बाहरी इन्वेस्टर के निवेश की मंशा में बाधा बन रहा है गंदे पानी का तालाब
■ रीको ने लिखा था जिला कलक्टर को पत्र
■ करणी ओद्यो. क्षेत्र में गंदे पानी के तालाब का मुद्दा
बीकानेर। बीकानेर के करणी औद्योगिक क्षेत्र में बने गंदे पानी का तालाब राज्य सरकार के अभियान राजस्थान इन्वेस्टर समिट कार्यक्रम के आड़े आ रहा है। यह कहना है बीकानेर स्थित रीको के क्षेत्रिय कार्यालय का। करणी औद्योगिक क्षेत्र में यूनिटों के बेस्ट वाटर की निकासी के पुख्ता प्रबंधन के अभाव में यह समस्या क्षेत्र के उद्यमियों के लिए सिरदर्द बन गई है। इस समस्या के लिए रीको को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल सहित अनेक मंत्रालयों से नोटिस मिल चुके हैं। रीको इस समस्या के लिए उद्यमियों को जिम्मेदार ठहरा रहा है। वहीं उद्यमियों का कहना है कि हम समाधान में सहयोग कर रहे हैं तथा रीको की हठधर्मिता ही इस समस्या के समाधान में आड़े आ रही है।
इन्वेस्टर की निवेश की मंशा पर प्रतिकूल असर रीको बीकानेर के वरिष्ठ प्रबंधक पी. के. गुप्ता ने 22 दिसम्बर 2021 को जिला कलक्टर को पत्र लिख कर बताया था कि राज्य सरकार के अभियान राजस्थान इन्वेस्टर समिट कार्यक्रम में करणी औद्योगिक क्षेत्र में बने गंदे पानी के तालाब से बाहरी इन्वेस्टर के निवेश की मंशा पर बुरा असर पड़ रहा है। रीको ने लिखा कि इस प्रदूषित पानी की कहीं भी निकासी नहीं है।
एक रुपये की टोकन मनी पर जमीन आवंटित उद्योगों के प्रदूषित जल के निस्तारण के लिए करणी व बीछवाल औद्योगिक क्षेत्र के उद्यमियों द्वारा दो एसपीवी का गठन किया गया था। रीको द्वारा एक रुपए की टोकन मनी पर दोनों एसपीवी को सीईटीपी की स्थापना के लिए जमीन का करणी औद्योगिक क्षेत्र के लिए 24 हजार 282 वर्गमीटर तथा बीछवाल औद्योगिक क्षेत्र के लिए 20 हजार वर्गमीटर आवंटन भी कर दिया गया है। इन सीईटीपी की शीघ्र स्थापना के लिए प्रयास किए जा रहे हैं अभी तक सफलता नहीं मिल पाई है। रीको तथा प्रदूषण निवारण मंडल द्वारा उद्यमियों से लगातार सम्पर्क कर उन्हें शीघ्र ही सीईटीपी की स्थापना के लिए कहा जा रहा है। दोनों एसपीवी द्वारा सीईटीपी की स्थापना को लेकर प्रोजेक्ट एमएसई सीडीपी के तहत ऑनलाइन आवेदन किया जाना है। इस संबंध में वरिष्ठ क्षेत्रिय प्रबंधक ने कलक्टर से उद्यमियों के साथ बात कर इस समस्या के निस्तारण के लिए आग्रह किया था।
एसोसिएशन कर रहा है पूरा सहयोग कोठारी इस प्रकरण में करणी इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष महेश कोठारी का कहना है कि एसोसिएशन ने रीको के अतिरिक्त महाप्रबंधक को रीको, प्रदूषण मंडल व जयपुर से आए उच्च अधिकारियों से एसोसिएशन व उद्यमियों को 29 मार्च की बैठक में हुई बातचीत से अवगत करवा दिया था। एसोसिएशन को कहा गया कि सीईटीपी निर्माण के कार्य को गति देने के लिए पानी की मात्रा की जानकारी अति आवश्यक है। इस पर एसोसिएशन नै स्पष्ट कर दिया था कि क्षेत्र में वर्तमान में पोलूटेड 28 उद्योगों में एसपीवी ने हिस्सेदारी ली थी जिसमें चार उद्योग प्रस्तावित है। कोठारी का कहना है कि हमने अतिरिक्त महाप्रबंधक को अवगत करवाया कि वर्तमान में हमारी सभी इकाईयों द्वारा प्रदूषण मण्डल द्वारा जारी कन्सप्ट टू ऑपरेट के अण्डर व अनुरूप पानी की मात्रा निस्कासित की जा रही है। हमारी इकाइयों में स्थापित ईटीपी से पानी उपचारित करके ही पानी का निस्तारण किया जाता है। हमारे से 27 जनवरी 2015 को रीको द्वारा सीईटीपी निर्माण में पानी की मात्रा व गुणवता का पूछा गया था। हमने इसकी जानकारी भी दे दी। इसके बावजूद रीको द्वारा सीईटीपी निर्माण में सुस्त रवैया अपनाया जा रहा है।