मकर संक्रांति के अवसर पर सीरी में दिव्यांगों को ई-रिक्शा वितरित
सीरी (CSIR-CEERI) के वैज्ञानिकों ने विकसित की ई-असिस्ट ट्राईसाइकिल
आत्मनिर्भर भारत अभियान में सरकार के साथ-साथ सभी नागरिकों का योगदान अनिवार्य : डॉ चंद्रशेखर
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पिलानी। सीएसआईआर-सीरी के पूर्व निदेशक एवं एसीएसआईआर के चांसलर डॉ चंद्रशेखर एवं सीरी के निदेशक डॉ पी सी पंचारिया ने विज्ञान गांव की ओर कार्यक्रम के दौरान सामाजिक उत्तरदायित्व का निर्वहन करते हुए सीएसआईआर-सीरी (CSIR-CEERI) के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित ई-असिस्ट ट्राईसाइकिल फील्ड ट्रायल और उपयोगकर्ताओं से फीडबैक प्राप्त करने के लिए दिव्यांगों को वितरित कीं। आज संस्थान में आयोजित सादे किंतु गरिमामय कार्यक्रम में 15 ई-ट्राईसाइकिलें जरूरतमंद दिव्यांगों को वितरित की गईं।
इस अवसर पर अपने संबोधन में डॉ चंद्रशेखर ने सभी ई-रिक्शा प्राप्त करने वाले दिव्यांग साथियों से अनुरोध किया कि वे संस्थान द्वारा विकसित इस ई ट्राई साइकिल के संबंध में अपना फीडबैक और सुझाव संस्थान को अवश्य दें ताकि इसके आगामी संस्करणों में और सुधार किया जा सके। उन्होंने इस ट्राइक का विकास करने के लिए डॉ बोत्रे और उनकी टीम की मुक्त कंठ से सराहना की और कहा कि हमारा देश ऐसे कदमों से आत्मनिर्भरता की ओर अपने कदम बढ़ा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार का आत्मनिर्भर भारत अभियान तभी सफल हो सकेगा जब सरकार के साथ-साथ हम सभी इसमें अपना योगदान दें। संस्थान के निदेशक डॉ पी सी पंचारिया ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी दिव्यांग बंधुओं और संस्थान के अधिकारियों को मकर संक्रांति की बधाई देते हुए कहा कि संस्थान अपने सामाजिक उत्तरदायित्व को भी भली-भांति समझता है। उन्होंने कहा कि संस्थान के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित यह ट्राई साइकिल प्रथम चरण के सफल फील्ड ट्रायल के उपरांत शोध एवं विकास कार्य को आगे बढ़ाने के लिए चयनित दिव्यांगजनों को वितरित की जा रही हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि आज यह ट्राई साइकिल प्राप्त करने वाले सभी दिव्यांग बंधु इस शोध कार्य में हमारा सहयोग करेंगे और अपने सुझाव समय-समय पर हमें देते रहेंगे।
डॉ बीए बोत्रे ने सभी दिव्यांग जनों को ट्राई साइकिल के संबंध में आवश्यक जानकारी दी। ई-रिक्शा प्राप्त करने वाले सभी दिव्यांग जनों को रिक्शा चलाने के संबंध में आवश्यक प्रशिक्षण भी दिया गया।
ई-असिस्ट ट्राईसाइकिल प्राप्त करने वाले सभी दिव्यांगजनों ने संस्थान की इस पहल की प्रशंसा की और इस शोध कार्य में सहभागी बनाने के लिए संस्थान के निदेशक एवं उनकी टीम का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस ई-रिक्शा से उनके दैनिक क्रियाकलापों में उन्हें सहायता मिलेगी। उन्होंने अपनी ओर से यथासंभव सहयोग का आश्वासन भी दिया।
मीडिया को जानकारी देते हुए संस्थान के मीडिया एवं जनसंपर्क अधिकारी रमेश बौरा ने बताया कि डॉ बी ए बोत्रे को ई-ट्राईसाइकिल के विकास के लिए अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस 2022 के अवसर पर नई दिल्ली में आयोजित समारोह में भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित भी किया जा चुका है।