BikanerExclusiveSociety

साहित्यिक वेबसाइट ‘साहित्य गार्डन’ के ‘लोगो’ का लोकार्पण

0
(0)

बीकानेर। तकनीक के युग में यद्यपि प्रिंट मीडिया का अस्तित्व हमेशा बना ही रहेगा तथापि साहित्य के क्षेत्र में भी वेब पत्रिकाओं और सोशल मीडिया के अन्य प्लेटफार्म निरंतर पाठकों में लोकप्रिय हो रहे हैं। साहित्य को आधुनिक तकनीक से जोड़कर युवाओं को साहित्य की अक्षुण्ण परंपरा से अवगत करवाने के प्रयास का नाम है ‘साहित्य गार्डन’। यह कहना था लोकार्पण कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार, कवि- कथाकार राजेन्द्र जोशी का जो अस्मत अमीन हाउस में साहित्य गार्डन वेबसाइट लोगो के लोकार्पण कार्यक्रम में विचार व्यक्त कर रहे थे। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि के रूप में विचार व्यक्त करते हुए साहित्यकार नदीम अहमद नदीम ने कहा कि साहित्य गार्डन आम वेबपत्रिकाओं से अलग हटकर केवल साहित्यिक सरोकारों को ही पूरा कर अलग मुकाम हासिल करेगी। नदीम ने कहा कि साहित्यिक वेबसाइट संपादक संजय जनागल का एक अभिनव प्रयोग है और यह सफल इसलिए भी होना है क्योंकि संजय जनागल स्वयं एक साहित्यकार है और विगत लंबे समय से साहित्य सृजन संबंधी कार्यों में सलंग्न है। विशिष्ट अतिथिञ लोकेश आचार्य ने कहा कि साहित्यिक वेबसाइट साहित्य गार्डन का स्वागत इसलिए भी किया जाना आवश्यक है क्योंकि हिन्दी के साथ मायड़ भाषा राजस्थानी और अंग्रेजी को शामिल कर रचनात्मकता का परिचय दिया है। वेबसाइट संपादक संजय जनागल ने बताया कि वेबसाइट के जरिए राजस्थानी मान्यता आन्दोलन के रचनात्मक स्वरूप को भी पाठकों के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा और मान्यता के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे। जिसके तहत विश्व के कोने-कोने से राजस्थानियों को जोड़ने की कोशिश की जाएगी।
साहित्य गार्डन वेबसाइट का प्रमुख उद्देश्य युवा पीढ़ी को साहित्यिक संस्कारों से जोड़ना है ताकि भाषाओं के सम्मान के साथ युवा वर्ग शिद्दत से साहित्य को आत्मसात् कर सके। इस अवसर पर संपादक संजय जनागल ने वेबसाइट के निर्माण में प्रमुख भूमिका निर्वहन करने वाले शक्ति सिंह का परिचय आगंतुकों के समक्ष करते हुए उनका आभार व्यक्त किया। संपादक संजय जनागल ने वेबसाइट निर्माण के अनुभवों का साझा करते हुए कहा कि तकनीकी कार्य के दौरान ही तकनीकी विशेषज्ञ शक्ति सिंह को साहित्यानुराग हो गया।
संपादक संजय जनागल ने बताया कि साहित्य गार्डन वेबसाइट में प्रकाशन हेतु रचनाएं आमंत्रित की गई है जो हिन्दी, अंग्रेजी एवं राजस्थानी भाषा की किसी भी विधा में हो सकती है। रचनाएं वेबसाइट के ईमेल एड्रेस [email protected] पर प्रेषित की जा सकती है। आगंतुकों का आभार इमरोज नदीम ने व्यक्त किया। इस अवसर पर अरमान नदीम, आनन्द स्वामी, अब्दुल रऊफ राठौड़, शिक्षिका तस्नीम बानो, झंवर पन्नू आदि की गरिमामयी उपस्थिति रही।

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Average rating 0 / 5. Vote count: 0

No votes so far! Be the first to rate this post.

As you found this post useful...

Follow us on social media!

Leave a Reply