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उत्कर्ष व पैपा की शानदार पहल, आयोजित करेंगे लाॅक डाउन बाल कहानी प्रतियोगिता

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बीकानेर। लाॅक डाउन के दौरान बच्चों में सृजन क्षमता बढ़ाने और उन्हें साहित्य से जोड़ने के उद्देश्य से “उत्कर्ष” सामाजिक सांस्कृतिक शैक्षणिक संस्थान तथा प्राईवेट एज्यूकेशनल इंस्टीट्यूट्स प्रोसपैरिटी एलायंस (पैपा) द्वारा एक अभिनव नवाचार किया जा रहा है। इस अभिनव आयाम के संयोजक गिरिराज खैरीवाल ने बताया कि बीकानेर जिले के सभी स्कूलों के 16 वर्ष तक के स्टूडेंट्स के लिए एक कहानी प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। इस विषय में विशेष जानकारी देते हुए खैरीवाल ने बताया कि दोनों संस्थाओं द्वारा लाॅकडाउन के दौरान बच्चों के लिए विशेष प्रयास के रूप में बाल कहानी प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। इस कहानी प्रतियोगिता की खासियत यह रहेगी कि प्राप्त सभी कहानियों में से प्रकाशन योग्य समस्त कहानियों का प्रकाशन एक बाल कहानी संग्रह के रूप में किया जाएगा। साथ ही प्रथम दस कहानियों के बाल रचनाकारों को आकर्षक पुरस्कारों से सम्मानित भी किया जाएगा। कहानी भेजने वाले प्रत्येक प्रतियोगी को बाल कहानी संग्रह एवं प्रमाण पत्र से पुरस्कृत किया जाएगा।
चूंकि यह सारा सृजन लॉक डाऊन के दौरान हो रहा है तो इस कहानी संग्रह का नाम लाॅकडाउन बाल कहानी संग्रह रखा गया है। खैरीवाल के मुताबिक बीकानेर के किसी भी स्कूल का नियमित स्टूडेंट इस कहानी प्रतियोगिता में शामिल हो सकता है।कहानी मातृभाषा हिन्दी में साफ साफ व स्पष्ट लिखी होनी चाहिए। कंप्यूटर या मोबाइल द्वारा टाईप की हुई कहानी पी डी एफ फार्मेट में ही भेजनी अनिवार्य है। कहानी कम से कम 200 शब्दों में तथा अधिकतम 300 शब्दों में होनी चाहिए।कहानी का कोई विषय नहीं है लेकिन कहानी मौलिक होना आवश्यक है। यदि कहानी का चयन प्रकाशन के लिए हो जाता है तो वह कहानी आयोजकों की बिना अनुमति कहीं और प्रकाशन हेतु नहीं भेजी जा सकती है।
कहानी लिखने वाले विद्यार्थी की आयु 31 मार्च 2020 को 16 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। इस हेतु कहानी के साथ प्रतियोगी को आयु का कोई भी एक मान्य प्रूफ भेजना अनिवार्य होगा।
कहानी के अंत में कहानी लिखने वाले स्टूडेंट को अपना नाम, पिता का नाम, कक्षा, स्कूल का नाम, मोबाइल नंबर व जन्म दिनांक अंकित करना अनिवार्य है।
एक पासपोर्ट साईज की फोटो भी भेजनी होगी। किसी भी कहानी को स्वीकार या अस्वीकार करने का अधिकार आयोजकों के पास रहेगा। यदि कोई प्रतियोगी किसी अन्य लेखक की कहानी प्रेषित करते हैं तो इसका समस्त उतरदायित्व कहानी भेजने वाले स्टूडेंट और उसके अभिभावक का होगा। साथ ही कहानी मौलिक होने का प्रमाण पत्र सादे कागज पर कहानी के साथ भेजना होगा। कहानी जीमेल अकाउंट [email protected] पर ही स्वीकार की जाएगी।अंतिम दिनांक 10 अप्रैल 2020 तक प्राप्त कहानियों को ही प्रतियोगिता में सम्मिलित किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि यह प्रतियोगिता पूर्णतः निशुल्क है।
खैरीवाल ने बीकानेर के सभी स्कूलों के संचालकों के साथ साथ बीकानेर के सभी बुद्धिजीवी वर्ग से अपील की है कि सृजनात्मकता के इस अभिनव प्रयास में जिले के अधिक से अधिक बच्चों को उनकी मौलिक कहानी प्रेषित करने के लिए प्रेरित कर इस नवाचार को सार्थक बनाने में महती सहयोग करें।

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