सीरी सेमिकंडक्टर प्रशिक्षण में देश में सर्वश्रेष्ठ संस्थान : प्रोफेसर चंद्रशेखर
सेमिकंडक्टर उद्योग के लिए कुशल जनशक्ति तैयार करने में अपनी भूमिका का निर्वहन कर रहा है सीरी – डॉ पंचारिया
सेमिकंडक्टर डिवाइस फैब्रिकेशन पर डीएसटी–एसईआरबी कार्यशाला संपन्न
पिलानी। सीएसआईआर-केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिकी अभियांत्रिकी अनुसंधान (सीएसआईआर-सीरी) में डीएसटी-एसईआरबी के सौजन्य से सेमिकंडक्टर डिवाइस फैब्रिकेशन पर आयोजित दो सप्ताह का उच्च स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न हुआ। इस अवसर पर संस्थान के पूर्व निदेशक प्रोफेसर चंद्रशेखर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। समापन सत्र की अध्यक्षता संस्थान के निदेशक डॉ पी सी पंचारिया ने की। इस अवसर पर मुख्य वैज्ञानिक डॉ अभिजीत कर्माकर, पी एम ई प्रमुख डॉ प्रमोद तंवर, प्रशासन नियंत्रक जय शंकर शरण, वित्त एवं लेखा नियंत्रक जय प्रकाश इन्दौरा, कार्यक्रम के प्रशिक्षार्थियों एवं प्रशिक्षकों सहित संस्थान के वैज्ञानिक एवं अन्य सहकर्मी उपस्थित थे।
उल्लेखनीय है कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में आईआईटी-एनआईटी सहित देश भर के प्रमुख इंजीनियरिंग कॉलेजों एवं अन्य शिक्षण संस्थानों 25 एम एस सी, एम टेक व पीएचडी छात्र-छात्राओं का चयन किया गया था। समापन सत्र में मुख्य अतिथि डॉ चंद्रशेखर ने सभी प्रशिक्षार्थियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए। देश में सेमिकंडक्टर उद्योग जगत के लिए कुशल जनशक्ति उपलब्ध कराने के दूरदर्शी लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए संस्थान में प्रशिक्षण कार्यक्रमों की शृखला आरंभ की गई है। प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षार्थियों को डायोड एवं मॉस कपैसिटर फैब्रिकेशन, वेफर क्लीनिंग, फोटो मास्क मेकिंग, लिथोग्राफी, ऑक्साइड एचिंग, डिफ्यूज़न प्रोसेस, थर्मल ऑक्सीडेशन, पैकेजिंग टेक्नोलॉजी आदि संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी एवं इसका गहन व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया।
समापन सत्र में प्रशिक्षार्थियों को संबोधित करते हुए डॉ चंद्रशेखर ने कहा कि देश में सेमिकंडक्टर क्रांति की शुरुआत हो चुकी है। अभी इस क्षेत्र में बहुत काम किया जाना शेष है और दक्ष एवं कुशल जनशक्ति की बहुत आवश्यकता है। देश के कॉलेजों में सेमिकंडक्टर प्रशिक्षण संबंधी सीमाओं की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि सीएसआईआर-सीरी हमारे शोधार्थियों एवं इंजीनियरों को प्रशिक्षित करने के लिए देश में सर्वोंत्तम स्थान है। यहाँ न केवल उच्चस्तरीय शोध एवं प्रशिक्षण सुविधा उपलब्ध है अपितु प्रशिक्षण हेतु कुशल वैज्ञानिक तथा तकनीकी जनशक्ति भी है।
उन्होंने इस अवसर पर विश्व में सेमिकंडक्टर के उद्भव की चर्चा करते हुए देश में इस यात्रा के विभिन्न पड़ावों पर प्रकाश डाला तथा अपने अनुभव साझा किए। प्रोफेसर चंद्रशेखर ने कहा कि सेमिकंडक्टर तेजी से बदलने वाला क्षेत्र है जिसमें उद्योग स्थापित करने के लिए बहुत बड़ी धनराशि की आवश्यकता होती है जो भारत जैसे विशाल जनसंख्या वाले विकासशील देश के लिए सदैव चुनौतीपूर्ण रहा है। परंतु अब भारत सरकार ने भी मेक इन इंडिया कार्यक्रम के अंतर्गत देशी एवं विदेशी उद्योगों को भारत में इस क्षेत्र में उद्योग स्थापित करने के लिए आमंत्रित किया है और इसके लिए 76000 करोड़ रुपये की विशाल धनराशि आबंटित की है। अपने संबोधन के अंत में उन्होंने सभी प्रशिक्षार्थियों को सफलता के लिए हार्दिक शुभकामनाएं दीं।
इससे पूर्व डॉ पी सी पंचारिया ने इस अवसर पर अपने स्वागत संबोधन में मुख्य अतिथि एवं सभी प्रशिक्षार्थियों का औपचारिक स्वागत किया। उन्होंने कहा कि हमारा संस्थान देश में सेमिकंडक्टर उद्योग के लिए कुशल जनशक्ति तैयार करने में अपनी भूमिका का निर्वहन कर रहा है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि सभी प्रशिक्षार्थी इस प्रशिक्षण से लाभान्वित हुए होंगे और यहाँ प्राप्त अनुभव उनके व देश के लिए उपयोगी सिद्ध होगा। प्रशिक्षार्थियों ने भी प्रशिक्षण के संबंध में अपने विचार व्यक्त करते हुए निदेशक एवं सभी प्रशिक्षकों के प्रति आभार जताया।
समापन सत्र का संचालन कार्यक्रम संयोजक एवं कौशल विकास यूनिट के प्रमुख डॉ विजय चटर्जी, वरिष्ठ वैज्ञानिक ने किया। अंत में उन्होंंने धन्यवाद ज्ञापित करते हुुए प्रोफेसर चंद्रशेखर एवं डॉ पंचारिया सहित सभी अधिकारियों तथा उपस्थित प्रशिक्षार्थियों के प्रति आभार भी व्यक्त किया।