भागवत केवल पुस्तक नहीं, साक्षात भगवान का स्वरूप-क्षमाराम महाराज
बीकानेर। सींथल पीठाधीश्वर श्री श्री 1008 महन्त श्री क्षमाराम महाराज के श्री मुख से संगीतमय श्रीमद्भागवत ज्ञान यज्ञ कथा शनिवार को गोपेश्वर बस्ती स्थित गोपेश्वर भूतेश्वर महादेव मंदिर में शुरू हुई । जहां क्षमाराम महाराज ने कथा के प्रथम दिन बताया कि कलयुग में भागवत कल्याण करने का एकमात्र उपाय है। भागवत केवल पुस्तक नहीं है। जैसे – भगवान श्रीकृष्ण, श्रीराम व्यक्ति रूप दिखते हैं लेकिन वास्तव में भगवान है। इसी प्रकार भागवत कलयुग में साक्षात भगवान का स्वरूप है।
आज के प्रसंग में क्षमाराम महाराज ने भक्ति, ज्ञान और वैराग्य के प्रसंग सुनाए। कथा में नारद जी, भक्ति तथा ज्ञान और वैराग्य के प्रसंग सुनाए। साथ ही कहा कि जीव और परमात्मा का संबंध नित्य है। कलयुग आ गया है ज्ञान और वैराग्य को कोई पूछता नहीं है। पखवाड़े भर के लिए आयोजित की जा रही कथा से पूर्व शहरी क्षेत्र के मुख्य बड़ा बाजार क्षेत्र में भव्य कलश यात्रा निकाली गई। इसमें बीकानेर नगर की प्रथम नागरिक महापौर सुशीला कंवर राजपुरोहित तथा आयोजन से जुड़े समिति के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं ने सपरिवार भाग लिया। कलश यात्रा में बड़ी संख्या में भगवत प्रेमी महिलाएं एवं पुरुष शामिल हुए जो दुरस्थ स्थानों से कथा श्रवण का लाभ लेने के लिए पधारे थे ।
आयोजन से जुड़े राधे मोहन अग्रवाल ने बताया कि सुबह आठ बजे से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु आयोजन स्थल पर एकत्रित होने शुरू हो गए।श्री लक्ष्मीनाथ मंदिर परिसर से भव्य कलश यात्रा निकाली गई। बैण्ड बाजे के साथ शुरू हुई कलश यात्रा में बड़ी संख्या में छोटे-छोटे बच्चे, युवती व महिलाओं ने भाग लिया। केसरिया साड़ी पहने महिलाओं ने सर पर कलश धारण किया, मंगलगीत गाते हुए चल रही थी वहीं पुरुष सफेद चोला -पायजामा पहने, गले में धर्म दुपट्टा डाले भगवान के जयकारे और भक्ति भाव से भरे भजनों को गाते हुए साथ चल रहे थे। कलश यात्रा में सबसे आगे भागवत जी को सर पर बारी- बारी उठाये आयोजन समिति के सभी सदस्य, और समाज के बंधू चल रहे थे। इनके पीछे रथों पर सजे -धजे, देवरूप धारण किए बालक और देवियां बनी बालिकाएं सवार थे।
कलश यात्रा लक्ष्मीनाथ मंदिर से शुरू होकर चूड़ी बाजार से दांती बाजार होते हुए भुजिया बाजार से रांगड़ी चौक, ढ़ढ्ढों का चौक, बागड़ी मोहल्ला, डागों की पिरोल से बड़ा बाजार स्थित घूमचक्कर होते हुए भैरव जी की घाटी से पुन: लक्ष्मीनाथ जी मंदिर पहुंची। जहां से भक्तगण गोपेश्वर बस्ती स्थित शिव – पार्वती मंदिर पहुंचे। फिर वहां से कथा स्थल पहुंची । इस दौरान कलश यात्रा का जगह- जगह शीतल जल,ठण्डे-मीठे पेय, पुष्प वर्षा से स्वागत किया गया। कलश यात्रा में शामिल श्रद्धालुओं के जयकारे से वातावरण गुंजायमान हो गया। इसके बाद मंत्रोच्चारण के बीच महाराज द्वारा कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत की। क्षमाराम जी महाराज ने विधिविधान पूर्वक पूजन संपन्न कराया।
महन्त श्री क्षमाराम ने कहा कि भगवान की लीला अपरंपार है। वे अपनी लीलाओं के माध्यम से मनुष्य व देवताओं के धर्मानुसार आचरण करने के लिए प्रेरित करते हैं। श्रीमदभागवत कथा के महत्व को समझाते हुए कहा कि भागवत कथा में जीवन का सार तत्व मौजूद है आवश्यकता है निर्मल मन ओर स्थिर चित्त के साथ कथा श्रवण करने की। भागवत श्रवण से मनुष्य को परमानन्द की प्राप्ति होती है।