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किसान के लिए अच्छी खबर : यह खाद खेती के लिए है वरदान

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बीकानेर, 4 अक्टूबर। कृषि अनुसंधान केन्द्र पर आयोजित क्षेत्रीय अनुसंधान एंव विस्तार सलाहकार समिति की बैठक में वैज्ञानिकों एवं प्रसार अधिकारियों के सुझावों के अनुसार डीएपी की तुलना में सिंगल सुपर फास्फेट उर्वरक का उपयोग खेती में ज्यादा लाभदायक रहता है, क्योंकि एसएसपी फॉस्फोरस धारी उर्वरक है। इसमें 16 प्रतिशत फॉस्फोरस, 12 प्रतिशत सल्फर एवं 18 से 21 प्रतिशत कैल्शियम पाया जाता है। सल्फर एवं कैल्शियम के कारण यह तिलहनी व दलहनी फसलों के लिए अन्य उर्वरकों की तुलना में बहुत अधिक लाभदायक है। यह उर्वरक डीएपी की अपेक्षा सस्ता एवं बाजार में आसानी से उपलब्ध हो जाता है।

एक बैग डीएपी में 23 किलोग्राम फॉस्फोरस एवं 9 किलोग्राम नाइट्रोजन पाई जाती है। फसलों में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस एवं सल्फर आदि आवश्यक पोषक तत्व देने के लिए डीएपी व सल्फर के विकल्प के रूप में यदि एसएसपी के साथ यूरिया प्रयोग किया जाता है, तो डीएपी व सल्फर से कम लागत पर फसलों को नाइट्रोजन, फॉस्फोरस एवं सल्फर आवश्यक पोषक तत्व दिया जा सकता है। इसके लिए 1 बैग डीएपी के साथ 16 किलोग्राम सल्फर के विकल्प के रूप मे 3 बैग एसएसपी के साथ 1 बैग यूरिया का प्रयोग किया जा सकता है। देखें विकल्प 👇

विकल्प – 1
(डीएपी + सल्फर)
फॉस्फोरस 23 कि.ग्रा., नाइट्रोजन 9 कि.ग्रा., सल्फर 16 कि. ग्रा. की लागत राशि 2959 रुपये आती है।
विकल्प – 2
(एसएसपी + यूरिया )
फास्फोरस 24 कि.ग्रा, सल्फर 16 कि.ग्रा, कैल्शियम 30 से 32 किग्रा, नाइट्रोजन 20 कि.ग्रा की लागत राशि 1617 रुपये आती हैं।
यदि किसान विकल्प-2 (एसएसपी + यूरिया) का प्रयोग करते है तो रुपये 1333 रुपये की बचत कर फसलों को अधिक आवश्यक पोषक तत्व उपलब्ध करा सकते हैं। फास्फोरस धारी उर्वरको को फसल बुवाई के समय बीज से 2 से 3 सेमी. गहराई पर बुवाई करके देना चाहिए, जिससे पोषक तत्वों की उपलब्धता अधिकतम प्राप्त होती है।

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