सीएसआईआर-सीरी की वैज्ञानिक डॉ किरणमयी को मिला राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी उत्कृष्टता पुरस्कार
पिलानी, 12 मई। सीएसआईआर-सीरी की प्रधान वैज्ञानिक डॉ ए हेप्सिबा किरणमयी को भारत सरकार के टेक्नोलॉजी डेवलपमेन्ट बोर्ड द्वारा राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी उत्कृष्टता पुरस्कार 2022 के लिए चुना गया। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ जितेन्द्र सिंह ने नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस समारोह में प्रौद्योगिकी पुरस्कार प्रदान किए। संस्थान की ओर से डॉ पी सी पंचारिया, निदेशक, सीएसआईआर-सीरी ने केंद्रीय मंत्री डॉ जितेन्द्र सिंह से यह सम्मान प्राप्त किया।

डॉ किरणमयी को दूध में यूरिया, कास्टिक सोडा, अनोनियम सल्फेट, सोडियम बाइकार्बोनेट, हाइड्रोजन पेरोक्साइड, डिटर्जेन्ट, मिलावट, तरल साबुन, बोरिक एसिड, नमक तथा अन्य अनेक मिलावटी तत्वों का पता लगाने वाले यंत्र क्षीर स्कैनर और क्षीर टेस्टर की टेक्नोलॉजी के विकास में नवाचार के लिए उत्कृष्ट योगदान के लिए यह पुरस्कार प्रदान किया गया। इस पुरस्कार के अंतर्गत पुरस्कृत वैज्ञानिक को एक लाख रुपये नकद तथा ट्रॉफी प्रदान की जाती है। इस पुरस्कार के लिए संस्थान के पूर्व निदेशकों, पूर्व वैज्ञानिकों एवं अन्य सहकर्मियों ने डॉ पंचारिया और डॉ किरणमयी की सराहना की।
वहीं सीएसआईआर-सीरी में भी राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाया गया। इस अवसर पर टाटा सन्स में उपाध्यक्ष तथा नवाचार के प्रमुख रवि अरोड़ा ने सस्टेनेबल अप्रोच फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी (अर्थात विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के लिए सतत दृष्टिकोण) विषय पर तकनीकी व्याख्यान दिया। अपने व्याख्यान में उन्होंने इस रोचक विषय के अनेक महत्वपूर्ण पहलुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि हमें विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी के लाभों को जनसामान्य तक पहुँचाने के लिए अनुसंधान को उत्पाद के रूप में विकसित कर न केवल बाजार के अनुरूप ढालना होगा अपितु लोगों से फीडबैक लेकर उसमें आवश्यक सुधार भी करने होंगे। उन्होंने बताया कि भारतीय उद्योग तो नई टेक्नोलॉजी और नए उत्पादों को स्वीकार करने के लिए हमेशा ही तैयार रहते हैं लेकिन शोध संस्थानों को भी अपने नवाचारों के साथ आगे आना होगा।
डॉ पी के खन्ना, मुख्य वैज्ञानिक ने संस्थान के निदेशक एवं सभी कार्मिकों की ओर से रवि अरोड़ा का स्वागत किया तथा सभी श्रोताओं को उनका औपचारिक परिचय दिया। इससे पूर्व परियोजना प्रबंधन एवं मूल्यांकन समूह के प्रमुख डॉ सुचंदन पाल ने राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाने की पृष्ठभूमि पर प्रकाश डाला। व्याख्यान के उपरांत प्रश्नोत्तर सत्र में डॉ विजय चटर्जी, वैज्ञानिक ने संस्थान के वैज्ञानिकों एवं अन्य सहकर्मियों के प्रश्नों को श्री रवि अरोड़ा के समक्ष रखा। अरोड़ा प्रश्नों के उत्तर देकर उनकी जिज्ञासा को शांत किया। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के अवसर पर वर्चुअल माध्यम से दिए जा रहे आमंत्रित व्याख्यान का संचालन करते हुए व्यवसाय संवर्धन समूह के प्रधान वैज्ञानिक प्रमोद तँवर ने भी अरोड़ा का औपचारिक स्वागत किया। अंत में डॉ अभिजीत कर्माकर, मुख्य वैज्ञानिक एवं प्रमुख, कौशल विकास यूनिट ने धन्यवाद ज्ञापित किया।