सुबह 4 बजे ठिठुरन के बीच स्टेशन पहुंच शिक्षकों ने शिक्षा मंत्री से लगाई गुहार
रेलवे स्टेशन पर बड़ी संख्या में शिक्षिकाओं ने भी किया जोरदार प्रदर्शन, धरनास्थल पर मनाई मकर संक्रांति
*दस माह से लम्बित प्रधानाचार्य डीपीसी कराने की मांग को लेकर रेसा के शिक्षाधिकारियों का अनिश्चितकालीन धरना चौथे दिन भी जारी*
बीकानेर। राजस्थान शिक्षा सेवा परिषद ( रेसा ) के प्रांतीय आह्वान पर दस माह से लम्बित प्राचार्य डीपीसी 2022-23 शीघ्र करवाने कि माँग को लेकर 12 जनवरी से शुरु हुआ शिक्षाधिकारियों का अनिश्चितकालीन धरना आज चौथे दिन भी कड़ाके कि सर्दी के बीच जारी रहा।
धरने के चौथे दिन रेसा कोषाध्यक्ष सोहन राज बुरड़क एवं प्रदेश उपाध्यक्ष कमलेश तेतरवाल के नेतृत्व में सैकड़ों महिला एवं पुरुष शिक्षाधिकारी शिक्षा मंत्री डॉ बी डी कल्ला के बीकानेर आगमन पर प्रातः 4 बजे अंधेरे व कड़ाके की ठंड के बीच रेलवे स्टेशन पहुँच गये और शिक्षा मंत्री को निदेशक की हठधर्मिता के सबंध में अवगत करवाते हुए डीपीसी शीघ्र करने के सबंध में आग्रह किया जिस पर शिक्षामंत्री ने सकारात्मक आश्वासन दिया।
रेसा के प्रदेशाध्यक्ष कृष्ण गोदारा ने बताया कि सरकारी विद्यालयों में 6000 से अधिक पद खाली होने एवं पात्र उपप्रधानाचार्य उपस्थित होने के बावजूद प्रधानाचार्य पद पर डीपीसी पिछले नौ माह से लम्बित हैं। इससे हजारों विद्यालय नेतृत्व विहीन होने से शिक्षण कार्य बाधित हो रहा हैं। इस हेतु संगठन के मार्फत अनेक बार निदेशक को ज्ञापन दिया गया एवं उनसे प्राचार्य डीपीसी शीघ्र करने हेतु आग्रह किया गया, लेकिन अभी तक आर पी एस सी को डीपीसी हेतु पत्र नहीं लिखा गया हैं जिससे मजबूरन संगठन को अपनी जायज माँगे पूरा करने के लिए अनिश्चितकालीन धरना शुरू करना पड़ा। रेसा अध्यक्ष ने बताया कि जब तक निदेशालय द्वारा आर पी एस सी को प्राचार्य डीपीसी हेतु अभ्यर्थना भिजवाकर डीपीसी प्रक्रिया पूर्ण नहीं कर दी जाती तब तक अनिश्चितकालीन धरना जारी रहेगा। यदि 20 जनवरी तक यह प्रक्रिया पूर्ण नहीं की गयी तो 21 से अनशन प्रारम्भ कर दिया जाएगा और फिर भी निदेशक द्वारा प्राचार्य डीपीसी नहीं की जाती तो आंदोलन को तेज करके विधानसभा का घेराव किया जाएगा।
परिषद के जिला महामंत्री कमल कांत स्वामी ने बताया कि बीकानेर की भीषण सर्दी में प्रदेश के विभिन्न जिलों से सैंकड़ो महिला शिक्षा अधिकारी भी अपने छोटे बच्चो सहित धरने पर डटी हुई हैं एवं उन्होंने मकर संक्रांति का त्योहार भी परिवार से दूर धरना स्थल पर मनाया हैं। साथ ही यह संकल्प भी लिया हैं कि जब तक डीपीसी सम्पन्न नहीं हो जाती तब तक वो धरना स्थल पर ही रहेंगी एवं यदि माँगे नहीं मानी गयी तो आमरण अनशन भी करेंगी।
इस अवसर पर भारी संख्या में उपस्थित रेसा के शिक्षाधिकारियों ने एक स्वर में बताया कि माननीय जननायक मुख्यमंत्री जी कर्मचारी हितैषी हैं एवं वो चाहते हैं कि डीपीसी प्रक्रिया शीघ्र सम्पन्न हो लेकिन निदेशालय के डीपीसी अनुभाग कि ढिलाई के चलते नौ माह से डीपीसी नहीं हो पायी हैं , इस अवसर पर गाँधीवादी मुख्यमंत्री जी को अपना वादा याद दिलाने के लिए सभी शिक्षाधिकारियों ने रेसा कि गाँधीवादी टोपी धारण करके ध्यानाकर्षण किया ।।