शहीद की ज्योति बनी सीए
मां को दिया सारा श्रेय
बीकानेर । कश्मीर के कुपवाड़ा इलाके में गश्त के दौरान 2007 में शहीद हुए नायब सूबेदार जय सिंह यादव की बेटी ज्योति यादव ने सीए बन कर न केवल परिवार का बल्कि महिला सशक्तीकरण का उदाहरण पेश किया है।
नायब सूबेदार जय सिंह यादव की 2005 में बीकानेर से कश्मीर पोस्टिंग हुई, लेकिन परिवार को बीकानेर ही रखने का निर्णय किया। परिवार में पत्नी एवं दो बच्चे ही है, लेकिन 2007 में कुपवाड़ा में गश्त के दौरान नायब सूबेदार जय सिंह यादव वीरगति को प्राप्त हुए। उस समय बच्चे बहुत छोटे थे और परिवार वालों ने शहीद की पत्नी पर गांव में जाकर रहने एवं पुत्री का जल्द ब्याह करने का दबाब बनाया, लेकिन शहीद जय सिंह की पत्नी ने बच्चों को पढ़ाने एवं करियर बनाने की ठान ली। बीकानेर रह कर बच्चों को आर्मी पब्लिक स्कूल में पढ़ाया। स्कूल के स्टाफ एवं बीकानेर के लोगों ने भरपूर प्यार और सहयोग दिया।
बेटे को हरियाणा सरकार में सिचाई विभाग में नौकरी मिल गयी पर बेटी को पढ़ा कर समाज को उदहारण पेश करने की सोची।
ज्योति ने सीए एन्ट्रन्स का फॉर्म भी अनजाने में और लोगो को देख कर भर दिया। इसके बाद बीकानेर के एक सीए से मिली तो बहुत उत्साह मिला। आज ज्योति सीए बन गयी है। वह दिल्ली की एक फर्म में काम कर रही है। सीए ज्योति शीघ्र बीकानेर आना चाहती है। टीम ऑवर फॉर नेशन एवं बीकानेर का यादव समाज ज्योति एवं उसकी वीरांगना माँ का स्वागत करेंगे।