इस स्कूल के किस जरूरी मुद्दे को लेकर उद्योगपति पचीसिया व किराडू कलक्टर से मिले
बीकानेर । राजकीय नेत्रहीन विद्यालय में छात्रावासीय सीटों की संख्या में बढ़ोतरी, बालिका छात्रावास निर्माण स्वीकृति एवं भोजन की दरों में संसोधन के लिए बीकानेर जिला उद्योग संघ अध्यक्ष द्वारकाप्रसाद पचीसिया, सचिव वीरेंद्र किराडू ने जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल से चर्चा की। उन्होंने कलक्टर को बताया कि राजकीय नेत्रहीन विद्यालय बीकानेर की स्थापना वर्ष 1966 में प्राथमिक विद्यालय के रूप में हुई तब विद्यालय को राज्य सरकार ने विशेष एवं आवासीय विद्यालय का दर्जा देते हुए छात्रावास में 25 सीटों की अनुमति प्रदान की थी।
वर्तमान में विद्यालय उच्च प्राथमिक स्तर से उच्च माध्यमिक स्तर पर क्रमोन्नत हो चुका है फिर भी केवल 25 सीटें ही स्वीकृत है। यह विद्यालय संभाग स्तर पर एक ही है और इसके शैक्षणिक स्तर के कारण अन्य स्थानों से भी नेत्रहीन बालक पढ़ने आते हैं। इसको देखते हुए 25 से 50 छात्र स्वीकृत करवाए जाए। साथ ही दूर गाँवों से आने वाली छात्राओं के लिए अलग से छात्रावास की व्यवस्था भी नहीं है। इसके चलते ये छात्राएं शिक्षा से वंचित रह जाती हैं। इस हेतु विभाग से 30 छात्राओं के रहने की स्वीकृति दिलवाने की आवश्यकता के साथ साथ महिला वार्डन के पद की भी स्वीकृति की आवश्यकता है।
पचीसिया ने बताया कि यदि विभाग विद्यालय में महिला वार्डन एवं 30 छात्राओं के रहने की स्वीकृति दे देता है तो भामाशाहों द्वारा जल्द ही छात्रावास का निर्माण भी करवा दिया जाएगा। साथ ही नेत्रहीन छात्रावासित विद्यालय के छात्रावास में वर्तमान में भोजन दरें राज्य सरकार के आदेश 30 अगस्त 1982 के अनुसार ही चल रही है जिसके अनुसार 1000 रूपए मेस भत्ता दिया जाता है जो कि राज्य सरकार के अन्य आवासीय विद्यालयों की तुलना में कम है। इस मेस भत्ते की राशि को 2000 रूपए प्रति बालक करने की मांग की है।