सीएम साहब! आपकी सरकार पैसा लेती हैं गौशालाओं के नाम और खर्च करती आपदा प्रबंधन में
गौ ग्राम सेवा संघ राजस्थान का बड़ा आरोप
बीकानेर । राजस्थान की गौशालाओं का प्रतिनिधि संगठन गौ ग्राम सेवा संघ राजस्थान ने गहलोत सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है। संघ के प्रदेश कार्यकारिणी अध्यक्ष सूरजमालसिंह नीमराना ने इस संबंध में सीएम अशोक गहलोत को लिखे पत्र की प्रतिलिपि ‘द इंडियन डेली’ को उपलब्ध करवाई है। पत्र में सीएम को संबोधित करते हुए लिखा है कि वर्तमान में भारतीय गोवंश की जो दुर्दशा हो रही है, वह बहुत ही चिंताजनक है। वर्तमान सरकार गाय की इस दुर्दशा पर कोई विशेष ध्यान नहीं दे रही है, फिर भी आपके द्वारा जो सकारात्मक प्रयास किए गए उसके लिए आप की सरकार साधुवाद की पात्र है। आपकी सरकार ने कुछ अच्छे कार्य किए उसमें गौशालाओं को मिलने वाले अनुदान में 16-32 के स्थान पर 20 ₹40 कर दिए यह एक सकारात्मक काम किया। गौ ग्राम सेवा संघ आगे लिखता है कि 3200 गोवंश, 2 वर्ष पुरानी संस्था के स्थान पर, गौ ग्राम सेवा संघ राजस्थान की बहुप्रतीक्षित मांग को मानते हुए 100 गोवंश और 1 वर्ष पुरानी गौशाला कर दिया।
पंचायत समिति स्तर पर नंदीशाला खोलने के टेंडर जारी किए हैं, जो धीरे-धीरे क्रियान्वित होंगे, इन सब के लिए वर्तमान सरकार का आभार व्यक्त करते हैं।
लेकिन वर्तमान में चारा महंगा हो रहा है और गौशालाओं की हालत बहुत ज्यादा खराब है, इसलिए सरकार तुरंत प्रभाव से जनवरी फरवरी-मार्च के गौशालाओं के अनुदान का अग्रिम भुगतान करें। साल 2020 की तरह पहले पैसे का भुगतान कर दें, उसके बाद में गौशाला से भुगतान का बिल वाउचर लें। इसलिए तुरंत अप्रैल माह के अंदर अंदर भुगतान किया जाए।
श्रीमान उपरोक्त अच्छे कार्य के अलावा आप के शासन में अभी तक गोवंश के लिए कोई बड़ा बदलाव नजर नहीं आया। गहलोत साहब, आपने गौशाला संवर्धन निधि में भी डाका डाल लिया। इसमें 20% सेस गोशालाओं के अनुदान हेतु लिया जाता है, उसमें से 10% आपदा प्रबंधन में खर्च किया जाता है, श्रीमान पैसा गौशालाओं के नाम लिया जाता है और खर्च आपदा प्रबंधन में किया जाता है यह है आपकी दोगली नीति। सरकार के पास गौ संवर्धन निधि में पैसा होते हुए भी गोपालको, गौशाला संचालकों के लिए कोई राहत पैकेज की घोषणा नहीं की गई। जबकि गौशालाएं बहुत ज्यादा आर्थिक तंगी से गुजर रही है।
आपके पास विधानसभा में दिए गए उत्तर के अनुसार 21 सौ करोड़ रुपए पड़े हैं, जो कि गौ संवर्धन निधि के हैं, उसमें से आप गौशालाओं व गोपालको के लिए राहत पैकेज की घोषणा कर सकते थे, परंतु आपने ऐसा नहीं किया।
श्रीमान जिस प्रकार आप तत्परता दिखाते हुए अल्पसंख्यकों के लिए घोषणाएं करते हैं, उन्हें राहत पैकेज देते हैं, उसी प्रकार गाय भी आपके राहत पैकेज की प्रतीक्षा कर रही है। गाय हमारी संस्कृति का प्रतीक है, हमारे मान बिंदुओं का प्रतीक है, उसकी रक्षा करना आप की सरकार का कर्तव्य बनता है, परंतु आप इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। आपके द्वारा 2 मार्च 2019 जयपुर में गौशाला संचालक सम्मेलन में 9 माह अनुदान की घोषणा की गई थी वह भी आपने अभी तक पूरा नहीं किया। शायद गौ भक्तों के वोटों की आपको आवश्यकता नहीं है और गौ माता का वोट लगता नहीं। इसलिए आप गौ माता की उपेक्षा कर रहे हैं। यदि अति शीघ्र आपने इस हेतु कार्य संपन्न नहीं किया तो विवश होकर गौ माता के लिए आंदोलन करना पड़ेगा।