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बीकानेर का ऐसा स्कूल जहां के विद्यार्थी केंद्र व राज्य सरकार के महकमों में दे रहे हैं सेवाएं

नेत्रहीन विद्यार्थियों में अद्भुत शक्तियां जरूरत है इनको निखारने की :- डॉ. नीरज के पवन

बीकानेर । नेत्रहीन विद्यार्थियों में अद्भुत शक्तियाँ होती है बस जरूरत है उनको निखारने की | यह शब्द संभागीय आयुक्त नीरज के पवन ने राजकीय नेत्रहीन छात्रावासित उच्च माध्यमिक विद्यालय में विजिट के दौरान शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहे | संभागीय आयुक्त नीरज के पवन ने विद्यालय की साफ़ सफाई एवं व्यवस्थाओं को देखकर प्रशंसा करते हुए बताया कि जिला प्रशासन के स्तर पर स्कूल में आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करवाई जायेगी | संभागीय आयुक्त ने बच्चों के खेलने के लिए विद्यालय परिसर के पीछे के भाग में खाली पड़े मैदान को शीघ्र ही साफ़ करवाने का आश्वासन दिया |

बीकानेर जिला उद्योग संघ के अध्यक्ष द्वारकाप्रसाद पचीसिया ने बताया कि वर्तमान में शाला में 80 विद्यार्थी अध्ययनरत है जिसमें से 45 बच्चे इसी परिसर में बने छात्रावास में रहते हैं और वर्तमान में भामाशाहों के सहयोग से हर माह सरकारी फंड के अतिरिक्त लगने वाले दैनिक आवश्यकताओं की वस्तुओं के खर्च की पूर्ती की जाती है | वर्तमान में इस विद्यालय में छात्राओं हेतु छात्रावास की काफी कमी महसूस की जा रही है ताकि दूर दराज से पढाई के लिए आने वाली छात्राओं को अलग से यही विद्यालय परिसर में रखा जा सके इसके लिए भामाशाह राज्य सरकार के साथ सहभागी योजना में छात्राओं हेतु छात्रावास बनाने को भी तैयार है |

शाला प्रधानाध्यापक अल्ताफ ने बताया कि इस विद्यालय से 77 ऐसे होनहार विद्यार्थी भी निकले हैं जो कि आज अलग अलग स्थानों पर केंद्र व् राज्य सरकार के महकमों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं और जिसमें से 6 इसी स्कूल से निकले विद्यार्थी इसी स्कूल में शिक्षक बनकर अपनी सेवाएं दे रहे हैं | इस मौके पर नरेश मित्तल, बाबूलाल सांखला, अनंतवीर जैन, भंवरलाल चांडक, प्रकाश ओझा, निर्मल पारख, अभिमन्यु जाजडा, विजय मालू, देवेन्द्र बैद, अरिहंत नाहटा एवं शाला के शिक्षक उपस्थित हुए |

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