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देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में कैशलैस ट्रांजेक्शन महत्वपूर्ण : शिक्षा मंत्री

*श्री जैन पीजी महाविद्यालय में एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार*

बीकानेर, 12 फरवरी। शिक्षा मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को और अधिक मजबूत करने के लिए हमें कैशलैस ट्रांजैक्शन की ओर बढ़ना होगा। इससे ब्लैक मनी जनरेशन रुकेगा और बैंकों के पास प्रत्येक लेनदेन का हिसाब रह सकेगा।
डॉ. कल्ला रविवार को श्री जैन पीजी कॉलेज द्वारा आयोजित एक दिवसीय नेशनल सेमिनार ‘इमर्जिंग ट्रेंड्स टुवर्ड्स कैशलैस इकोनामी इन इंडिया’ विषयक सेमिनार के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि आज का दौर कैशलैस ट्रांजैक्शन का है। प्रत्येक व्यक्ति को इसके महत्व को समझना चाहिए तथा यह सुनिश्चित करना चाहिए कि डिजिटल माध्यम से ही पैसों का लेनदेन हो। उन्होंने आह्वान किया कि कोई भी व्यक्ति टैक्स की चोरी नहीं करें तथा देश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने में भागीदारी निभाएं। उन्होंने कहा कि आयात घटेगा और निर्यात बढ़ेगा, तो विदेशी मुद्रा में इजाफा होगा।

डॉ. कल्ला ने कहा कि महात्मा गांधी स्वदेशी के पक्षधर थे। उन्होंने गांवों को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने का सपना देखा था। हमें उनके सपने को साकार करना है। इसके मद्देनजर प्रत्येक देशवासी स्वदेशी उत्पादों को अपनाएं और देश में बनने वाले प्रत्येक उत्पाद का उपयोग करें।उन्होंने आह्वान किया कि शनिवार और रविवार को जरूरी कार्य के अलावा दुपहिया और चौपहिया वाहनों का उपयोग नहीं करें। ऐसे छोटे-छोटे प्रयासों से हम भारत को दुनिया की ऊपरी पायदान वाली अर्थव्यवस्थाओं में शामिल करवा सकते हैं।

कॉलेज सीईओ डॉ. शिवराम सिंह झंझडिया ने कहा कि कैशलैस व्यवस्था पुरानी परंपरा है। हमारे समाज में वस्तु विनिमय, हुंडी व्यवस्था के रूप में प्राचीन काल से चल रहा है। उन्होंने कहा कि सेमिनार का मुख्य उद्देश्य कैशलैस व्यवस्था के माध्यम से होने वाले फायदों पर चर्चा करना है।
इस दौरान शिक्षा मंत्री ने सेमिनार के सोवेनियर का विमोचन किया।

इस अवसर पर कॉलेज प्रबंध कार्यकारिणी अध्यक्ष विजय कुमार कोचर, मंत्री माणक चंद कोचर, कॉलेज प्राचार्य डॉ राजेंद्र चौधरी, सेमिनार कन्वीनर डॉ. सुशील कुमार दैया, आयोजन सचिव डॉ. सतपाल मेहरा, महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय के उप कुलसचिव डॉ. बिठ्ठल बिस्सा, सुमित कोचर आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन किशोर सिंह राजपुरोहित ने किया।

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