सफलता पाने का मूलमंत्र व्यक्ति के अन्दर ही छिपा होता है: देवेन्द्र बिश्नोई
बेसिक पी.जी. कॉलेज में पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन
बीकानेर। बेसिक पी.जी. महाविद्यालय में बीएससी एवं बीकाम संकाय के अंतिम वर्ष के प्रथम श्रेणी उत्तीर्ण तथा बीएससी, बीकॉम एवं बीए (प्रथम वर्ष एवं द्वितीय वर्ष) के टॉपर छात्र-छात्राओं के प्रोत्साहन हेतु ”पुरस्कार वितरण समारोह’ का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरों के पुलिस अधीक्षक देवेन्द्र बिश्नोई, विशिष्ट अतिथि राजकीय डूँगर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. जी.पी. सिंह , विशिष्ट अतिथि रोटरी डिस्ट्रिक्ट 3053 के राजेश चूरा, गवर्नर, विशिष्ट अतिथि डॉ. धीरज कल्ला रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय प्रबंध समिति रामजी व्यास ने की।
कार्यक्रम का शुभारंभ ज्ञान की देवी मां सरस्वती के पूजन व दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया गया। कार्यक्रम के प्रारम्भ में महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. सुरेश पुरोहित द्वारा पधारे हुए अतिथियों का परिचय देते हुए स्वागत उद्बोधन के साथ-साथ महाविद्यालय का प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। महाविद्यालय की उपलब्धियों को बताते हुए डॉ. पुरोहित ने बताया कि इस वर्ष स्नातक स्तर पर बी.एससी., बी.कॉम. एव बी.ए. तथा स्नातकोत्तर स्तर पर एम.एससी. (प्राणिविज्ञान, वनस्पतिविज्ञान, रसायन विज्ञान, गणित) व एम.क ॉम. (एबीएसटी) के परीक्षा परिणाम 100 प्रतिशत रहे हैं। इस परीक्षा परिणाम में न के वल छात्र-छात्राओं ने सर्वोच्च अंक प्राप्त किए हैं बल्कि लगभग 600 विद्यार्थी प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण हुए। डॉ. पुरोहित ने बताया कि शैक्षणिक पाठ्यक्रमों के नियमित अध्ययन के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु नि:शुल्क तैयारी, ई-लाईब्रेरी, पर्सनल्टी डवलमेंट, स्पोकन इंग्लिश, शैक्षणिक भ्रमण, खेलकूद आदि ऐसी विभिन्न गतिविधियां हैं जो हमारे महाविद्यालय को और बेहतर बनाता है।
कार्यक्रम के दौरान स्नातक स्तर पर अंतिम वर्ष में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों एवं स्टाफ सदस्यों को अतिथियों द्वारा पुरस्कृत एवं सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में छात्रों को संबोधित करते हुए भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, बीकानेर के पुलिस अधीक्षक श्रीमान् देवेन्द्र जी बिश्नोई ने बताया कि प्रत्येक व्यक्ति जीवन में सफल होना चाहता है, लेकिन कई बार हमारी कुछ आदतें सफलता हासिल करने से रोक देती हैं, हालांकि सफलता पाने का मूलमंत्र व्यक्ति के अन्दर ही छिपा रहता है। हर विद्यार्थी को जीवन में सफल होने के लिए कुछ मूलमंत्रों को ध्यान में रखना चाहिए। देवेन्द्र जी बिश्नोई ने मूलमंत्रों को विस्तार से बताते हुए छात्रों से कहा कि प्रत्येक विद्यार्थी में सीखने की आदत, चुनौतियों का सामना करने का जज्बा और आत्म मूल्यांकन करने का साहस होना चाहिए। जीवन में सफलता पाने के लिए सबसे जरूरी है कि आप अपने पर विश्वास रखें। विद्यार्थी को हमेशा सकारात्मक सोचना चाहिए जिससे उसका आत्मविश्वास बढ़ता है।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि राजकीय डूँगर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. जी.पी. सिंह ने अपने अनुभवों को विद्यार्थियों के साथ साझा करते हुए बताया कि अंतिम वर्ष के छात्र-छात्राओं को विश्वास, साहस, धैर्य तथा कठिन परिश्रम से भविष्य में आगे बढऩा चाहिए। डॉ. जी.पी. सिंह ने कहा कि सभी छात्र-छात्राएं आगे आने वाली हर चुनौती को एक अवसर के रूप में लेते हुए धैर्य के साथ आगे बढ़ें। सफलता का कोई शार्टकट नहीं होता है इसलिए कठिन मेहनत करते हुए अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए तत्पर रहें।
कार्यक्रम के दौरान विशिष्ट अतिथि गवर्नर, रोटरी डिस्ट्रिक्ट 3053 राजेश जी चूरा ने छात्रों को संबोधित करते हुए विद्यार्थियों की दिनचर्या एवं गुणों के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला तथा विद्यार्थी जीवन में अध्ययन को तनावमुक्त, एकाग्रचित्त मन से भयमुक्त होकर रहने के लिए आध्यात्मिकता योग, शारीरिक एवं नैतिक शिक्षा के बारे में जानकारी दी। राजेश जी चूरा ने छात्रों को बताया कि उन्होंने महाविद्यालय जीवन में जो भी सीखा है उन्हें भविष्य में उन सभी गुणों को अपने क्षेत्र में जाकर साझा करें।
कार्यक्रम के दौरान महाविद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष श्री रामजी व्यास, वरिष्ठ सदस्य डॉ. धीरज कल्ला एवं महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. सुरेश पुरोहित द्वारा सभी अतिथियों को साफा, शॉल एवं प्रतीक चिह्न भेंट कर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के अन्त में महाविद्यालय प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष श्री रामजी व्यास द्वारा सर्वोत्तम परीक्षा परिणाम हेतु छात्र-छात्राओं, अभिभावकों एवं स्टाफ सदस्यों को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए अतिथियों का आभार प्रकट किया गया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में महाविद्यालय स्टाफ सदस्य डॉ. मुकेश ओझा, डॉ. रमेश पुरोहित, डॉ. रोशनी शर्मा, वासुदेव पंवार, श्रीमती माधुरी पुरोहित, श्रीमती प्रभा बिस्सा, सौरभ महात्मा, सुश्री संध्या व्यास, सुश्री श्वेता पुरोहित, सुश्री प्रियंका देवड़ा, श्रीमती अर्चना पुरोहित, अजय स्वामी, जयप्रकाश, हिमांशु व्यास, गणेश दास व्यास, सुश्री जयन्ती व्यास, सुश्री ज्योत्सना पुरोहित, डॉ. नमामिशंकर आचार्य, हितेश पुरोहित, पंकज पाण्डे, महेन्द्र आचार्य, शिवशंकर उपाध्याय, श्री राजीव पुरोहित आदि का उल्लेखनीय योगदान रहा।