सीरी द्वारा विकसित मैग्नेट्रॉन टेक्नोलॉजी के लिए
भारत सरकार के प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड ने किया बैंगलूरू की कंपनी से समझौता
कैंसर उपचार के लिए उपयोगी है यह टेक्नोलॉजी
पिलानी, 26 मई। सीरी द्वारा विकसित एस बैंड ट्यूनेबल मैग्नेट्रॉन फॉर पार्टिकल एक्सलरेटर्स टेक्नोलॉजी के व्यावसायिक विकास और वाणिज्यीकरण के लिए भारत सरकार के टेक्नोलॉजी डेवलपमेन्ट बोर्ड ने 25 मई, 2022 को मैसर्स पैनेशिया मेडिकल टेक्नोलॉजीज़ प्रा. लि., बैंगलूरू से समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान किया। विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी मंत्री डाॅ जितेन्द्र सिंह की उपस्थिति में आयोजित इस कार्यक्रम में वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक एवं परियोजना प्रमुख, मैग्नेट्रॉन डॉ शिवेन्द्र मौर्य के अलावा टेक्नोलॉजी डेवलपमेन्ट बोर्ड के सचिव राजेश पाठक और मैसर्स पैनेशिया मेडिकल टेक्नोलॉजीज़ के प्रबंध निदेशक जी वी सुब्रह्मण्यम एवं अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।
गौरतलब है कि सीएसआईआर-सीरी के वैज्ञानिकों ने इस अत्यंत महत्वपूर्ण टेक्नोलॉजी का विकास किया है और भारत सरकार की ‘आत्मनिर्भर भारत’ की संकल्पना को साकार करने के लिए संस्थान द्वारा विकसित इस प्रौद्योगिकी की तकनीकी जानकारी का हस्तांतरण जुलाई 2020 में मैसर्स पैनेशिया मेडिकल टेक्नोलॉजीज़ को किया था ताकि इससे देश में उपलब्ध रेडियोथैरेपी मशीनों में स्वदेशी मैग्नेट्रॉन का उपयोग किया जा सके। अभी इन मशीनों में आयात किए गए मैग्नेट्रॉन का ही उपयोग होता है।
कल बुधवार को हुए एम ओ यू के अंतर्गत भारत सरकार का टेक्नोलॉजी विकास बोर्ड मेसर्स पैनेशिया मेडिकल टेक्नोलॉजीज़ को इस टेक्नोलॉजी की मदद से कैंसर के उपचार में उपयोगी रेडियोथैरेपी मशीनों का निर्माण करने के लिए आवश्यक इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राप्त कराने के लिए वित्तीय सहयोग प्रदान करेगा।
सीएसआईआर-सीरी के निदेशक डॉ पी सी पंचारिया ने डॉ शिवेन्द्र मौर्य सहित संस्थान की मैग्नेट्रॉन टीम को इस उपलब्धि के लिए शुभकामनाएं दी हैं।