चलन था और होली में सस्ते कलर गुलाल में काम चला लेते थे, लेकिन अब कस्टमर होली पर भी महंगे से महंगे गुलाल व गुलाल वाले पटाखों की खरीद करने लगे हैं। कारोबारियों का कहना है कि कलर महंगा भी बहुत हो गया है। यह 2 हजार रूपए प्रति किलो बिकता है। जबकि गुलाल की रिटेल प्राइस 150 रूपए किलो है। कलर की सेल एक टन से नीचे नीचे ही रहती है। कारोबारियों ने इस बार होली में करोड़ की गुलाल बिकने की उम्मीद जताई हैं।

बढ़ रहे हैं काउंटर
बीकानेर में होली पर्व आते ही रंग गुलाल, पिचकारी, मुखौटे आदि की दुकानें खुलनी शुरू हो जाती है। कारोबारियों के अनुसार इस बार करीब 20 प्रतिशत काउंटर ज्यादा खुले हैं। जहां पिछले साल 350 काउंटर थे वहीं इस बार 425 काउंटर खुलें हैं। इसकी वजह यह भी है कि 5 हजार से 10 हजार रूपए में आसानी से काउंटर खोला जा सकता है। इसमें मार्जिन भी शत प्रतिशत है। इसलिए बड़े स्तर पर लोगों को रोजगार मिला हुआ है। गाड़े वालों को भी रोजगार मिला हुआ है। बाजार में गुलाल के थैलों को ढोने वाले गाड़े व आॅटो रिक्शा नजर आ जाएंगे। सामान्यतः 8 घंटे काम करने वाले गुलाल निर्माता से लेकर रिटेलर तक 12 धंटे इस काम में लगा रहे हैं।

रास आ रहा है गुलाल का सिलेंडर
बाजार में अब गुलाल का सिलेंडर भी आने लगा है। यह एक किलो से लेकर 10 किलो की क्षमता में आता है। इस सिलेंडर को पंच करने पर इसमें से गुलाल का गुब्बार निकलने लगता है। एक किलो गुलाल वाले सिलेंडर की कीमत 900 रूपए है। वहीं 10 किलो गुलाल वाले सिलेंडर की कीमत 2 हजार रूपए हैं। इसमें डबल कलर वाला सिलेंडर भी आता है जिसमें से दो दो रंगों वाली गुलाल का हवा में रंगीन गुब्बार बनता है। महज 30 सैकण्ड में यह सिलेंडर खाली हो जाता है, लेकिन फिजां में बिखरें रंग बेहद मनमोहक लगते हैं। डबल कलर वाले सिलेंडर की कीमत भी सिंगल वाले से डेढ़ गुना ज्यादा है।

शानदार हो रही है सेल
बीकानेर की बी सेठिया गली स्थिति श्री रंगराज कुटिर उद्योग के प्रमुख विपुल नाहटा ने द इंडियन डेली को बताया कि पिछले साल के मुकाबले इस साल अरारोट बेस्ड गुलाल की सेल ढाई गुना ज्यादा हो चुकी है। सप्ताहभर पहले माल खत्म हो गया। अभी जो आया वह भी खत्म हो गया। कस्टमर क्वालिटी चाह रहे है और हमारा पूरा ध्यान क्वालिटी पर ही है। यही वजह है कि बाजार में इस गुलाल की जबरदस्त डिमांड है। बाजार में सर्वाधिक गुलाबी , लाल, पीला व भगवा रंग की गुलाल बिक्री हो रही है।

शाॅर्ट पड़ रहा है राॅ मैटेरियल
गुलाल निर्माता विपुल नाहटा ने द इंडियन डेली को बताया कि हम 12 रंग की गुलाल बनाते हैं। अब होली को महज चार दिन शेष रहे है। मगर हमारे पास राॅ मैटेरियल खत्म हो चुका है। इसके 1 – 2 दिन में आने की उम्मीद है। नाहटा कहते है कि बचे हुए दिनों में 4 से 5 टन माल और बिकने की उम्मीद है।

फ्रुट फ्लेवर में गुलाल
बड़ा बाजार की फर्म शनिया महाराज व्यास के प्रोपराइटर गिरिराज व्यास ने द इंडियन डेली को बताया कि होली से 2-4 दिन पहले गुलाल की अच्छी सेल होती है। अभी मंदिरों में ठाकुर जी के साथ फाग खेलने वाले खुश्बुदार गुलाल की खरीद ज्यादा कर रही हैं। पीक टाइम पर सेल में बूम आएगा। इस बार कुछ आइटम 10 से 15 प्रतिशत महंगे हो गए हैं। वहीं कुछ नए आइटम भी आए हैं। इनमें कलरफुल आतिशबाजी, फोग, 150 से 200 रूपए का शूटर, 100 से 1000 रूपए की रेंज में वाटर टैंक, 500 से 550 रूपए तक की कलरफुल इलेक्ट्रिक गन बाजार में आई है। वहीं औरेंज, मैंगो, लीची व बनाना फ््रूट के फ्लेवर की गुलाल भी बाजार में आ चुकी है।. please don’t copy this news

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