पंचायतीराज मंत्री ने बीकानेर कलक्टर को भरी सभा में बाहर निकलने के लिए कहा
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मंत्री का विरोध शुरू
बीकानेर । रविन्द्र रंगमंच में चल रही सभा में पंचायतीराज मंत्री रमेश मीणा कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल के फोन पर बात करने से इतने खफा हो गए कि उन्हें बाहर निकलने के लिए कह दिया। उन्होंने बीकानेर कलेक्टर को भरी मीटिंग में खरी-खरी सुनाई। अब इस मुद्दे को लेकर मंत्री का विरोध भी शुरू हो गया है। हर ओर यही चर्चा चल रही है कि मंत्री को कलक्टर जैसे गरिमामय पद का ख्याल रखना चाहिए था। हालांकि कलक्टर कलाल ने पूरी तरह से ओहदे को ध्यान में रखते हुए संयमित अंदाजा में बाहर जाकर आमजन के दिलों में जगह बना ली।
दरअसल मीणा के संबोधन के समय कलक्टर फोन पर बात कर रहे थे,तो मीना ने कहा आप हमारी बात ही नहीं सुन रहे हैं, इसके बाद मंत्री ने जिला कलक्टर को बाहर जाने को कह दिया। सोमवार को बीकानेर के रविन्द्र रंगमंच में आयोजित एक सार्वजनिक कार्यक्रम में राज्य सरकार के वरिष्ठ मंत्री रमेश मीणा द्वारा जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल के साथ किये गये दुर्व्यवहार की घटना पर शहर भाजपा जिलाध्यक्ष अखिलेश प्रताप सिंह ने कड़ी निंदा करते हुए गहरा रोष प्रकट किया है।
जिलाध्यक्ष सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि जिले के सबसे उच्च अधिकारी और जिला मजिस्ट्रेट के साथ सत्ता के अहंकार में डूबे मंत्री रमेश मीणा को इस प्रकार के बेरुखे दुर्व्यवहार का कोई हक नहीं है। उन्होंने कहा कि इस सरकार में कांग्रेस के मंत्रीगण, नेता और कार्यकर्ता अमूमन अधिकारियों पर राजनैतिक दबाव डालकर अनुचित कार्यो को करवाने का प्रयास करते रहे हैं। इस प्रक्रिया में अनेकों बार सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को नेताओं की बदतमीजी का शिकार होना पड़ता है।
सिंह ने कहा कि वर्तमान सरकार में जनकार्यो से जुड़े सभी कार्यालयों में अधिकारी दबाव में कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब राजस्थान की जनता ने इस सरकार को विदा करने का मानस बना लिया है और सरकार के मंत्रियो की बौखलाहट स्पष्ट रूप से दिखने लगी है।
जिला मंत्री और मीडिया प्रभारी मनीष आचार्य ने भी मंत्री मीणा द्वारा जिला कलेक्टर के साथ किए अनपेक्षित व्यवहार की घोर निंदा करते हुए कहा कि इस शर्मनाक कृत्य से बीकानेर के आमजन को ठेस पहुंची है । उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार के मंत्री प्रतिदिन अपने व्यवहार और आचरण से सरकार की किरकिरी करने में लगे हुए हैं और बीकानेर जिला कलक्टर ने ऐसा कोई कृत्य नहीं किया जिसके लिए मंत्री को उनके साथ सार्वजनिक रूप से इस प्रकार का बर्ताव करना पड़े। बता दें कि इससे पहले भी मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ब्यूरोक्रेसी पर सवाल उठा चुके हैं।